Dec 21, 2009

कल के सपने-आदमी १९६८

लता मंगेशकर का गाया एक गीत। विवरण पोस्ट के टैग में दिया हुआ है ।
आज उतने से ही काम चलायें।



गीत के बोल:

कल के सपने, आज भी आना
कल के सपने, आज भी आना
प्रीतम को भी, साथ में लाना
प्रीतम को भी, साथ में लाना
कल के सपने, आज भी आना

आज भी दिन है, मधुर सुहाना
बाज रही है, मन की बांसुरिया
नैनों के तट पे , प्रेम के रथ पे
लौट के अब तो, आ जा संवरिया
मैं भी सुनाऊँ, दिल का तराना
मैं भी सुनाऊँ, दिल का तराना

कल के सपने, आज भी आना

झूमते बदल गाते झरने
आज किसी को ढूंढ रहे हैं
मैं तो ये जानूं सारे नज़ारे
सजना तुझी को ढूंढ रहे हैं
आज मुजे भी, दरस दिखाना
आज मुजे भी, दरस दिखाना

कल के सपने, आज भी आना

मेरी नगरिया, आ मेरे रसिया
डगर डगर मैं , आखियाँ बिछाऊ
दिल में बिठा के, नैन मिला के
जनम जनम की प्यास बुझाऊँ

तोहे सिखाऊ, प्रीत निभाना
तोहे सिखाऊ, प्रीत निभाना

कल के सपने, आज भी आना
प्रीतम को भी, साथ में लाना
यस्टरडे के सपने, टुडे भी आना
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Kal ke sapne-Aadmi 1968

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