महफ़िल में जल उठी शमा- निराला १९५०
ये आपने ज़रूर महसूस किया होगा की शमा-परवाना
थीम पर बने गीत कुछ ज्यादा ही मशहूर होते हैं। ये
प्रतीक स्वरुप हैं उसके अलावा प्रेमी जोड़ों को भी यदा कदा
हिंदी गीत याद कर लिया करते हैं >-जैसे कि शीरीं फ़रहाद,
हीर-रांझा और लैला-मजनू ।
एक शमा परवाने की दास्तान सुनिए फिल्म निराला से।
पिछला गीत सुनते समय जाने क्यूँ ये गीत याद आ गया।
फिल्म निराला(१९५०) में देव आनंद और मधुबाला
की जोड़ी है।
फिल्म निराला का नाम याद आते ही स्वतः दिमाग में
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का नाम अपने आप कौंध जाता
है जिहोने छंद मुक्त कविताओं की ईजाद कर के आधुनिक
कवियों के लिए नए रास्ते खोले थे। रास्ते तो उन्होंने ज़रूर
खोले थे और सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय जैसे
रचनाकारों ने साधिकार उन रास्तों का प्रयोग कर के देखा
लेकिन अनेक आधुनिक हिंदी कवि कल्पनाशीलता और
शब्द सामर्थ्य के अभाव में सतही दोहराव करते से प्रतीत
होते हैं। स्तिथि तकरीबन चहुँ ओर एक समान है। जब हिंदी
गीतों में "मैं झंडू बाम हुई डार्लिंग तेरे लिए" प्रयुक्त होने का
समय आ गया है तो आप समझ ही सकते हैं कि भविष्य
कैस्टर आयल सरीखा चिकना और चमकदार है।
साहित्य क्षेत्र आपना नहीं है अतः फटे में टांग उलझाने
बजाये गीत पर चर्चा कर लेते हैं थोड़ी सी। ये हालाँकि एक
दर्द भरा गीत है लेकिन इसकी आकर्षक धुन कि वजह से
वे लोग भी चाव से सुना करते हैं जो गीत के बोलों पर ज्यादा
ध्यान नहीं दिया करते ।
प्यारेलाल संतोषी के लिखे गीत को तर्ज़ में ढाला है संगीतकार
चितलकर रामचंद्र ने और गाया है लता मंगेशकर ने। ये लता
के सबसे लोकप्रिय गीतों में से एक है। परदे पर गाने वाली
अभिनेत्री हैं मधुबाला ।
गीत के बोल:
महफ़िल में जल उठी शमा
महफ़िल में जल उठी शमा
परवाने के लिए
प्रीत बनी है दुनिया में
मर जाने के लिए
महफ़िल में जल उठी शमा
परवाने के लिए
प्रीत बनी है दुनिया में
मर जाने के लिए
चरों तरफ लगाये फेरे
फिर भी हर दम दूर रहे
उल्फत देखो आग बनी है
मिलने से मजबूर रहे
यही सजा है दुनिया में
यही सजा है दुनिया में
दीवाने के लिए
प्रीत बनी है दुनिया में
मर जाने के लिए
महफ़िल में जल उठी शमा
परवाने के लिए
प्रीत बनी है दुनिया में
मर जाने के लिए
मरने का है नाम मुहब्बत
जलने का है नाम जवानी
पत्थर दिल हैं सुनाने वाले
कहने वाला आँख का पानी
आंसू आये आँखों में
आंसू आये आँखों में
गिर जाने के लिए
प्रीत बनी है दुनिया में
मर जाने के लिए
महफ़िल में जल उठी शमा
परवाने के लिए
प्रीत बनी है दुनिया में
मर जाने के लिए
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