Feb 16, 2010

जबसे हुई है मोहब्बत-प्यासी रात ????

कभी कभी कुछ अति शानदार गीत भी देखने को मिल जाते हैं यू ट्यूब पर।
आइये एक भूतिया फिल्म का गीत सुना जाए।

हिंदी फिल्मों के हीरो अपनी सेहत और फिगर को लेकर बहुत सजग रहते हैं।
बाग़ में सुबह सुबह की ताज़ी हवा खाता हीरो हिरोइन की फोटो हाथ में लेकर
एरोबिक्स कर रहा है जिसको हम नृत्य कह सकते हैं । हीरो बहुत ही dashing
है और उसने कपडे भी latest fashion वाले पहन रखे हैं। उसने नृत्य की शिक्षा
अवश्य ही बिरजू महाराज या गोपी किशन से ली होगी। कितनी सफाई से वो
गुलाटियां खाता है देख के लगता है कि हमारे देश के खेल अधिकारी उसको
ओलिम्पिक की ऊंची कूद की प्रतियोगिता में भेज कर किसी पदक की आशा
कर सकते हैं। मोहब्बत शब्द बोलते समय ऐसा लग रहा है सोडा पीने के बाद
आने वाली डकार के साथ शब्द मुखारविंद से फूट पद रहे हों। क्या स्पेशल इफेक्ट
है जिसके लिए फिल्म के निर्देशक को धन्यवाद्। गाने में नायिका का पदार्पण
भी होता है उसके साथ वो ऐसे गुत्थम गुत्था होता है जैसे वाशिंग मशीन में
धुलाई के वक़्त कपडे एक दूसरे से गुत्थम गुत्था हो जाते हैं। बाबा रामदेव के
योग के अंदाज़ में वो अपना पेट हिलाता है उससे शर्तिया उसकी तोंद कुछ
अवश्य कम हुई होगी। इस गाने की अगर ४-५ रिहर्सल भी हुई होगी तो उसका
वज़न ४-५ किलो कम हो गया होगा। हाथ वो इतनी सफाई से हिला डुला रहा
है कि किसी पक्षी या जानवर के पास फटकने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
बावजूद इन सब खूबियों के पता नहीं क्यूँ इसको अपलोड करने वाले ने इसका
नाम "world's most pathetic dance" दे रखा है ?? । गाने के आखिर में वो
इतने जोर जोर से हिलता है मानो तंग पतलून से बहार आने को बेताब हो। गीत
के गायक और संगीतकार के बारे में अगर आपको जानकारी हो तो मुझे अवश्य
बताने की कृपा करें।



गीत के बोल:

जबसे हुई है मोहब्बत
कल की नहीं फुर्सत
जबसे हुई है मोहब्बत
कल की नहीं फुर्सत
कभी उनके ख्वाबों में
कभी उनके ख्यालों में
कभी उनके ख्वाबों में
कभी उनके ख्यालों में

उलझा हुआ हूँ मैं बहुत
जबसे हुई है मोहब्बत
कल की नहीं फुर्सत

मोहब्बत, मोहब्बत
मोहब्बत, मोहब्बत

वोही रहे सामने
आँखों की तमन्ना है
वोही रहे मेरे दिल में
साँसों की तमन्ना है
वोही रहे सामने
आँखों की तमन्ना है
वोही रहे मेरे दिल में
साँसों की तमन्ना है

चाहत में उनकी मैं
खुद को मिटा दूंगा
चाहत में उनकी मैं
खुद को मिटा दूंगा
बस यही एक है चाहत
उलझा हुआ हूँ मैं बहुत

जबसे हुई है मोहब्बत
कल की नहीं फुर्सत
जबसे हुई है मोहब्बत
कल की नहीं फुर्सत

मेरी वो जान है
जीने का सहारा है
सच है चंदे से
चेहरा वो प्यारा है
मेरी वो जान है
जीने का सहारा है
सच है चंदे से
चेहरा वो प्यारा है

पाया उसे तो
हर ख़ुशी मिली है
पाया उसे तो
हर ख़ुशी मिली है
चमकने लगी है किस्मत
उलझा हुआ हूँ मैं बहुत

जबसे हुई है मोहब्बत
कल की नहीं फुर्सत
जबसे हुई है मोहब्बत
कल की नहीं फुर्सत

मोहब्बत, मोहब्बत

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