पिया मिलन को जाना-कपाल कुंडला 1938
पंकज मालिक नाम है बंगाल के बेहद प्रतिभाशाली
गायक और संगीतकार का। इनको फ़िल्म जगत का सर्वोच्च
सम्मान- दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिल चुका है। सहगल
के कई गीत इन्होने सुरों में पिरोये हैं। कुछ सहगल के गाये गाने इनकी
आवाज़ में भी उपलब्ध हैं । इस तरह से संगीत प्रेमियों का आनंद
दुगना हो जाता है । यह फ़िल्म कपाल कुंडला का गाना है जो सन् १९३८ में
रिलीज़ हुई थी ।
गाने के बोल:
पिया मिलन को जाना
पिया मिलन को जाना
जग की लाज, मन की मौज
दोनों को निभाना
पिया मिलन को जाना
पिया मिलन को जाना
कांटे बिखरा के चलूँ
पानी ढलका के चलूँ
कांटे बिखरा के चलूँ
पानी ढलका के चलूँ
सुख के लिए सीख रखूँ
सुख के लिए सीख रखूँ
पहले दुःख उठाना
पिया मिलन को जाना
पिया मिलन को जाना
पायल को बाँध के
पायल को बाँध के
उठी चुभ नाग के
पायल को बाँध के
धीरे धीरे, दबे दबे
पांव को बढ़ाना
पिया मिलन को जाना
बुझे दिए अँधेरी रात
आँखों पर दोनों हाथ
बुझे दिए अँधेरी रात
आँखों पर दोनों हाथ
कैसे कटे कठिन बाट
चल के आजमाना
पिया मिलन को जाना
पिया मिलन को जाना
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