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Mar 16, 2024

मेरी आवाज़ ही पहचान है-किनारा १९७७

पिछले साल हमने एक दुखद घटना के दिन एक गाना 

बारंबार सुना टी वी चैनलों पर. ये था फिल्म किनारा का गीत.

इसे गाने वाले दोनों ही इस दुनिया को अलविदा कह गए. 

आज भूपेंद्र भी अपनी आवाज़ की पहचान हमारे लिए 

धरोहर की तरह.

 

धीर गंभीर आवाज़ के धनी भूपेंद्र ने गायकी को अपने आयाम 

दिए. खुमारी वाली गायकी  शायद ये अपनी तरह की पहली ही

थी. अदनान सामी की गायकी में अल्सयापन ज्यादा है खुमारी

कम.

वर्त्तमान गीत में खुमारी नहीं है मगर एक नशा सा है जो 

दिमाग पर चढ़ जाता गई और इसकी यही खूबी इसे कालजयी

गीत बनाती है. गीत के बोल तो खैर अपनी जगह हैं मगर 

इसकी धुन नायाब है. इसका संगीत राहुल देव बर्मन ने तैयार

किया है.

 

 



गीत के बोल:

नाम गुम जायेगा चेहरा ये बदल जायेगा
मेरी आवाज़ ही पहचान है
गर याद रहे

वक़्त के सितम कम हसीं नहीं
आज हैं यहाँ कल कहीं नहीं
वक़्त से भरे अगर मिल गये कहीं
मेरी आवाज़ ही पहचान है
गर याद रहे

जो गुज़र गई कल की बात थी
उम्र तो नहीं एक रात थी
रात का सिला अगर फिर मिले कहीं
मेरी आवाज़ ही पहचान है
गर याद रहे

दिन ढले जहाँ रात पास हो
ज़िंदगी की लौ ऊँची कर चलो
याद आये गर कभी जी उदास हो
मेरी आवाज़ ही पहचान है
गर याद रहे
.......................................................................

Naam Gum Jayega-Kinara 1977

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Jul 31, 2020

ये कौन आज आया-बंधे हाथ १९७३

आज अभिनेत्री मुमताज़ का जन्मदिन है. ७० के दशक की
क्वीन मुमताज़ के हजारों दीवाने हैं.

सुनते हैं फिल्म बंधे हाथ से एक गीत जिसे लता मंगेशकर ने
गाया है. मजरूह सुल्तानपुरी का गीत है और पंचम का संगीत.

गीत में आपको अजीत और अमिताभ भी दिखाई देंगे.




गीत के बोल:

ये कौन आज आया मेरा दिल चुराने
.
.
.
.............................................................................
Ye kaun aaj aaya-Bandhe Haath 1973

Artist: Mumtaz

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Jul 23, 2020

जोगी ओ जोगी प्यार में-लाखों में एक १९७१

आज आपको सुनवाते हैं सन १९७१ की फिल्म लाखों में एक
से एक युगल गीत. किशोर और लता की आवाजों वाले इस
गाने की रचना आनंद बक्षी ने की है. पंचम की धुन है.

महमूद और राधा सलूजा पर इसे फ़िल्माया गया है. आज ही
के दिन २००४ में महमूद ने इस संसार को छोड़ दिया था.




गीत के बोल:


जोगी ओ जोगी अरे प्यार में क्या होगा
हाय रे जोगी ओ जोगी प्यार में क्या होगा
हर दिन सुहाना होगा अच्छा हर रात सुहानी होगी
जोगी ओ जोगी अरे प्यार में क्या होगा
हाय रे जोगी ओ जोगी प्यार में क्या होगा
हर दिन सुहाना होगा अच्छा हर रात सुहानी होगी


बन जायेंगी रातें फिर सपनों की बारातें
गुज़रेगा अब जीवन बस करते प्रेम की बातें
हमसे करो तुम ये वादा वादा तो ना तोड़ दोगी

जोगी ओ जोगी अरे प्यार में क्या होगा
हाय रे जोगी ओ जोगी प्यार में क्या होगा
हर दिन सुहाना होगा अच्छा हर रात सुहानी होगी

चंदा तारे सोये ये मस्त नज़ारे सोये
रात का जादू छाया हम तुम बिन सारे सोये
कैसे हमें नींद आये हम दोनों हैं दिल के रोगी

जोगी ओ जोगी अरे प्यार में क्या होगा
हाय रे जोगी ओ जोगी प्यार में क्या होगा
हर दिन सुहाना होगा अच्छा हर रात सुहानी होगी

