अँखियों के झरोखों से-अँखियों के झरोखों से १९७८
साफ़ सुथरी और पारिवारिक फिल्में उस दौर में बहुत सी आई ।
ये कुछ उन लंबे नाम वाली फिल्मों में से एक है जिन्होंने बॉक्स
ऑफिस पर झंडे गाड़े। इसमे नए चेहरे थे-सचिन और रंजीता।
बिना स्थापित कलाकारों के किसी फ़िल्म को हिट करना आसान
बात नहीं है। इस गीत की गायिका हैं हेमलता जिनके सर्वश्रेष्ट
गीतों में से एक है ये गीत। संगीतकार रवीन्द्र जैन हैं। ये गीत
फ़िल्म का शीर्षक गीत यानि कि टाइटल सोंग है ।
गाने के बोल:
अँखियों के झरोखों से, मैने देखा जो सांवरे
अँखियों के झरोखों से, मैने देखा जो सांवरे
तुम दूर नज़र आए, बड़ी दूर नज़र आए
बंद करके झरोखों को, ज़रा बैठी जो सोचने
बंद करके झरोखों को, ज़रा बैठी जो सोचने
मन में तुम्हीं मुस्काए, मन में तुम्हीं मुस्काए
अँखियों के झरोखों से..
इक मन था मेरे पास वो, अब खोने लगा है
पाकर तुझे, हाय मुझे, कुछ होने लगा है
इक मन था मेरे पास वो, अब खोने लगा है
पाकर तुझे, हाय मुझे, कुछ होने लगा है
इक तेरे भरोसे पे, सब बैठी हूँ भूल के
इक तेरे भरोसे पे, सब बैठी हूँ भूल के
यूँ ही उम्र गुज़र जाए, तेरे साथ गुज़र जाए
अँखियों के झरोखों से..
जीती हूँ तुम्हें देख के, मरती हूँ तुम्हीं पे
तुम हो जहाँ, साजन मेरी, दुनिया है वहीं पे
जीती हूँ तुम्हें देख के, मरती हूँ तुम्हीं पे
तुम हो जहाँ, साजन मेरी, दुनिया है वहीं पे
दिन रात दुआ माँगे, मेरा मन तेरे वास्ते
दिन रात दुआ माँगे, मेरा मन तेरे वास्ते
कहीं अपनी उम्मीदों का, कोई फूल न मुरझाए
अँखियों के झरोखों से..
मैं जब से तेरे प्यार के, रंगों में रंगी हूँ
जगते हुए सोई रही, नींदों में जगी हूँ
मैं जब से तेरे प्यार के, रंगों में रंगी हूँ
जगते हुए सोई रही, नींदों में जगी हूँ
मेरे प्यार भरे सपने, कहीं कोई न छीन ले
मेरे प्यार भरे सपने, कहीं कोई न छीन ले
दिल सोच के घबराए, यही सोच के घबराए
अँखियों के झरोखों से, मैने देखा जो सांवरे
तुम दूर नज़र आए, बड़ी दूर नज़र आए
बंद करके झरोखों को, ज़रा बैठी जो सोचने
मन में तुम्हीं मुस्काए, मन में तुम्हीं मुस्काए
अँखियों के झरोखों से..
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Ankhiyon ke jharokhon se-Title song 1978
Artists: Sachin, Ranjeeta
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