सब कर दी मुरादें पूरी-देवी भजन
लखबीर सिंह लक्खा का गाया एक देवी भजन. लक्खा
बहुत तन्मयता से भजन गाया करते हैं. आइये सुनें और
आनंद लें माता के इस भजन का. बोलो जय माता दी .
भजन के बोल:
मैं नहीं मांगूं मैया मेरी
लाटरी लगवाना
न मांगूं मैं बंगला गाडी
और न ही माल खज़ाना
हो बिन मांगे तेरे दर से
हर पूरी हुई मुराद
बस लक्खा को हर साल ऐ मैया
अपने दर पे तू बुलवाना
हो सब कर दी
सब कर दी मुरादें पूरी
सब कर दी मुरादें पूरी
जी मैया मैं निहाल हो गया
सब कर दी मुरादें पूरी
ओ मैया मैं निहाल हो गया
अब उलझन न कोई मजबूरी
अब उलझन न कोई मजबूरी
अब उलझन न कोई मजबूरी
ओ मैया ये कमाल हो गया
सब कर दी मुरादें पूरी
ओ मैया मैं निहाल हो गया
माँ कर दी मुरादें पूरी
कोई आस रही न अधूरी
कोई आस रही न अधूरी
मैं बांटूं हलवा चूरी
ओ जबसे जगायी माँ
जोत तेरे नाम की
अजब उजाला एक छाया है
अजब उजाला एक छाया है
मैया दयावान तूने दिया दोनों हाथों से
इतना कि झोली न समाया है
इतना कि झोली न समाया है
है शुकर करना भी तो ज़रूरी
है शुकर करना भी तो ज़रूरी
तेरा करना शुकर है ज़रूरी
ये लक्खा मालामाल हो गया
सब कर दी मुरादें पूरी
ओ मैया मैं निहाल हो गया
कर दी मुरादें पूरी
कोई आस रही न अधूरी
कोई आस रही न अधूरी
मैं बांटूं हलवा चूरी
हो कोई कल्याणी कोई कष्ट निवारिणी
कोई वरदानी कह पुकारता माँ
कोई वरदानी कह पुकारता
अटल भरोसा जिसे सच्ची लगन है
वही तेरे जलवे निहारता माँ
वही तेरे जलवे निहारता
माँ बेटे में मिट गयी दूरी
माँ बेटे में मिट गयी दूरी
माँ और बेटे में मिट गयी दूरी
ये नाता बेमिसाल हो गया
सब कर दी मुरादें पूरी
ओ मैया मैं निहाल हो गया
कर दी मुरादें पूरी
कोई आस रही न अधूरी
कोई आस रही न अधूरी
मैं बांटूं हलवा चूरी
हे मन बेईमान रहे
हर दम डोलता
दुनिया का मोह भरमाये है
दुनिया का मोह भरमाये है
भक्ति की राह में
फिसलते हैं पांव रखे
लक्खा को दया तेरी बचाए है
लक्खा को दया तेरी बचाए है
ओ दे दी दर की सरल को मजूरी
दे दी दर की सरल को मजूरी
दे दी दर की सरल को मजूरी
माँ पूरा हर सवाल हो गया
सब कर दी मुरादें पूरी
ओ मैया मैं निहाल हो गया
सब कर दी मुरादें पूरी
ओ मैया मैं निहाल हो गया
ओ अब उलझन न कोई मजबूरी
अब उलझन न कोई मजबूरी
अब उलझन न कोई मजबूरी
ओ मैया ये कमाल हो गया
सब कर दी मुरादें पूरी
ओ मैया मैं निहाल हो गया
जी मैया मैं निहाल हो गया
जी मैया ये कमाल हो गया
ओ मैया मैं निहाल हो गया
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Sab kar di muraden poori-Devi Bhajan-Lakha
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