फूलों की पायल हो और तारों का झूमर हो
प्रेम नगर में सैंया ए काश हमारा घर हो
घर की ज़रूरत नहीं है तुम मेरे दिल में रहोगी

जोगी ओ जोगी अरे प्यार में क्या होगा
हाय रे जोगी ओ जोगी प्यार में क्या होगा
हर दिन सुहाना होगा अच्छा हर रात सुहानी होगी
……………………………………………………………..
Jogi o jogi-Lakhon mein ek 1971

Artists: Mehmood, Radha Saluja

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Jul 18, 2020

संग मेरे निकले थे साजन-फिर वही रात १९८०

आज हम आपको ८० के दशक की एक सस्पेंस फिल्म से
मधुर युगल गीत सुनवाते हैं. इसे लता और किशोर ने
गाया है. मजरूह सुल्तानपुरी के बोल हैं और आर डी बर्मन
का संगीत. ये काफी लोकप्रिय गीत है और पंचमभक्तों का
पसंदीदा गीत है.

आज १८ जुलाई सुपरस्टार राजेश खन्ना की पुण्यतिथि है.
उनका मूल नाम जतिन खन्ना है, मगर फ़िल्मी दुनिया में
जो नाम एक बार जुड़ जाता है, सितारे उसी से पहचाने
जाते हैं.

आज एक और जतिन-टी वी के प्रसिद्ध कॉमेडियन और
गुजराती मूल के जतिन कनकिया की भी पुण्यतिथि है.
९० के दशक में चर्चित चेहरा रहे कनकिया कम उम्र में
दुनिया को अलविदा कह गए. श्रीमान श्रीमती उनका बेहद
लोकप्रिय धारावाहिक रहा जो डी डी मेट्रो पर आया करता
था.

सुनते हैं राजेश खन्ना और किम पर फिल्माया गया ये
गीत.




.गीत के बोल:

संग मेरे निकले थे साजन
हार बैठे थोड़ी ही दूर चल के.
.
.
.
……………………………………………………
Sang mere nikle the sajan-Phir wahi raat 1980

Artists: Rajesh Khanna, Kim

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Jul 17, 2020

दिल का साथी है जब दिल-सलाम मेमसाब १९७९

हिंदी सिनेमा ने अपने पैदा होने के बाद से अभी तक कई
शानदार अभिनेत्रियों को देखा है. सिनेमा जगत उसे याद
रखता है जो चर्चा में हो मगर ढेरों ऐसे दर्शक हैं जो अच्छे
कलाकारों को याद रखते हैं, दौर कोई भी हो.

हमने आपको १० साल पहले असरानी निर्देशित एक फिल्म
सलाम मेमसाब से एक लता का गाया गीत सुनवाया था.
आज सुनते हैं उस गीत का खुशनुमा तर्ज़ुमा जिसे गाया
है किशोर कुमार ने. गीत असरानी और ज़रीना वहाब पर
फिल्माया गया है. गीत में एक लाईन लगता है भूपेंद्र की
आवाज़ में है. बाकी कोरस है.

आज नायिका ज़रीना वहाब का जन्मदिन है जिसकी उन्हें
ढेरों शुभकामनाएं. ज़रीना वहाब की पहली हिंदी फिल्म है
देव आनंद निर्देशित इश्क इश्क इश्क. बतौर प्रमुख नायिका
वे १९७६ की बासु चटर्जी निर्देशित हिट फिल्म चितचोर में
दिखाई दीं. उसके बाद एक लंबा सफल कैरियर है उनका
जिसमें हिंदी, तमिल, तेलुगु और मलयालम भाषा की फ़िल्में
हैं.

पुरस्कारों से शिकायत मुझे भी है. ज़रीना वहाब को किसी
भी भाषा के सिनेमा पुरस्कारों ने पुरस्कार के लायक नहीं
समझा? फिल्म इतिहास की सबसे संजीदा अभिनेत्रियों में
से एक ज़रीना वहाब अभिनय के मामले में समकालीनों से
काफी आगे दिखलाई देती हैं.

सुनते हैं गीत जिसे मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखा है.



