आ तेरी तस्वीर बना लूं-नादान १९५१
मखमली आवाज़ के मालिक तलत की अहिस्ता हौले वाली गायकी
का अपना अलग ही नशा है. मन को सरलता के ताल पर पहुँचाने
में तलत की आवाज़ एक उत्प्रेरक का काम करती है. प्रस्तुत गीत
भी उन्हीं गीतों में से एक है जो मन की उथल पुथल को शांत कर
देता है. ऐसे ऐसे नायब गायक हुए हैं हिंदी फिल्म संगीत क्षेत्र में कि
दांतों तले उँगलियाँ दब जाती हैं अपने आप. सबकी अलग-अलग खूबी.
अद्भुत ईश्वरीय देन है इन सब को. किसी आवाज को दिल चाहता है
कि चूम लो, रूह से तो महसूस कर ही लेते हैं. गीत में कुछ रोमांटिक
पंक्तियाँ हैं: “तेरे गुलाबी गालों से जी करता है रंग चुरा लूं “
गीत के रचयिता हैं प्यारेलाल संतोषी. मीठी चोकलेट जैसी धुन बनायीं
है संगीतकार चिक चोकलेट ने. एंटोनियो जेवियर वाज़ मूल नाम वाले
ये संगीतकार उस समय के बॉम्बे की एक प्रसिद्द हस्ती हुआ करते थे.
वे ताजमहल होटल के एक जैज बैंड को संचालित करते थे. फिल्म का
निर्देशन हीरा सिंह ने किया था जो १९४९ की नमूना के भी निर्देशक थे.
दोनों ही फिल्मों में देव आनंद मौजूद हैं.
गीत के बोल:
आ तेरी तस्वीर बना लूं
मैं अपनी तकदीर बना लूं
दिल के कोरे कागज़ पर
उल्फत की लकीर बना लूं
आ तेरी तस्वीर बना लूं
मैं अपनी तकदीर बना लूं, आ
रंग हमारे तेरी जवानी
बन जाए एक प्रेम कहानी
रंग हमारे तेरी जवानी
बन जाए एक प्रेम कहानी
दूर किसी कोने में जा के
सुन लूं और सुना लूं
आ तेरी तस्वीर बना लूं
मैं अपनी तकदीर बना लूं, आ
बाल हैं बादल जैसे काले
सागर से नैना मतवाले
बाल हैं बादल जैसे काले
सागर से नैना मतवाले
तेरे गुलाबी गालों से
जी करता है रंग चुरा लूं
आ तेरी तस्वीर बना लूं
मैं अपनी तकदीर बना लूं
दिल के कोरे कागज़ पर
उल्फत की लकीर बना लूं
आ तेरी तस्वीर बना लूं
मैं अपनी तकदीर बना लूं, आ
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Aa teri tasveer bana loon-Nadaan 1951

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