मेरी ज़िन्दगी में आते-कन्यादान १९६८
याद आ गया। कन्यादान मोहन सहगल ने निर्देशित की थी। मोहन सहगल
की कुछ हिट फिल्में हैं -कर्तव्य (१९७९), राजा जानी(१९७२) और
सावन भादो(१९७०)।
१९५४ में किशोर कुमार अभिनीत अधिकार से लेकर उनका निर्देशन का
सफर काफ़ी लंबा चला। साल तो ज्यादा बीते, फिल्में कम आई। एक
उल्लेखनीय फ़िल्म है उनकी १९६६ की देवर। ऐसा लगता है वे धर्मेन्द्र के
ज्यादा कायल रहे। फ़िल्म देवर में हीरो धर्मेन्द्र थे । ये ऊपर के तथ्य
बताना इसलिए आवश्यक है, क्यूंकि, सावन भादो में नवीन निश्चल नाम
का नया चेहरा हीरो था, तो कन्यादान में शशि कपूर । ये दोनों फिल्में हिट
रही। उनकी फिल्मों का संगीत पक्ष मजबूत रहा है। इस गीत पर गौर
फ़रमाया जाए- फ़िल्म कन्यादान के।
इसमे वो सारे तत्व हैं जो शम्मी कपूर अभिनीत कई फिल्मों में पाये जाते
थे- रफी की आवाज़, शंकर जयकिशन का संगीत और हसरत जयपुरी के
बोल। गीत वाकई बढ़िया बना है। शशि कपूर का व्यक्तित्व उस पर चार चाँद
लगा रहा है। और हाँ, अंत में, जिनकी ओर इशारा करके हमारा हीरो गा रहा
है वो अभिनेत्री हैं आशा पारेख।
गाने के बोल:
उनकी जुल्फें उनके चेहरे से हटा सकता नहीं
दिल की बेताबी किसी सूरत छुपा सकता नहीं
कितनी दिलकश है मोहब्बत की जवां मजबूरियां
सामने मंजिल है और पाँव बढ़ा सकता नहीं
मेरी ज़िन्दगी में आते, तो कुछ और बात होती
तो कुछ और बात होती
मेरी ज़िन्दगी में आते, तो कुछ और बात होती
तो कुछ और बात होती
ये नसीब जगमगाते, तो कुछ और बात होती,
तो कुछ और बात होती
कई बार मिल चुकी हैं, ये हसीं हसीं निगाहें
कई बार मिल चुकी हैं, ये हसीं हसीं निगाहें
वोही बेक़रारियाँ हैं, न मिली खुशी की राहें
मेरे दिल से दिल मिलाते, तो कुछ और बात होती
तो कुछ और बात होती
मेरी ज़िन्दगी में आते, तो कुछ और बात होती
तो कुछ और बात होती
मुझे क्या गरज किसी से, हँसे फूल या सितारे
मुझे क्या गरज किसी से, हँसे फूल या सितारे
हैं मेरी नज़र में फीके, ये जवां जवां नज़ारे
अगर आप मुस्कुराते, तो कुछ और बात होती
तो कुछ और बात होती
मेरी ज़िन्दगी में आते, तो कुछ और बात होती
तो कुछ और बात होती
ये खुशी रहे सलामत, यूँही जश्न हो सुहाना
ये खुशी रहे सलामत, यूँही जश्न हो सुहाना
जिसे सुन रही है दुनिया, मेरे दिल का है तराना
मेरे साथ तुम भी गाते, तो कुछ और बात होती
तो कुछ और बात होती
मेरी ज़िन्दगी में आते तो कुछ और बात होती
तो कुछ और बात होती
ये नसीब जगमगाते तो कुछ और बात होती,
तो कुछ और बात होती
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Meri zindagi mein aate-Kanyadan 1968
Artist: Shashi Kapoor
3 comments:
Lovely
तू कौन है? मैं असली वाला हूँ
लड़ क्यूँ रहे हो भाई लोग.
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