Sep 5, 2012

और फिर यूँ हुआ-स्ट्राईकर २०१०

२०१० का एक उल्लखनीय गीत सुनते हैं जिसे विशाल भारद्वाज
ने गाया है. गुलज़ार की रचना है और विशाल भारद्वाज ने ही
इसकी धुन तैयार की है.

यूं यूं हिट्स की श्रेणी में हम इस गीत को रखते हैं श्रेणी प्रेमियों
के सुझाव अनुसार.

चाँद बेचारे के साथ इस गाने में भी खिलवाड़ किया गया है. किसी
दिन चाँद किसी चाइनीज़ डिश में मसाले के तौर पर भी मिलेगा.
चाँद की ड्रायक्लीनिंग हुई है क्या किसी गीत में?



गीत के बोल:

और फिर यूँ हुआ
रात एक ख़्वाब ने जगा दिया
और फिर यूँ हुआ
रात एक ख़्वाब ने जगा दिया

फिर यूँ हुआ
चाँद की वो डली घुल गई
और यूँ हुआ
ख़्वाब की वो लड़ी खुल गई
चलती रहीं बेनूरियाँ
चलते रहे अंधेरों की
रौशनी के तले

फिर नहीं सो सके
इक सदी के लिए हम दिलजले
फिर नहीं सो सके
इक सदी के लिए हम दिलजले


और फिर यूँ हुआ
सुबह की धूल ने उड़ा दिया
और फिर यूँ हुआ
सुबह की धूल ने उड़ा दिया
फिर यूँ हुआ
चेहरे के नक़्श सब धुल गये
और यूँ हुआ
दर्द थे गर्द में रुल गये
तन्हाईयाँ ओढ़े हुए गलते रहे भीगे हुए
आँसुओं से गले

फिर नहीं सो सके
इक सदी के लिए हम दिलजले
इक सदी के लिए हम दिलजले
…………………………………………………..
Aur phir yun hua-Striker 2010

Artist: Siddharth Narayan

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