Jul 4, 2019

आवारगी हमारी-ये नजदीकियां १९८२

कला फिल्मों के अलावा भी बॉलीवुड में अलग-हट-के फ़िल्में
बनती रही हैं. आजकल तो ऐसी फिल्मों को जोर ज्यादा है.
एक समय था जब ऐसी रिस्क लेने वाले कम हुआ करते थे.

सन १९८२ में रिलीज़ फिल्म ये नजदीकियां आर्ट फिल्मों और
कमर्शियल सिनेमा के ब्लेंड जैसा कुछ है. अब चाहे कथानक
से इसे समझा जाए या फिल्म के गीत-संगीत से. इसमें कुछ
तो हैं मुख्यधारा के सिनेमा वाले कलाकार. परवीन बाबी,
मार्क जुबेर, शबाना आज़मी इन तीनों में से कला फिल्मों का
अनुभव शबाना आज़मी को सबसे ज्यादा है. उसके बाद नंबर
आता है मार्क ज़ुबेर का. फिल्म में सुधीर पांडे, विनोद पांडे
भी मौजूद हैं. विनोद पांडे फिल्म के निर्देशक हैं.

आर्ट सिनेमा और कमर्शियल सिनेमा के इस ब्लेंड को सिंपल
भाषा में ऑफबीट कहा जाता है. इन्हें हम सामान्य भाषा में
अलग-हट-के कहते हैं. ऑफबीट टर्म की ईज़ाद भी फिल्म
समीक्षकों द्वारा ही हुई है. वैसे अलग-हट-के का दुरूपयोग
फिल्म कलाकार और निर्माता-निर्देशक अक्सर किया करते हैं.

सुनते हैं तलत अज़ीज़ का गाया एक गीत जो विनोद पांडे का
लिखा हुआ है. संगीतकार हैं रघुनाथ सेठ जो ऑफबीट फिल्मों
के विशेषज्ञ संगीतकार रह चुके हैं. 



गीत के बोल:
आवारगी आवारगी आवारगी आवारगी
आवारगी हमारी प्यारी सी थी कभी जो
वही आज हमको रुलाने लगी है
जो भरती थी दिल में तरंगे हमेशा
वही आज दिल को जलाने लगी है
आवारगी हमारी

न कोई ग़म न गिला, न कोई शुबः का निशान
न कोई ग़म न गिला, न कोई शुबः का निशान
पाई थी हर खुशी, हर सुक़ूँ हमको था
नग़मे थे बहारों के, तरन्नुम हर कहीं
फिर भी क्यों, हम भटका कियें, ये तू ही बता
आवारगी आवारगी

आवारगी हमारी प्यारी सी थी कभी जो
वही आज हमको रुलाने लगी है
आवारगी हमारी

खामोशियाँ हैं हर तरफ़, तन्हाईयाँ हैं हर तरफ़
खामोशियाँ हैं हर तरफ़, तन्हाईयाँ हैं हर तरफ़
यादों के भँवर से, अब कैसे निकलें
साथी न रहा कोई, न कोई हमसफ़र
ज़िंदगी के सफ़ें पर, लिखने को है, अब तो बस
आवारगी आवारगी

आवारगी हमारी प्यारी सी थी कभी जो
वही आज हमको रुलाने लगी है
जो भरती थी दिल में तरंगे हमेशा
वही आज दिल को जलाने लगी है
आवारगी हमारी
.........................................................................
Awargi hamari-Ye nazdeekiyan 1982

Artists:

3 comments:

Canada ka chhaila,  August 14, 2019 at 1:39 PM  

Thanks

Mexico ki laila,  August 14, 2019 at 3:39 PM  

Thanks

Geetsangeet August 16, 2019 at 1:43 PM  

लैला मजनू दोनों को धन्यवाद

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