Dec 13, 2009

अँखियाँ मिला के ज़रा बात करो जी -परदेस १९५०

एक कर्णप्रिय युगल गीत लता और रफ़ी का गाया हुआ फ़िल्म
१९५० की फ़िल्म परदेस से। गीत लिखा है शकील बदायूनी ने और
धुन बनाई है गुलाम मोहम्मद ने। इसे फिल्माया गया है रहमान
और मधुबाला पर। ये भी एक कम बजा और सुना हुआ गीत है।
गाने की शुरुआत मँडोलिन और सितार की जुगलबंदी से होती है ।



गीत के बोल:

दिल की आवाज़ में, इतना तो असर हो जाए
मैं इधर आह करूं, उनको ख़बर हो जाए

अँखियाँ मिला के ज़रा बात करो जी
अँखियाँ मिला के ज़रा बात करो जी
चोरी चोरी
चोरी चोरी यूँ न मुलाकात करो जी
चोरी चोरी
हो चोरी चोरी यूँ न मुलाकात करो जी

हो,ओ ओ ओ , हो ,ओ ओ ओ
दिल के खजाने कोई आया है लुटाने
अजी दिन हैं सुहाने चले आओ न
दिल के खजाने कोई आया है लुटाने
अजी दिन हैं सुहाने चले आओ न
चले आओ न

बन के निराले बड़े आए दिलवाले
ओ जी ओ जी भोले भले हटो जाओ न
हटो जाओ न

दिल में समां के न ये घात करो जी
दिल में समां के न ये घात करो जी
चोरी चोरी
चोरी चोरी यूँ न मुलाकात करो जी
चोरी चोरी
चोरी चोरी यूँ न मुलाकात करो जी

हो,ओ ओ ओ , हो ,ओ ओ ओ

छुप के न आओ, जाओ जाओ न सताओ
धुन प्यार की न गाओ परदेसिया
छुप के न आओ, जाओ जाओ न सताओ
धुन प्यार की न गाओ परदेसिया
परदेसिया

दिल मेरा गाये तुम्हे भये के न भये
अजी हमने तो हाय दिल दे दिया
हाय दिल दे दिया

बतियाँ न ऐसी दिन रता करो जी
बतियाँ न ऐसी दिन रता करो जी

चोरी चोरी
चोरी चोरी यूँ न मुलाकात करो जी
चोरी चोरी
हो चोरी चोरी यूँ न मुलाकात करो जी

अँखियाँ मिला के ज़रा बात करो जी
चोरी चोरी
चोरी चोरी यूँ न मुलाकात करो जी

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