गीत के बोल:

दिल का साथी है जब दिल
कैसा रास्ता क्या मंजिल
याद आया, गाओ मेमसाब

दिल का साथी है जब दिल
कैसा रास्ता क्या मंजिल
चल पडो तो रास्ता है
ठहर जाओ तो मंजिल
रंग ये नजारों का रूप ये दिलदारों का
जो नज़ारा है देखो चूम लेने के काबिल
हो ओ आओ लुटे मज़े शाम है बहार की
क्या हो थोडा सा, हाँ
क्या हो थोडा सा हमें भी अगर देख लो
ओ जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
अरे सोचिये मत गाइए गाइए

हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
ये बात हुई ना, वंडरफुल
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
…………………………………………………
Dil ka sathi hai jab dil-Salaam memsaab 1979

Artists: Asrani, Zarina Wahab

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Jul 8, 2020

जीना क्या अजी प्यार बिना-धन दौलत १९८०

आज ८ जुलाई अभिनेत्री नीतू सिंह का जन्मदिन है. इस
अवसर पर सुनते हैं फिल्म धन दौलत से एक गीत. इस
फिल्म में उनके साथ ऋषि कपूर ने काम किया था.

जीवन विडंबनाओं का नाम है जिसमें अजीब मोड और
पेचीदा स्तिथियाँ सामने आती रहती है. इस साल हमें
बॉलीवुड से काफी दुखद ख़बरें मिलीं. जीवन मरण का ये
चक्र दुनिया में सभी जगह निरंतर जारी है मगर जिस
हिस्से को कवरेज ज़्यादा मिलता है वहाँ से हमें ज़्यादा
ख़बरें सुनाई और दिखलाई देती हैं.

आज फिल्म की अभिनेत्री का जन्मदिन है और फिल्म
धन दौलत के निर्देशक हरीश शाह ७ जुलाई को अलविदा
कह गए थे. निर्माता हरीश शाह की बतौर निर्देशक पहली
फिल्म थी-धन दौलत. नामचीन लोगों के जन्मदिन हमें
याद रह जाते हैं मगर कम सुने नामों की सुध लेने वाले
मीडिया में गिने चुने लोग ही हैं.

गीत लिखा है मजरूह सुल्तानपुरी ने और इसकी तर्ज़
बनाई है आर डी बर्मन ने. इसे गाया है किशोर कुमार और
आशा भोंसले ने.




गीत के बोल:

जीना क्या अजी प्यार बिना
जीवन के यही चार दिना
जीना क्या अजी प्यार बिना
जीवन के यही चार दिना
धन दौलत बिना चले मगर
ज़िन्दगी ना चले यार बिना
मिली दुनिया तो मजा है के मिले दिल भी
बिंदिया भी चमके तो बजे पायल भी
मिली दुनिया तो मजा है के मिले दिल भी
बिंदिया भी चमके और बजे पायल भी

जीना क्या अजी प्यार बिना
जीवन के यही चार दिना
धन दौलत बिना चले मगर
ज़िन्दगी ना चले यार बिना
मिली दुनिया तो मजा है के मिले दिल भी
बिंदिया भी चमके तो बजे पायल भी
जीना क्या अजी प्यार बिना
जीवन के यही चार दिना

सपने पूरे हुए आज दिन फिरते नहीं देरी
सुन ओ मेरे हसीं आज एक तू ही नहीं
साडी दुनिया है मेरी
सपने पूरे हुए आज दिन फिरते नहीं देरी
सुन ओ मेरे हसीं आज एक तू ही नहीं
सारी दुनिया है मेरी
हाँ मिली दुनिया तो मजा है के मिले दिल भी
बिंदिया भी चमके तो बजे पायल भी
मिली दुनिया तो मजा है के मिले दिल भी
बिंदिया भी चमके तो बजे पायल भी

जीना क्या अजी प्यार बिना
जीवन के यही चार दिना
धन दौलत बिना चले मगर
ज़िन्दगी ना चले यार बिना

सोने चांदी का वो दिल क्या
जो न दिल के काम आये
यहाँ तो तेरी कसम प्यार वालों में सनम
अपना पहला नाम आये
सोने चांदी का वो दिल क्या
जो न दिल के काम आये
यहाँ तो तेरी कसम प्यार वालों में सनम
अपना पहला नाम आये
मिली दुनिया तो मजा है के मिले दिल भी
बिंदिया भी चमके तो बजे पायल भी

जीना क्या अजी प्यार बिना
जीवन के यही चार दिना
धन दौलत बिना चले मगर
ज़िन्दगी ना चले यार बिना
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
………………………………………….
Jeena kay aji pyar bina-Dhan daulat 1980

Artists: Rishi Kapoor, Neetu Singh

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Jul 5, 2020

कितनी है प्यारी प्यारी दोस्ती हमारी-परिंदा १९८९

सन १९८९ की फिल्म परिंदा से एक गाना सुनते हैं सुरेश वाडकर
और शैलेन्द्र सिंह का गाया हुआ. इसे खुर्शीद हल्लौरी ने लिखा है
और इसकी धुन तैयार की है आर डी बर्मन ने.

