Jul 16, 2015

नाग देवता-शालीमार १९७८

कृष्ण शाह कृत शालीमार सन १९७८ में अवतरित हुई फिल्म है.
इस फिल्म के गाने बहुत चले, फिल्म चली हो या न चली हो.
फिल्म में अंग्रेजी कलाकार बहुत से हैं. अगर आपने कभी लाल
रंग का हीरा नहीं देखा है तो एक बार फिल्म अवश्य देखें.

फिल्म की, जहाँ तक गीतों का सवाल है एक बात उल्लेखनीय
है वो है शम्मी कपूर के लिए मोहम्मद रफ़ी द्वारा आखिरी गीत
गाया जाना. आपको यहाँ बतला दूं बहुत बाद में एक और फिल्म
ऐसी आई जिसमें धर्मेन्द्र के साथ शम्मी कपूर ने अभिनय किया
मगर रफ़ी के गाये गीत फिल्माए गए धर्मेन्द्र पर-उस फिल्म का
नाम है-प्रोफ़ेसर प्यारेलाल. उस फिल्म में कल्याणजी आनंदजी का
संगीत है.

शम्मी कपूर और रफ़ी की जोड़ी वाले गीत यादगार गीत हैं. सन
१९६६ में आई फिल्म तीसरी मंजिल के लिए राहुल देव बर्मन ने
पहली बार रफ़ी की आवाज़ को शम्मी कपूर के लिए लिया था.
उससे पहले तक ये काम ओ पी नैयर और शंकर जयकिशन किया
नियमित रूप से किया करते थे शम्मी की फिल्मों के लिए, और
शंकर जयकिशन ने ये काम ७० के दशक के उत्तरार्ध तक किया.

शालीमार अंग्रेजी और हिंदी दो संस्करणों में बनायीं गयी थी. इसमें
रेक्स हेरिसन, जॉन सैक्सन, सिल्विया माइल्स जैसे विदेशी कलाकार
थे. धर्मेन्द्र और जीनत अमान की जोड़ी भी है जिस पर फिल्म की
सबसे ज्यादा रीलें कुर्बान हैं. इसमें फिल्म का हीरो एक नामी चोर
की पहचान और आमंत्रण चुरा कर अभियान में शामिल हो जाता है.


फिल्म के कथानक अनुसार एक चोर एक बेशकीमती हीरे की सुरक्षा
को लेकर चिंतित है और अपनी ढलती उम्र के साथ उसकी चिंता
बढती जा रही है. इसे दूर करने के लिए वो एक योजना बनाता है
जिसके तहत विश्व के नामी चोर बुलाए जाते हैं और एक असंभव
से खेल के ज़रिये उनको लालच दिया जाता है-जो खेल जीतेगा हीरा
उसका. जो पकड़ा गया उसको मृत्युदंड. सुरक्षा की दृष्टि से ये असंभव
सा काम था. इस प्रक्रिया में कई चोर अपनी जान गंवा बैठते हैं.
शम्मी कपूर ने भी एक चोर की भूमिका निभाई है इस फिल्म के
कथानक अनुसार. वे धोखा दे कर बच जाते हैं और फिल्म में काफी
बाद में प्रकट होते हैं. 

जॉन सैक्सन ने ऐसे चोर की भूमिका निभाई है जो गूंगा है. किसी
दुर्घटना में उसका स्वर यन्त्र निकाल दिया जाता है. आवाज़ निकलना
असंभव है, लेकिन, फिल्म में, जैसे ही उनके किरदार की मौत होती
है, गले से एक आवाज़ निकलती है ज़ोरों की. इसे अचम्भा मानते
हुए आदिवासी, जिनके क्षेत्र में सर जॉन का महल है, देवता मानते
लगते हैं. मृतक के पुतले को लेप वगैरह करके वे एक मूर्ति जैसा
बना देते हैं. जॉन के फ़िल्मी किरदार का नाम कर्नल कोलंबस है

इस मूर्ति को लेकर नाचते झूमते मातम करते हुए आदिवासी गीत
गा रहे हैं. इस गीत में प्रमुख आवाज़ रफ़ी की है और परदे पर इसे
गाने का काम शम्मी कपूर कर रहे हैं. गीत आनंद बक्षी का लिखा
हुआ हैं.




गीत के बोल:

जाग देवता नाग देवता
जनम दिया जिनको तुमने
जाग देवता नाग देवता
जनम दिया जिनको तुमने
क्यूँ डस लिया उनको नाग देवता
जाग देवता नाग देवता

जनम दिया जिनको तुमने
क्यूँ डस लिया उनको नाग देवता
जाग देवता नाग देवता,
जाग देवता नाग देवता

देने वाले को वापस लेने का क्या हक है
वापस लेने वाले को देने का क्या हक है
देने वाले को वापस लेने का क्या हक है
वापस लेने वाले को देने का क्या हक है
बरस रहा है आँख से पानी लगी है दिल में आग देवता
जाग देवता नाग देवता, जाग देवता नाग देवता

पागल छाती पीट के रोयें मातम करते हैं
दोबारा कब जिंदा होते हैं जो मरते हैं
पागल छाती पीट के रोयें मातम करते हैं
दोबारा कब जिंदा होते हैं जो मरते हैं
बुझे हुए दीपक न जले तो कैसा दीपक राग देवता
जाग देवता नाग देवता, जाग देवता नाग देवता

बेकार है रोना इंसानों हिम्मत से काम लो दीवानों
जो पत्थर है कब खिलता है इन्साफ कभी यूँ मिलता है
क्या रखा है इन बातों में तकदीर है अपने हाथों में
अब तोड़ दो झूठी रस्मों को सब बातों को सब कसमों को
वो चीख नहीं थी नारा था तुमको भगवान पुकारा था
इस वक्त अगर डर जाओगे वो मर गया तुम मर जाओगे
देखो उठो भागो दौड़ो जंजीर गुलामी की तोड़ो
देखो उठो भागो दौड़ो जंजीर गुलामी की तोड़ो
देखो उठो भागो दौड़ो जंजीर गुलामी की तोड़ो
देखो उठो भागो दौड़ो जंजीर गुलामी की तोड़ो
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Naag Devta-Shalimar 1978

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