मेरी आवाज़ किसी शोर में-उस रात के बाद १९७०
और कलाकारों की कला में भी जादू है। जिन्होंने सलिल चौधरी
के जटिल संगीत वाले गीत सुने हैं, उनको ये गीत अवश्य पसंद
आएगा। एक गुमनाम सी फिल्म-उस रात के बाद से ये गीत लिया
गया है जिसे हेमंत कुमार गा रहे हैं। गुलज़ार के लिखे बोलों को
स्वरबद्ध हेमंत कुमार ने किया है। गीत फिल्माया गया है संजीव कुमार
पर।
गीत के बोल:
मेरी आवाज़, किसी शोर में गर डूब गयी
मेरी ख़ामोशी, बहुत दूर, बहुत दूर
बहुत दूर, सुनाई देगी
मेरी आवाज़, किसी शोर में गर डूब गयी
मेरी ख़ामोशी को, तुम पास बुला कर सुनना
फिर किसी रात, किसी रात के परदे में कहीं
अपने होठों से, मेरा नाम, मेरा नाम
मेरा नाम, बुला कर सुनना
मेरी आवाज़, किसी शोर में गर डूब गयी
मेरी ख़ामोशी, बहुत दूर, बहुत दूर
बहुत दूर, सुनाई देगी
बात सहमे हुए, होठों पे सम्भल जाएगी
तुम ज़रा देर, अगर देखो हमारी जानिब
हम यही सोच के, हर मोड़ पे मुड़ जाते हैं
काश ये मोड़ भी, मुड़ता हो तुम्हारी जानिब
मेरी आवाज़, किसी शोर में गर डूब गयी
मेरी ख़ामोशी, बहुत दूर, बहुत दूर
बहुत दूर, सुनाई देगी
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Meri awaaz kisi shor mein-Us raat ke baad
Artist: Sanjeev Kumar
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