फिल्म परिंदा का निर्माण और निर्देशन विधु विनोद चोपड़ा ने किया
है. परिंदा फिल्म की एडिटिंग रेणु सलूजा ने की थी जिसके लिये
उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ. आज रेणु सलूजा का जन्मदिन है.
फिल्म के लिए दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार नाना पाटेकर को मिला था.

फिल्मफेयर में फिल्म को पांच पुरस्कार मिले. रेणु सलूजा को
एडिटिंग के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला.

बाकी की बात कल करेंगे, फिलहाल गाना सुनते हैं इस फिल्म से.





गीत के बोल:

कितनी है प्यारी प्यारी दोस्ती हमारी
जो यार की ख़ुशी वो ख़ुशी है हमारी

एक दिन ज़रूर हमको मेहनत का फल मिलेगा
हम कामयाब होंगे दुनिया से गम हटेगा
जब ये अमन रहेगा
सबकी ख़ुशी में होगी यारों ख़ुशी हमारी
जो यार की ख़ुशी वो ख़ुशी है हमारी

सीढ़ी सच्ची राहें अपनाना चाहते हैं
कुछ बन के इस जहां को दिखलाना चाहते हैं
दिखलाना चाहते हैं
ताकत से डरेगा हर आदमी हमारी

दुनिया को जीतने की सादगी हमारी
जो यार की ख़ुशी वो ख़ुशी है हमारी

दिल कहता है मुझसे ऐसा भी कोई आये
जो प्यार से ये कह के मुझको गले लगाये
मुझको गले लगाये
चाँद मैं तुम्हारा तू चाँदनी हमारी
चाँद मैं तुम्हारा तू चाँदनी हमारी
जो यार की ख़ुशी वो ख़ुशी है हमारी

बढ़े हुए कदम ये हरगिज़ नहीं रुकेंगे
काटेंगे साथ जीवन जब यार से मिलेंगे
जब यार से मिलेंगे
ज़िन्दगी हम उसकी वो ज़िन्दगी हमारी
ज़िन्दगी हम उसकी वो ज़िन्दगी हमारी
जो यार की ख़ुशी वो ख़ुशी है हमारी
कितनी है प्यारी प्यारी दोस्ती हमारी
जो यार की ख़ुशी वो ख़ुशी है हमारी
……………………………………………
Kitni hai pyari pyari-Parinda 1989

Artists: Jackie Shroff, Anil Kapoor, Anupam Kher

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Jun 27, 2020

न जा जाने जां-जोशीले १९८९

आज २७ जून को संगीतकार आर डी बर्मन का जन्मदिन है.
इस अवसर पर सुनते हैं फिल्म जोशीला से एक युगल गीत
जिसे पंचम और आशा भोंसले ने गाया है.

१९८९ की फिल्म जोशीले की शूटिंग लेह और लद्दाख में हुई
थी. ये दोनों जगह पिछले काफी दिनों से चर्चा में हैं. फिल्म
की कहानी सम १९६५ की अंग्रेजी फिल्म ‘फॉर ए फ्यू डॉलर्स
मोर’ से मिलती जुलती है. जोशीले फिल्म की कहानी लिखी
है जावेद अख्तर ने जिन्होंने फिल्म के गाने भी लिखे हैं.

फिल्म का निर्देशन शेखर कपूर ने किया और बीच में किसी
वजह से उन्होंने फिल्म छोड़ दी. उसके बाद फिल्म के निर्माता
सिब्ते हसन रिज़वी ने इसे पूरा किया.

फिल्म में दो हीरो और दो हीरोईन हैं-अनिल कपूर, सनी देवल,
श्रीदेवी और मीनाक्षी शेषाद्रि. पंचम की आवाज़ सनी देवल पर
कितनी जाँच रही है ये तो आप ही डिसाईड करें, हम आपको
गाना सुनवा देते हैं.





गीत के बोल:

ओए
ना जा जाने जां
.
.
.
……………………………………………………….
Na ja jaane jaan-Joshile

Artists: Sunny Deol, Sridevi

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Jun 16, 2020

आओ मेरे पास और आओ-कौन कैसे १९८३

आज मशहूर कलाकार मिथुन चक्रवर्ती का जन्मदिन है.
८० के दशक के चर्चित और जनता के सबसे पसंदीदा
कलाकारों में से एक हैं मिथुन. आज भी उनकी फ़िल्में
उसी चाव से देखी जाती हैं. काफी बड़ा प्रशंसक वर्ग है
उनका जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के लोग ज्यादा हैं.

