Apr 11, 2009

बार बार दिन ये आए-फ़र्ज़ १९६७

जन्मदिन के अवसर वाला गीत. फिल्म फ़र्ज़ जो १९६७
की फिल्म है अपने गीतों के लिए भी चर्चित रही। गीत
लिखा है आनंद बक्षी ने और तर्ज़ है लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल
की। सुनीता उस चरित्र का नाम है जिसे जन्म दिन की
शुभकामना दी जा रही है। एक जासूसी कहानी पर बनी
फिल्म में सारे मसाले मौजूद हैं सिवाए कुम्भ के मेले में
बिछड़े हुए भाइयों के।



गाने के बोल:

हैप्पी बर्थडे टू यू
हैप्पी बर्थडे टू यू
हैप्पी बर्थडे टू यू, सुनीता, हैप्पी बर्थडे टू यू

बार बार दिन यह आये, बार बार दिल यह गाये
तू जिये हज़ारों साल, यह मेरी है आरज़ू
हैप्पी बर्थडे टू यू
हैप्पी बर्थडे टू यू
हैप्पी बर्थडे टू यू, सुनीता, हैप्पी बर्थडे टू यू

बेक़रार होके दामन, थाम लूँ मैं किसका
बेक़रार होके दामन, थाम लूँ मैं किसका
क्या मिसाल दूँ मैं तेरी, नाम लूँ मैं किसका
नहीं, नहीं, ऐसा हसीं, कोई नहीं है
जिस पे यह नज़र रुक जाये, बेमिसाल जो कहलाये
तू जिये हज़ारों साल, यह मेरी है आरजू
हैप्पी बर्थडे टू यू
हैप्पी बर्थडे टू यू
हैप्पी बर्थडे टू यू, सुनीता, हैप्पी बर्थडे टू यू

औरों की तरह कुछ मैं भी, तोह्फ़ा ले आता
मैं तेरी हसीं महफ़िल में, फूल ले के आता
जिन्हें कहा उसे चाहा, फूलों की ज़रूरत
जो पहर खुद कहलाये, हर कली का दिल धड़काये
तू जिये हज़ारों साल, यह मेरी है आरजू

हैप्पी बर्थडे टू यू
हैप्पी बर्थडे टू यू
हैप्पी बर्थडे टू यू, सुनीता, हैप्पी बर्थडे टू यू
..........................................................................
Baar baar din ye aaye-Farz 1967

Artists: Jeetendra, Babita

1 comments:

पप्पू,  April 19, 2018 at 11:24 PM  

सुनीता की जगह बबीता होता तो भी क्या फर्क पडता ?

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