तेरी आँखें भूल भुलैया.....हरे राम हरे राम - भूल भुलैया २००७
इसमें अक्षय कुमार, विद्या बालन और शाइनी आहूजा प्रमुख
कलाकार हैं. साथ में एक छोटे रोल में फिल्म कहो ना प्यार
है वाली नायिका भी हैं. हिंदी सिनेमा अपने आप में सस्पेंस
है, कब क्या हो जाए पता ही नहीं पढता. अब देखिये कुछ
ही साल में राकेश रोशन निर्देशित फिल्म की नायिका हाशिए
पर आ गयीं. एक बात तो स्पष्ट है कि केवल चेहरे मोहरे पर
गाडी ज्यादा दूर तक नहीं चला करती. या तो चेहरा पूनम
ढिल्लों जैसा हो तो अभिनय कम ज्यादा होने से फर्क नहीं
पढता या अभिनय स्मिता पाटिल जैसा दमदार हो तो नाम
से ही दर्शक खिंचा चला आता है फिल्म देखने.. वैसे अभिनय
के मामले में पूनम ढिल्लों कम से कम कटरीना कैफ से
बेहतर रही हैं. सौंदर्य के साथ साथ अभिनय आवश्यक है लंबे
समय तक टिकने के लिए. अभी हमने भाग्य तत्व की बात नहीं
छेडी है. दर्शक वर्ग का मिजाज़ भी तो निराला है, कब किसको
सर पर बिठा ले, कब किसको धरातल की सुगंध सुंघा दे. वैसे
एक बात बता दी जाए, दर्शकों की फिल्म-विषय चयन और कहानी
के निर्धारण में कोई दखल नहीं होती. वो तो निर्देशक की पसंद,
उसका फितूर, थोड़ी सी समय के साथ साथ चलने वाली भेड
चाल और थोडा बहुत मार्केट की डिमांड पर आधारित होती है.
अक्सर फितूर ज्यादा काम करते हैं फिल्म निर्माण में. अब
इसी प्रक्रिया में किसी का तुक्का लग गया तो फिल्म हिट.
संगीत भी एक कारक है फिल्म को सफलता दिलाने में. लेकिन,
एक हद तक ही, केवल संगीत के दम पर भी नहीं चलती हैं
फ़िल्में. कुछ अपवाद होते हैं बस, उसके अलावा जनता फिल्म
का संगीत सुन सुन कर ही आनंद ले लिया करती है, सिनेमा
हाल जाने का यत्न नहीं करती. फिल्म की केमिस्ट्री, जूलोजी
इत्यादि में चुम्बकीय शक्ति नहीं होगी तब तक दर्शक सिनेमा
हाल में नहीं जायेगा.
मेरे ख्याल से फिल्म भूल भुलैया पचास टका दर्शकों ने विद्या
बालन के अभिनय के कारण ही देखी होगी. बाकियों में हम
अक्षय के प्रशंसकों को गिन लेते हैं. हमारे एक मित्र मानते
हैं अमिताभ के साथ काम कर कर के बहुतों का अभिनय निखरा .
मैं भी इससे सहमत हूँ. अजय देवगन ने आँखों से कहने की कला
सीख ली, तो अक्षय ने बिना उछल कूद किये दृश्य में जान डालने
की. अक्षय की खूबी है वे निर्देशक जैसा कहे वैसा चलते हैं और
सीखने के मामले में और कलाकारों से आगे हैं. उनकी इसी खूबी
की वजह से लगभग हर निर्देशक ने उनसे काफी उछल कूद करवाई
अपनी फिल्मों में. हर फिल्म के साथ वो बेहतर हो चले हैं. शायद
परेश रावल के साथ काम करने के अनुभव के दौरान भी उन्होंने
बहुत कुछ सीखा. वेलकम एक बहुसितारा फिल्म फिल्म थी उसमें
ध्यान भटकाने वाली चीज़ें ज्यादा रही होंगी अन्यथा वे नाना से भी
कुछ सीख लेते. ये मेरा आकलन है, हो सकता है अक्षय के अभिनय
सुधार के पीछे दूसरे कारण हों.
इस फिल्म में अक्षय ने अमरीकावासी एक मनोवैज्ञानिक की भूमिका
निभाई है , फिल्म के निर्देशक प्रियदर्शन हैं. इस कथानक पर दक्षिण
में एक फिल्म २००५ में बनी है जिसमें यही रोल रजनीकांत ने किया है.
फिल्म की सबसे बड़ी दक्षिण भारतीय बहन मलयालम में सन १९९३ में
रिलीज़ हुई थी मनिचित्रथाज्जु जिसमें मोहन बाबू प्रमुख भूमिका में हैं.
इसकी छोटी बहन २००५ में तमिल में आई चंद्रमुखी नाम से, जिसमें
डाक्टर की भूमिका में रजनीकांत हैं. फिल्म के कथानक पर हम चर्चा
करेंगे इसके दूसरे गीत वाली पोस्ट में. फिलहाल इस गीत का आनंद
उठाते हैं जो नीरज श्रीधर ने गाया है, बोल समीर के और संगीत प्रीतम
का.
