मन मोर हुआ मतवाला-अफसर १९५०
आपको फिल्म अफसर से एक गीत सुनवाया था कुछ महीने पहले।
आइये सुन जाये फिल्म से एक और गीत जो बेहद लोकप्रिय गीत
है सुरैया की आवाज़ में। फिल्म अपने ज़माने की एक हिट फिल्म है
और इसका संगीत भी बहुत लोकप्रिय था फिल्म रिलीज़ के समय और
उसके बाद। किसने जादू डाला रे ? पूछते पूछते गायिका सुनने वालों
पर जादू कर जाती है।
गीत पंडित नरेन्द्र शर्मा ने लिखा है जिन्होंने ५० के दशक में फिल्मों
के लिए काफी गीत लिखे। उस समय गीतों की गुणवत्ता बेहतर थी।
६० के दशक में उनके लिखे गीत फिल्मों में इक्का दुक्का ही सुनाई दिए।
प्रस्तुत गीत सुरैया द्वारा गाया गया है और फिल्म में उन्हीं पर फिल्माया
भी गया है। फिल्म में देव आनंद और सुरैया की जोड़ी है जो अपने ज़माने
की एक हिट जोड़ी कही जाती थी ।
गीत सरल प्रकृति का है और कुछ कुछ पंकज मालिक की संगीत रचनाओं
की भांति सुनाई देता है। सचिन देव बर्मन ने जिस युग में सिनेमा संगीत
क्षेत्र में पदार्पण किया उस युग का असर तो उनके संगीत में मिलेगा ही
मगर समय के साथ साथ उन्होंने अपनी अलग शैली विकसित कर ली जो
उनके भक्त आसानी से पहचान जाते हैं और कुछ हद तक सामान्य श्रोता भी।
गीत के बोल:
मन मोर
मन मोर हुआ मतवाला
किसने जादू डाला रे
किसने जादू डाला
अरे किसने जादू डाला
मन मोर
घिर घिर आई
घिर घिर आई प्रीत बदरिया
बोले प्राण पपीहा, पिया पिया पिया
जिया शरमाये, हे हे हे
जिया शरमाये
मुस्काई अरमानों की जयमाला
मतवाला हुआ, मतवाला
किसने जादू डाला रे
किसने जादू डाला
अरे किसने जादू डाला
मन मोर
तुम सुहाग हो मैं सुहागिनी
सुहागिनी, मैं सुहागिनी
तुम सुर हो मैं मधुर रागिनी
मधुर रागिनी, मैं सुहागिनी
तुम सुहाग हो
तुम नस नस रस की फुहार
मैं रोम रोम मधुशाला
मतवाला हुआ, मतवाला
किसने जादू डाला रे
किसने जादू डाला रे
किसने जादू डाला
मन मोर
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Man mor hua matwala-Afsar 1950
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