१६ जून १९५० में जन्में मिथुन की शुरुआत फिल्म जगत
में काफी धमाकेदार रही और भगवती चरण पाणिग्रही की
कहानी शिकार पर आधारित फिल्म मृगया के लिए उन्हें
फिल्मों के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस
फिल्म का निर्माण के राजेश्वर राव ने किये और निर्देशन
मृणाल सेन ने.

मिथुन ने ३५० से ऊपर फिल्मों में काम किया है और
उनकी पहली उल्लेखनीय फिल्म थी १९७८ की मेरा रक्षक.
मिथुन ने दीपक बाहरी के साथ कुछ सफल फ़िल्में की थीं.
इनमें से एक है राजश्री निर्मित तराना जिसने अपने समय
में कई शहरों में सिल्वर जुबलियाँ मनाने का रिकॉर्ड बनाया
था.

आज आपको सुनवाते हैं जासूसी फिल्म कौन कैसे से एक
गाना. गुलशन बावरा लिखित इस गीत की धुन तैयार की
है आर डी बर्मन ने और इसे किशोर कुमार ने गाया है.
गौरतलब है मिथुन पर फिल्माए गये और किशोर कुमार
द्वारा गाये गये सभी गीत लगभग लोकप्रिय हैं.

कौन कैसे का निर्देशन अनिल गांगुली ने किया है और हम
इस फिल्म को केवल कोरा कागज़, तपस्या, संकोच, तृष्णा,
खानदान जैसी फिल्मों के फैन होने की वजह से देखने गये
थे. फिल्म ने हमें निराश नहीं किया. अनिल गांगुली की
फिल्मों का संगीत पक्ष हमें काफ़ी मजबूत लगा.

प्रस्तुत गीत दीपक पाराशर पर फिल्माया गया है. इसे परदे
पर किसी ने नहीं गाया है मगर इस गाने के भावों से उस
दृश्य की मांग की पूर्ति बखूबी हो जाती है.





गीत के बोल:

आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ हो ओ
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ
यही है प्यार का समा
दर्द है जवां
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ हो ओ
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ
यही है प्यार का समा
दर्द है जवां
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ

जबसे देखा है तुम्हें
पूछो न क्या हाल हुआ
हाय जाने जाना
जबसे देखा है तुम्हें
पूछो न क्या हाल हुआ
हाय जाने जाना
पहली नजर में ही
तुमने तो लूट लिया
हाय जाने जाना
ये शोखियाँ ले ले न जां

आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ हूँ हूँ
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ

दिन ये जवानी के हैं
फिर ऐसे दिन हसीं
कभी कभी आयें
दिन ये जवानी के हैं
फिर ऐसे दिन हसीं
कभी कभी आयें
होता है जो हो जाने दे
देखो जी ये पल कहीं
यूं न चले जायें
आज का समा फिर मिले कहाँ

आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ हो ओ
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ
यही है प्यार का समा
दर्द है जवां
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ
……………………………………………………..
Aao mere paas aur aao-Kaun kaise 1983

Artists: Deepak parashar, A girl

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Jun 3, 2020

बादल जो बरसे तो-गर्दिश १९९३

कंट्रास्ट और आयरनी जिंदगी के अटूट हिस्से हैं. इनसे बच
के कोई कहीं जा पाया है भला. खुशहाली और तंगहाली के
बीच झूलती जिंदगी कब हाईवे की स्मूद सड़क पर चल पड़े
और कब उबड खाबड़ पहाड़ पर कौन जान सकता है.

आज तूफ़ान के आने का बिगुल बजा और बारिश के होने
की संभावना बनी तो एक गीत सहसा याद आ गया गर्दिश
फिल्म से. फिल्म जैकी श्रॉफ और मुकेश ऋषि के शानदार
अभिनय के लिए जानी जाती है. बाकी के कलाकार फिल्म
में जो हैं जैसे अमरीश पुरी, सुरेश ओबेरॉय उनकी एक्टिंग
की सदैव प्रशंसा होती आई है अतः हम इधर रिपीट नहीं
करेंगे.

मुकेश ऋषि और दक्षिण की नायिका ऐश्वर्या की ये पहली
फिल्म है. फिल्म गर्दिश सन १९८० की मलयाली भाषा की
फिल्म कीरीडम का रिमेक है. निर्देशक है सिबी मलायिल.
मोहनलाल इस फिल्म के हीरो हैं. एक और मोहन हैं इस
फिल्म में-मोहन राज. मोहन राज ने जो रोल किया था इस
फ़िल्म में वो हिंदी वर्ज़न में मुकेश ऋषि को मिला. नायिका
ऐश्वर्या जूली(१९७५) फेम लक्ष्मी की बेटी हैं.

