बूझ मेरा क्या नाम रे-सी आइ डी १९५६
शमशाद बेगम के गाये गीतों में अलग ही बात हुआ करती थी। स्पष्टता
और खनक उनकी आवाज़ के दो विशेष गुण हैं। आइये उनकी आवाज़ में
सुनें एक सदाबहार अमर गीत फिल्म सी आइ डी से। ओ पी नय्यर का
संगीत है और बोल मजरूह के हैं। इस गीत को सुने हुए काफी दिन हो गए
तो मैंने सोचा सुनते सुनते आपको भी सुना दिया जाए। परदे पर
कौन कलाकार गा रहा है, पहचानिए ज़रा।
बूझ मेरा क्या नाम रे -विडियो गीत।
गीत के बोल:
बूझ मेरा क्या नाम रे
नदी किनारे गाँव रे
पीपल झूमे मोरे आँगना
ठण्डी ठण्डी छाँव रे
लोग कहे मुझे बाँवरी
मेरे उलझे उलझे बाल
मेरा काला काला तिल है
मेरे गोरे गोरे गाल
मैं चली जिस गली
झूमे सारा गाँव रे
बूझ मेरा क्या नाम रे
नदी किनारे गाँव रे
पीपल झूमे मोरे आँगना
ठण्डी ठण्डी छाँव रे
दिल वालों के बीच में
मेरी अखियाँ हैं बदनाम
हूँ एक पहेली फिर भी
कोई बूझे मेरा नाम
मैं चली मनचली
सबका मन ललचाऊँ रे
बूझ मेरा क्या नाम रे
नदी किनारे गाँव रे
पीपल झूमे मोरे आँगना
ठण्डी ठण्डी छाँव रे
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Boojh mera kya naam re- C.I.D. 1956
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