रात छोटी बात बड़ी-संजय १९९५
सन १९९५ में जो मधुर गीत बने उनमें से एक है फिल्म संजय से.
श्याम सुरेन्द्र के संगीत निर्देशन वाले इस गीत को लिखा है अनवर
सागर ने और गाया है उदित नारायण, कविता कृष्णामूर्ति ने. ये
फिल्म का सबसे चर्चित गीत भी है. ९० के दशक में कविता की
आवाज़ परिपक्व हो चली और निखर भी गयी. उदित नारायण को
भी इस दशक में काफी गीत गाने का मौका मिला.
अनजान सी फिल्म संजय में अयूब खान और साक्षी शिवानंद की
जोड़ी है. ९० के दशक ने संगीत के मामले में कम से कम उत्तर
भारत और दक्षिण भारत को नज़दीक ला दिया . इधर की ध्वनियाँ
उधर सुनाई देने लगीं.
गीत के बोल:
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
रात छोटी बात बड़ी
हे, रात छोटी बात बड़ी
क्यूँ है मुझसे दूर खड़ी
रात छोटी बात बड़ी
क्यूँ है मुझसे दूर खड़ी
नैन मिले दे और समझा दे
नैन मिले दे और समझा दे
इम्तिहान की है ये घडी
रात छोटी बात बड़ी
क्यूँ है मुझसे दूर खड़ी
रात छोटी बात बड़ी
क्यूँ है मुझसे दूर खड़ी
हो, नैन मिले दे और समझा दे
नैन मिले दे और समझा दे
इम्तिहान की है ये घडी
फूल से ज्यादा नरम और
आग से ज्यादा गरम
फूल से ज्यादा नरम और
आग से ज्यादा गरम
दिल अगर जिद पे आ जाये
तोड़ देता है भरम
आज संगम हो जाने दे
आज संगम हो जाने दे
धडकनों में जंग छिड़ी
रात छोटी बात बड़ी
क्यूँ है मुझसे दूर खड़ी
हाँ, रात छोटी बात बड़ी
क्यूँ है मुझसे दूर खड़ी
हो, नैन मिले दे और समझा दे
नैन मिले दे और समझा दे
इम्तिहान की है ये घडी
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
उस जगह दिल आ पहुंचा है
अपनी मंजिल है जहाँ
उस जगह दिल आ पहुंचा है
अपनी मंजिल है जहाँ
आज आगे बढ़ जायेगा
जिंदगी का कारवां
बेखुदी के इस आलम में
बेखुदी के इस आलम में
सात सुर की लगी झड़ी
रात छोटी बात बड़ी
क्यूँ है मुझसे दूर खड़ी
रात छोटी बात बड़ी
क्यूँ है मुझसे दूर खड़ी
हो, नैन मिले दे और समझा दे
नैन मिले दे और समझा दे
इम्तिहान की है ये घडी
रात छोटी बात बड़ी
क्यूँ है मुझसे दूर खड़ी
हाँ, रात छोटी बात बड़ी
क्यूँ है मुझसे दूर खड़ी
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
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Raat Chhoti baat badi-Sanjay 1995
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