फिल्म को मच्छर मारने वाली अगरबत्ती और लिक्विड को
बनाने वाली कंपनी-गुडनाईट ने प्रायोजित किया था और इस
फिल्म के पोस्टर वगैरह में गुडनाईट छपा हुआ मिलता था.

फिल्म के बारे में हम लोग काफी कुछ जानते हैं मगर इस
फिल्म की कहानी के लेखक ए के लोहितादास के बारे में
कम. मलयालम सिनेमा में उनका नाम ख़ासा लोकप्रिय है
और वे गहराई वाली और वास्तविक लगने वाली कहानियों
के लिए मशहूर हैं.

अपना लेखन लघु कथाओं से शुरू कर उन्होंने बाद में थियेटर
का रुख किया जहाँ उन्हें सफलता का स्वाद चखने को मिला.
उसके बाद सन १९८७ की तानियावर्तनम में पहली बार उन्हें
स्क्रीनप्ले लिखने का अवसर प्राप्त हुआ.

गौरतलब है कहानी लेखन के अलावा उन्होंने निर्देशन और
निर्माण भी किया कई फिल्मों का. १९९८ में उन्हें बेस्ट डेब्यू
फिल्म निर्देशक का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला भूतकन्नडी के
लिए. उन्हें अधिकाँश फिल्म क्रिटिक्स अवार्ड ही मिले अपनी
फिल्मों के लिए.

सुनते हैं जावेद अख्तर का लिखा और आशा भोंसले का गाया
गीत जिसकी धुन पंचम ने तैयार की है. फ़िल्म की गीतों का
फिल्मंकान उस समय के हिसाब से अनूठा और आकर्षित करने
वाला था.




गीत के बोल:

बादल जो बरसे तो भीगे तुम भीगे हम
बादल जो बरसे तो भीगे तुम हां भीगे हम
बादल जो बरसे तो भीगे तुम हां भीगे हम
टपटिप टपटिप गूँज रही है बूँदों की सरगम
हो बादल जो बरसे तो भीगे तुम हां भीगे हम ...
बादल जो बरसे तो भीगे तुम हो भीगे हम

फूल कलियाँ भीगे भीगे रस्ते गलियाँ भीगे भीगे
फूल कलियाँ भीगे भीगे रस्ते गलियाँ भीगे भीगे
बारिश ने धो डाले हैं दुनिया के सारे ग़म
हा हा हा हा

बादल जो बरसे तो भीगे तुम हो भीगे हम

ठंडी ठंडी गीली गीली ये हवायें हैं नशीली
ठंडी ठंडी गीली गीली ये हवायें हैं नशीली
आग लगा दे जो पानी में ऐसा है मौसम
हाय
बादल जो अरे बरसे तो भीगे तुम हो भीगे हम
बादल जो हां हां बरसे तो हो हो भीगे तुम हो भीगे हम
टपटिप टपटिप गूँज रही है
…………………………………………………
Badal jo bares to-Gardish 1993

Artists: Jackie Shroff, Dimple Kapadia

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Apr 13, 2020

सोचा था मैंने तो ए जान मेरी-चांदी सोना १९७७

यकीनन, मोती बहुमूल्य और नायाब रत्न है. सीपियों के
गर्भ में नवजात शिशु की तरह पले मोती की चमक के
आगे सब रत्न फ़ीके हैं. इसमें कुदरती चमक होती है.
मोती को चमकाने के लिये किसी ग्राइंडर पर घिसने की
ज़रूरत नहीं होती.

कवियों और शायरों ने इसे ऊंचा दर्ज़ा दिया है उसकी
एक वजह है जो ऊपर हमने बतलाई और दूसरी ये है
कि गहरे पानी में से इसे निकालना टेढ़ी खीर है.

अब तो तकनीकि और संसाधन बहुतेरे हो गए हैं जिनकी
मदद से नदी और समुद्र की गहराई की थाह ली जा
सकती है मगर कई ऐसे हिस्से बाकी हैं अभी भी इस
पृथ्वी के जहाँ तक मानव की पहुँच नहीं है. ये ना हो
तो ही अच्छा है. ना जाने क्या प्राकृतिक विपदा निकल
आये उसके दुस्साहस के कारण.