गीत के बोल:
व्हेयर इज़ शी एट, आई ऍम सर्चिंग फॉर दिस फाईन शाटी
एंड इट आँट लाईक आई बीईंग नौटी
आई ऍम फॉर रियल यू नो आई डोंट प्ले दैट
कोज़ आई मीन इट व्हेन यू हीयर मी से दैट
मेडली सर्चिंग फॉर दिस फाईन शाटी
इन माय वर्ल्ड द नंबर वन होटी
एवरीव्हेयर शी मेक देम गो क्रेजी
गोस्ता गेट मी, टेस नोट ए मेबी.
तेरी आँखें भूल भुलैया, बातें हैं भूल भुलैया
तेरे सपनों की गलियों में, आई कीप लुकिंग फॉर यू बेबी.
तेरी आँखें भूल भुलैया, बातें हैं भूल भुलैया
तेरे सपनों की गलियों में, यू कीप ड्राइविंग मी सो क्रेजी
दिल में तू रहती है, बेताबी कहती है
आई कीप प्रेयिंग आल डे..
आल डे.. आल नाईट ऐलोंग
हरे राम हरे राम हरे कृष्ण हरे राम
हरे राम हरे राम हरे कृष्ण हरे राम
हरे राम हरे राम हरे कृष्ण हरे राम
हरे राम हरे राम हरे कृष्ण हरे राम
ओह ओ .....
आइ वान्ना नो व्हाट यौर थिंकिंग व्हेन यू आर डन
कॉज आई ऍम विशिंग आई कुड कॉल ऑन यौर फ़ोन
टाक टू यू राईट थ्रू द मिडिल ऑफ द नाईट
कॉज आई थिंक आई ऍम स्ट्रक बाय लव एट फर्स्ट साईट
यू रेप्रेसेंट माई ड्रीम टू परफेक्शन
क्रीम दे ला क्रीम, यू आर टॉप ऑफ सेलेक्शन
विल यू डू यौर हेयर क्लोज़
तू मेरी ख़ामोशी है, तू मेरी मदहोशी है
तू मेरा है अफसाना
मेकिंग मी सो हैप्पी, शेकिंग हर बोडी
तू है आवारा धडकन, तू है रातों की तड़पन
तू है मेरी दिल जाना
एवरी थिंग अबाउट यू बेबी आई लाईक इट
तेरी जुल्फों के नीचे, मेरी ख्वाबों की जन्नत
तेरी बाहों में आ के, बचैनी को मिलती राहत
माय ओनली विष इज़ इफ आई एवर कुड मेक यू माईन
एवरी वन प्रे विद मी
आल डे, आल नाईट लॉन्ग
हरे राम हरे राम हरे कृष्ण हरे राम
हरे राम हरे राम हरे कृष्ण हरे राम
ओह हो
आई हैव बीन वाचिंग यू आल डे लॉन्ग..
आई हैव बीन वाचिंग यू, वाचिंग यू
आई हैव बीन कालिंग यौर नेम
आई हैव बीन कालिंग यौर नेम
आल डे आल नाईट लॉन्ग
तेरे वादे पे जीना, तेरी कसमों पे मरना
बाकी अब कुछ न करना
लेट्स टॉक अबाउट इट, लेट्स गेट स्टार्टेड
चाहे जागा या सोया, दीवानेपन में खोया
दुनिया से अब क्या डरना
मूव ऑन लुकिंग, लाइफ इज़ आल पार्टी
तेरे अहसानों की गहरायी में डूबा रहता हूँ.
तू मेरी बन जाए हर मोड हर राह से कहता हूँ
एवेरी वों टाकिंग अबाउट अस, वेयर एवर आई गो
माय लव इस रोकिंग बेबी, कम ऑन नाऊ कम ऑन
हरे राम हरे राम हरे कृष्ण हरे राम
हरे राम हरे राम हरे कृष्ण हरे राम
हरे राम हरे राम हरे कृष्ण हरे राम
हरे राम हरे राम हरे कृष्ण हरे राम
ओह ओ
तेरी आँखें भूल भुलैया, बातें हैं भूल भुलैया
तेरे सपनों की गलियों में, आई कीप लुकिंग फॉर यू बेबी.
तेरी आँखें भूल भुलैया, बातें हैं भूल भुलैया
तेरे सपनों की गलियों में, यू कीप ड्राइविंग मी सो क्रेजी
दिल में तू रहती है, बेताबी कहती है
आई कीप प्रेयिंग आल डे..
आल डे.. आल नाईट ऐलोंग
हरे राम हरे राम हरे कृष्ण हरे राम
हरे राम हरे राम हरे कृष्ण हरे राम
हरे राम हरे राम हरे कृष्ण हरे राम
हरे राम हरे राम हरे कृष्ण हरे राम
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Teri aankhen bhul bhulaiya.....Hare Ram Hare Ram-Bhool Bhulaiya 2007
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