Oct 17, 2020

छलके तेरी आँखों से-आरज़ू १९६५

नया ब्लोगर इंटरफेस समझ के बाहर है. कोई भी नयी चीज़ हो करेंट
सा झटका मारती है मगर शनै: शनै: वो समझ आने लगती है. अक्टूबर
की ये पोस्ट लिखते समय ही मूड खराब हो गया. ये अपडेट करो, वो 
अपडेट करो. इससे अच्छा मुझे लगा एकांत में रह कर मन की 
शांति को अपडेट कर लो. कोरोना काल भी है, मौका भी है और
दस्तूर भी.

मोबाईल फोन को भी लगता है कोरोना हो चला है. इस काल में 
शुभचिंतकों की घंटियाँ भी कम सुनाई नहीं दीं, मानो कोरोना फोन 
से घुस कर उन्हें संक्रमित कर देगा.

छलके तेरे फोन से व्हाट्स एप और ज्यादा....................
 
 
 


गाने  के बोल:

इसके बोल मुझे यकीन है आपको याद हो गए होंगे, फिर भी 
आवश्यकता हो तो कमेन्ट बोक्स में कुछ शब्द छोड़ दें
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Chhalke teri ankhon se-Arzoo 1965

Artists: Rajendra Kumar, Sadhana

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