किशोर कुमार और आशा भोंसले का गाया हुआ युगल
गीत सुनते हैं फिल्म चांदी सोना से. आशिक़ अफ़सोस
जता रहा है अपनी मुफलिसी का. मुफलिसी पैसों की
ही नहीं, वरन संसाधनों और दिमाग की भी हुआ करती
है. वो इसमें तरह तरह की चीज़ें गिना रहा है जो वो
ला सकता है या कर सकता था. गीत में आशा भोंसले
की केवल एक पंक्ति है.

नायक की भावनाओं को मजरूह सुल्तानपुरी ने अपने गीत
की मदद दी है.  नायिका जो काफी देर से सेमी-कंफ्यूज्ड
से स्टेट में है अन्तरा शुरू होते ही उसकी चेतना लौटती
है और वो ये देख के खुश होती है-अले ये तो मेले फेव्लेट
राजेश खन्ना वाले अंदाज़ में अपना सर हिला रहा है.



गीत के बोल:

सोचा था मैंने तो ए जान मेरी
मोतियों से भर दूँगा माँग तेरी
पर कुछ ना तुझे दे सका
इक मजबूर दिल के सिवा

सोचा था मैंने तो ऐ जान मेरी
मोतियों से भर दूँगा माँग तेरी
पर कुछ ना तुझे दे सका
इक मजबूर दिल के सिवा ओ

तड़पे दिल पलकों के पीछे कितने महल ख़्वाबों के लिये
तड़पे दिल पलकों के पीछे कितने महल ख़्वाबों के लिये
खिलते कभी तो महलों के दर जलते कभी अरमां के दिये
तू हंसती इक गुल की तरह मैं गाता बुलबुल की तरह

सोचा था मैंने तो ऐ जान मेरी
मोतियों से भर दूँगा माँग तेरी ओ

कब चाहा पर्बत बन जाना देता है जो सदियों का पता
कब चाहा पर्बत बन जाना देता है जो सदियों का पता
चाहूं बस इक पल का तराना बन के किसी ग़ुन्चे की सदा
खिल जाता इक पल ही सही धूल का फिर आँचल ही सही

सोचा था मैंने तो ऐ जान मेरी
मोतियों से भर दूँगा माँग तेरी ओ

फिर भी इस जलते सीने में अब तो यही अरमान पले
फिर भी इस जलते सीने में अब तो यही अरमान पले
चाँदी के सोने के ख़ज़ाने रख दूँ तेरे क़दमों के तले
उठता है तूफ़ान उठे लुटती है तो जान लुटे

आ ओ जानेमन ............... नहीं
मैं तेरे साथ हूँ तो फिर....
……………………………………………….
Socha tha maine to ae jaan meri-Chandi Sona 1977

Artusts: Sanjay Khan, Parveen Babi

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Apr 11, 2020

मेरे लिये...रातों का राजा हूँ-शीर्षक गीत १९७०

हिंदी फिल्मों में शीर्षक गीत बनाने के पीछे एक वजह ये
भी है कि दर्शक अगर सो जाए तो इस गीत को सुन कर
झटका खा के उठ बैठे. कुछ गीत तो ऐसे हैं जिन्हें देख
के दर्शक सो भी जाया करते हैं. ऐसे गीतों को कहते है
बिन-लोरी-सुलाये-गीत.

धीरज कुमार ने अभिनय के क्षेत्र में काफी कोशिश करी
मगर हिट फिल्म का उन्हें इंतज़ार ही रह गया. कई फिल्म
बनाने वालों के पटिये बिक गए होंगे.

निर्देशक ने इस गीत में रिस्क ना लेते हुए वो सब दिखाया
है जो अभिनय ना आने कि सूरत में दिखलाया जाता है.
और वो सब ४० फीट के परदे पर ३०-३५ फीट साइज़ का
दीखता है. ये सब देख कर आगे की कुर्सी पर बैठा दर्शक
उछल पड़ता था. उसे सीट पर छितरे मच्छर खटमल भी
ना रोक पाते.

एक सवाल खड़ा होता है टाईट कपडे पहन कर ये नाचते हैं
तो किसी के भी चर्र कर के फटते नहीं हैं क्या?

सुनते हैं मजरूह सुल्तानपुरी का लिखा हुआ गीत जिसे गा
रहे हैं रफ़ी. संगीतकार का नाम है आर डी बर्मन.



