भँवरा बड़ा नादान हाय-साहब बीबी और गुलाम १९६२
आओ री ओ बावरी , आओ री, इतना मत इतराओ री। थोड़ा सा लड़ियाओ री।
आइये आज आपको सुनवाते हैं एक चर्चित फिल्म साहब बीबी और गुलाम
से से एक मस्त गीत। आशा भोंसले इसको गा रही हैं परदे पर वहीदा रहमान
के लिए। शकील बदयूनीं साहब ने इस गीत को लिखा है जिसकी तर्ज़ बनाई है
हेमंत कुमार ने। सन १९६२ से यह गीत श्रोताओं को लुभाता रहा है। मनमोहक
अंदाज़ में 'हाय' बोली जा रही है और मुंह बनाने का क्रैश कोर्स है ये गीत लड़कियों
और युवतियों के लिए।
गीत के बोल:
भँवरा बड़ा नादान हाय
भँवरा बड़ा नादान हाय
बगियन का मेहमान हाय
फिर भी जाने न जाने न जाने न
कलियन की मुस्कान हाय
भँवरा बड़ा नादान हाय
बगियन का मेहमान हाय
फिर भी जाने न जाने न जाने न
कलियन की मुस्कान हाय
भँवरा बड़ा नादान
कभी उड़ जाये कभी मंडराये
भेद जिया के खोले न
कभी उड़ जाये कभी मंडराये
भेद जिया के खोले न
सामने आये नैन मिलाये
मुख देखे कुछ बोले न,
वो मुख देखे कुछ बोले न
भँवरा बड़ा नादान हाय
अखियों में रच के चले बच बच के
जैसे हो कोई बेगाना
अखियों में रच के चले बच बच के
जैसे हो कोई बेगाना
रहे सँग दिल के मिले नहीं मिल के
बन के रहे वो अन्जाना,
हो बन के रहे वो अन्जाना
भँवरा बड़ा नादान हाय
कोई जब रोके कोई जब टोके
गुन गुन करता भागे रे
न कुछ पूछे न कुछ बूझे
कैसा अनाड़ी लागे रे,
वो कैसा अनाड़ी लागे रे
भँवरा बड़ा नादान हाय
बगियन का मेहमान हाय
फिर भी जाने न जाने न जाने न
कलियन की मुस्कान हाय
भँवरा बड़ा नादान हाय
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Bhanwra bada nadaan-Sahib Biwi aur Ghulam 1962
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