तेरी जात क्या है -ज़िन्दगी ज़िन्दगी
याद आ जाता है। एक प्रश्नवाचक गीत जो समाज की वर्ण व्यवस्था
पर कुछ कह रहा है। गौर कीजिये। गीत गाया है किशोर कुमार ने ।
नायक हैं सुनील दत्त और इस गाने की धुन बनाई है एस डी बर्मन ने।
बड़े ही हलके फुल्के अंदाज़ में बात कह दी गई है। किशोर कुमार के
अंदाज़ से कहीं कहीं लगता है मानो वे देव आनंद के लिए गीत गा रहे हों।
गाने के बोल:
तेरी जात् क्या है मेरी जात् क्या है
तेरी मेरी मेरी तेरी
तेरी जात् क्या है मेरी जात् क्या है
समझ का है फेर और बात क्या है
अरे समझ का है फेर और बात क्या है
तेरी जात् क्या है मेरी जात् क्या है
बड़े बड़े लोगों ने छोटी सी बात न जानी
बड़े बड़े लोगों ने छोटी सी बात न जानी
गंगा का हो या कुवें का पानी तो है पानी
रे भाई पानी रे भाई पानी
बड़े बड़े लोगों ने छोटी सी बात न जानी
गंगा का हो या कुवें का पानी तो है पानी
वह री दुनिया दीवानी
झगडा जहाँ में दिन रात क्या है
झगडा जहाँ में दिन रात क्या है
तेरी जात् क्या है ओ मेरी जात् क्या है
छोटे आदमी का छोटा काहे को है नांव
छोटे आदमी का छोटा काहे को है नांव
बड़े आदमी के होते हैं क्या चार पाँव
चार पाँव चार पाँव चार पाँव
छोटे आदमी का छोटा काहे को है नांव
बड़े आदमी के होते हैं क्या चार पाँव
ओ बड़ा शहर छोटा गाँव छोटा गाँव
ये भेद भाव छूत छात क्या है
ये भेद भाव छूत छात क्या है
तेरी जात् क्या है ओ मेरी जात् क्या है
जिसने जैसे घर में जैसे कुल में जनम पाया
जिसने जैसे घर में जैसे कुल में जनम पाया
वैसा नाम वैसा काम वैसा धरम पाया
रे भाई पाया रे भाई पाया
जिसने जैसे घर में जैसे कुल में जनम पाया
जिसने जैसे घर में जैसे कुल में जनम पाया
वैसा नाम वैसा काम वैसा धरम पाया
माँ ये तूने ही सिखाया
मर्ज़ी प्रभु की अपने हाथ क्या है
मर्ज़ी प्रभु की अपने हाथ क्या है
तेरी जात् क्या है ओ मेरी जात् क्या है
ओ मेरी तेरी तेरी मेरी ....
0 comments:
Post a Comment