Apr 9, 2009

दरवाजा खुला छोड़ आई-नाजायज़ १९९५

अजीब-ओ-गरीब सी आवाज़ वाले गाने शायद हमने अभी तक इस ब्लॉग
में शामिल नहीं किए। एक आज मेरे दिमाग में आया -महेश भट्ट
के निर्देशन में बनी १९९५ की फ़िल्म नाजायज़ में एक गाना है-
दरवाजा खुला छोड़ आई , नींद के मारे। इसमे "टिक टोक टिक टोक "
और इसके अलावा भी थोडी अजीब सी आवाजें हैं इसके लिए आपको
गीत सुनना पड़ेगा। इसके बोल लिखे हैं पुष्पा वर्मा ने और धुन बनाई है
अन्नू मलिक ने।

आवाज़ है अलका याग्निक की। साथ में दूसरी आवाज़ शायद इला अरुण
की है। अभिनेत्री को आप पहचान ही गए होंगे। ये हैं जूही चावला। साथ
में एक स्पेशल मॉडल है काली ड्रेस में जो बाकी लोगों से ज़्यादा हिलडुल
रहा है.


गीत के बोल:

हूँ क्या हुआ ये क्या हुआ
हाय ये तेरा चेहरा देख तो उड़ा उड़ा
रे कुर्ती मसक गई चुनरी खुसका गई
पांव पड़ते हैं उधर ध्यान तेरा है किधर
किसी ने तुझको छुआ
कुछ न कुछ गोरी हुआ
बोल ये कैसे हुआ

नींद के मारे टिकटॉक टिकटॉक
टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक
टिकटॉक टिकटॉक

दरवाज्जा खुला छोड़ आई नींद के मारे
दरवाज्जा खुला छोड़ आई नींद के मारे
दरवाज्जा खुला छोड़ आई नींद के मारे
दरवाज्जा खुला छोड़ आई नींद के मारे
टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक
टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक

ऐ मैं जाने क्या क्या तोड़ आई नींद के मारे
मैं जाने क्या क्या तोड़ आई नींद के मारे
दरवाज्जा खुला छोड़ आई नींद के मारे

टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक
टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक

रात मोरे सैंया ने पानी मांगा
अरे रात तोरे सैंया ने पानी मांगा
रात मोरे सैंया ने पानी मांगा
अरे पिलाया क्या
हाय मैं कुएं में धकेल आई नींद के मारे
मैं कुएं में धकेल आई नींद के मारे
दरवाज्जा खुला छोड़ आई नींद के मारे

टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक
टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक

रात मोरे सैंया ने अण्डा मांगा
अरे रात तोरे सैंया ने अण्डा मांगा
रात मोरे सैंया ने अण्डा मांगा
खिलाया क्या
हाय दईया मैं डन्डा परोस आई नींद के मारे
मैं डन्डा परोस आई नींद के मारे
दरवाज्जा खुला छोड़ आई नींद के मारे

टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक
टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक

अरे रात मोरे सैंया ने बीड़ा मांगा
होये रात तोरे सैंया ने बीड़ा मांगा
रात मोरे सैंया ने बीड़ा मांगा
अरे चूना लगाया
हाय हाय मैं चूरन चटाय आई नींद के मारे
मैं चूरन चटाय आई नींद के मारे
दरवाज्जा खुला छोड़ आई नींद के मारे

टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक
टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक

रात मोरे सैंया ने कुरता मांगा
रात तोरे सैंया ने कुरता मांगा
अरे रात मोरे सैंया ने कुरता मांगा
अब तू क्या गज़ब कर आई
ऐ मैं अंगिया पहनाय आई नींद के मारे
मैं अंगिया पहनाय आई नींद के मारे
दरवाज्जा खुला छोड़ आई नींद के मारे

टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक
टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक

अरे रात मोरे सैंया ने लुंगी मांगी
अरे रात तोरे सैंया ने लुंगी मांगी
हो रात तोरे सैंया ने लुंगी मांगी
अब क्या थमा आईं
टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक
मैं लहंगा पकड़ाय आई नींद के मारे
मैं लहंगा पकड़ाय आई नींद के मारे
दरवाज्जा खुला छोड़ आई नींद के मारे

टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक
टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक टिकटॉक

अरे रात मोरे सैयां ने तकिया माँगा
रात तोरे सैयां ने तकिया माँगा
हाँ रात मोरे सैयां ने तकिया माँगा
कुछ ना कुछ कर आई
पड़ोसन सुलाय आई नींद के मारे
पड़ोसन सुलाय आई नींद के मारे

अरे सोई पड़ोसन सिंगार तेरा टूटा
ईंट कहीं मारी और अनार कहीं छूटा
गोली कहीं दागी और गोली कहीं लागी
हमसे कहे सोयी और तू पिया संग जागी
तू सही काम कर आई नींद के मारे
तू सही काम कर आई नींद के मारे
……………………………………………………
Darwajja khula chhod aayi-Najayaz 1995

Artists: Juhi Chawla, Gulshan Grover,

1 comments:

तापसी मन्नू,  February 9, 2018 at 10:26 PM  

कृपया बोल दीजिए

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