Jun 10, 2011

परवरदिगार-ए-आलम-हातिम ताई १९५६

बिना विवरण के भी कभी कभी गीत सुनने में आनंद आता है।
विवरण देना ज़रूरी नहीं है मगर दिया जाता है जिससे पढने
वाले को कुछ अतिरिक्त जानकारी मिले या जिससे लिखने और
पढने वाले के बीच संवाद कायम हो।

प्रस्तुत गीत फिल्म हातिम ताई से है। बाकी की जानकारी टैग में
समाहित है। गीत में ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करते हुए उससे
फ़रियाद की जा रही है।



गीत के बोल:

परवरदिगार-ए-आलम तेरा ही है सहारा
तेरे सिवा जहाँ में कोई नहीं हमारा

परवरदिगार-ए-आलम तेरा ही है सहारा
तेरे सिवा जहाँ में कोई नहीं हमारा
परवरदिगार-ए-आलम

नूह का सफ़ीना तूने तूफ़ान से बचाया
दुनिया में तू हमेशा बंदों के काम आया
माँगी ख़लील ने जब तुझसे दुआ ख़ुदाया
आतिश को तूने फ़ौरन एक गुलसिताँ बनाया
har इल्तेजा ने तेरी रहमत को है उभारा

परवरदिगार-ए-आलम तेरा ही है सहारा
तेरे सिवा जहाँ में कोई नहीं हमारा
परवरदिगार-ए-आलम

यूनुस को तूने मछली के पेट से निकाला
तूने ही मुश्किलों में अयूब को सम्भाला
इलयास पर करम का तूने किया उजाला
है दो जहाँ में या रब तेरा ही बोल बाला
तूने सदा इलाही बिगड़ी को है सँवारा

परवरदिगार-ए-आलम तेरा ही है सहारा
तेरे सिवा जहाँ में कोई नहीं हमारा
परवरदिगार-ए-आलम

यूसुफ़ को तूने मौला दी क़ैद से रिहाई
याक़ूब को दुबारा शक़्ल-ए-पिसर दिखाई
बहती हुई नदी में मूसा की रह बनाई
तूने सलीब पर भी ईसा की जाँ बचाई
दाता तेरे करम का कोई नहीं किनारा


परवरदिगार-ए-आलम तेरा ही है सहारा
तेरे सिवा जहाँ में कोई नहीं हमारा
परवरदिगार-ए-आलम
...........................
Parvardigaar-e-alm- Hatim Tai 1956

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP