Jan 17, 2015

जाने कैसे टूटे...अलविदा- डी-डे २०१३

शंकर एहसान लॉय की तिकड़ी ने काफी पहले फिल्मों में
संगीत देना शुरू किया था. समय के हिसाब से उनके
खाते में कम फ़िल्में हैं. इनमें से शंकर महादेवन एक
ख्यातनाम गायक हैं. तिकड़ी में से एक लॉय मेंडोसा ने
इस गीत में अपनी आवाज़ दी है. दूसरे दो गायक हैं
निखिल डिसूज़ा और सुखविंदर. सुखविंदर का नाम तो
सबके लिए जाना पहचाना है. फिल्म का नाम है डी-डे
जो ऐसा लगता है जैसे-ड्राई डे हो. गीत लिखा है निरंजन
आयंगार ने.



गीत के बोल:

जाने कैसे टूटे रिश्तों से बिखरे हैं ये पल
मानो जैसे ग़म की पलकों से छलके हैं ये पल
क्यूँ अधूरी ये कहानी क्यूँ अधूरा ये फ़साना
क्यूँ लकीरों में इसके अलविदा

उमर भर का साथ दे जो क्यूँ वो ही प्यार हो
क्यूँ न मिट के जो फना हो वो भी प्यार हो
ना अधूरी ये कहानी ना अधूरी ये फ़साना
मर के भी ना हम कहेंगे अलविदा

बैरिया मेरे रब्बा क्यूँ हुआ मेरे रब्बा
यूँ ना ढामी यूँ ना ढामी
दो दिलां दी ये कहानी

मिट भी जाऊं ना मिटे ये कैसी प्यास है
दूरियों में खो के भी तू मेरे पास है
क्यूंकि तू मेरी कहानी क्यूंकि तू मेरा फ़साना
अब कभी फिर ना है कहना अलविदा

तेरी यादों को सहलाता हूँ याद कितना
पल में बन के बिखरता हूँ
जिस जहां में खो गयी हो तुम
क्या नहीं है वहाँ टूटी तन्हाइयों का ग़म
बैरिया मेरे रब्बा
जाने कैसे टूटे रिश्तों से बिखरे हैं ये पल
मानो जैसे ग़म की पलकों से छलके हैं ये पल
…………………………………………………….
Jaane kaise……alvida-D-day 2013

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP