Apr 21, 2009

कोई प्यार की देखे जादूगरी-कोहिनूर १९६०

सब्ज़ परी की सबसे पहली परिभाषा हमें सुनाई पड़ी-वो
परी जो सब्ज़ियाँ ज्यादा खाती है। सयाने होते होते उसका
असली अर्थ मालूम पड़ा।

इस गीत का विडियो कहीं देखा तो समझ नहीं आया कि
हीरो हिरोइन उछल क्यूँ रहे हैं। ध्यान से देखने पर पाया
कि वे घोड़े पे सवार हैं। दिलीप कुमार के सर के बाल हवा
में ज्यादा उड़ रहे हैं बजाये मीना कुमारी के। आप उड़ती
नज़र से इसका विडियो देख कर आनंद नहीं उठा सकते हैं।
अब इस मधुर गीत के बारे में बेवजह चर्चा नहीं की जा
सकती , सुनिए और आनंद उठाइए।



गीत के बोल:

कोई प्यार की देखे जादूगरी
गुलफाम को मिल गई सब्ज़ परी

कोई प्यार की देखे जादूगरी
गुलफाम को मिल गई सब्ज़ परी

हम प्यार के पंछी मस्ताने
कोई रंग हमारे क्या जाने
हम प्यार के पंछी मस्ताने
कोई रंग हमारे क्या जाने

नहीं एक ठिकाना जीवन में
कल क़ैद में थे अब गुलशन में
नहीं एक ठिकाना जीवन में
कल क़ैद में थे अब गुलशन में

तकदीर की है सब कारीगरी
तकदीर की है सब कारीगरी

कोई प्यार की देखे जादूगरी
गुलफाम को मिल गई सब्ज़ परी

कोई प्यार की देखे जादूगरी
गुलफाम को मिल गई सब्ज़ परी
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Koi pyar ki dekhe jadugari-Kohinoor 1960

Artists: Meena Kumari, Dilip Kumar

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