गीत के बोल:

धरती से सितारों तक है मेरा इंतज़ाम
रातों का राजा हूँ मैं
मेरे लिए आती है शाम चंदा भी है मेरा ग़ुलाम
धरती से सितारों तक है मेरा इंतज़ाम
रातों का राजा हूँ मैं

महफ़िल सजे डोलूँ जिधर से
साक़ी बहके मेरी नज़र से
महफ़िल सजे डोलूँ जिधर से
साक़ी बहके मेरी नज़र से
चाहूँ तो अभी खुद चल के आये जाम

मेरे लिए आती है शाम चंदा भी है मेरा ग़ुलाम
धरती से सितारों तक है मेरा इंतज़ाम
रातों का राजा हूँ मैं

खिड़की खुले मुझे बुलाये
महलों में है मेरे ही साये
खिड़की खुले
खिड़की खुले मुझे बुलाये
महलों में है मेरे ही साये
सोते जागते सब जानें मेरा नाम

मेरे लिए आती है शाम चंदा भी है मेरा ग़ुलाम
धरती से सितारों तक है मेरा इंतज़ाम
रातों का राजा हूँ मैं

मैनें जवाँ होंठों की लाली
अकसर पलकों से ही चुरा ली
मैनें जवाँ
मैनें जवाँ होंठों की लाली
अकसर पलकों से ही चुरा ली
सारे गुलबदन मुझे करते हैं सलाम

मेरे लिए आती है शाम चंदा भी है मेरा ग़ुलाम
धरती से सितारों तक है मेरा इंतज़ाम
रातों का राजा हूँ मैं
मेरे लिए आती है शाम चंदा भी है मेरा ग़ुलाम
धरती से सितारों तक है मेरा इंतज़ाम
रातों का राजा हूँ मैं
………………………………………………….
Mere liye…raaton ka raja-Titlesong 1970

Artist: Dheeraj Kumar

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Apr 7, 2020

जाने कैसे कब कहाँ-शक्ति १९८२

हिंदी फिल्म के निर्देशक को आप ऐसा वैसा ना समझें.
वो अपने कलाकरों का बहुत ख्याल रखता है. अब आप
सोच रहे होंगे-लेटलतीफी का ख्याल, फीस का ख्याल या
उनके नखरों का ख्याल.

अब चूंकि गाना महा-नायक वाला है अतः लेट होने वाला
तो सवाल ही नहीं है, और एक अनुशासित अभिनेत्री हैं
स्मिता पाटिल इस गीत में तो फिर ऐसा क्या है जो
हमने सवाल उठाया है?

वो बात है कलाकारों की सेहत का ख्याल. इस गीत में
निर्देशक ने जॉगिंग करवा दी है दोनों से. अब ये पुराना
शगल था जब कलाकारों से एक्टिंग ना बन रही तो उन्हें
दौडाते भगाते रहो. चेहरे के भावों की जगह फूल पत्ती
घास-फूस दिखाते रहो. एक्टिंग वाला मुद्दा यहाँ नहीं है.
निर्देशक केवल ये बतलाना चाहता है कि कहानी के पात्र
हेल्थ कांशस हैं.

सुनते हैं फिल्म शक्ति का गीत जिसे आनंद बक्षी ने लिखा
है. आर डी बर्मन इसके संगीतकार हैं. किशोर और लता
का गाया ये युगल गीत हमने काफी बार सुन लिया है, है
ना जी. अब इस गीत से १९९७ की एक फिल्म का टाइटल
भी निकल के आया जिसमें महानायक की बहू ने काम
किया है. है ना संयोग.



गीत के बोल:

जाने कैसे कब कहाँ इक़रार हो गया
हम सोचते ही रह गये और प्यार हो गया
जाने कैसे कब कहाँ इक़रार हो गया
हम सोचते ही रह गये और प्यार हो गया

गुलशन बनीं गलियां सभी
फूल बन गये कलियाँ सभी
गुलशन बनीं गलियां सभी
फूल बन गईं कलियाँ सभी
लगता है मेरा सेहरा तैयार हो गया
हम सोचते ही रह गये और प्यार हो गया

तुमने हमें बेबस किया
दिल ने हमें धोखा दिया
तुमने हमें बेबस किया
दिल ने हमें धोखा दिया
उफ तौबा जीना कितना दुश्वार हो गया
हम सोचते ही रह गये और प्यार हो गया

हम चुप रहे कुछ न कहा
कहने को क्या बाक़ी रहा
हम चुप रहे कुछ न कहा
कहने को क्या बाक़ी रहा
बस आँखों ही आँखों में इज़हार हो गया
हम सोचते ही रह गये और प्यार हो गया

जाने कैसे कब कहाँ इक़रार हो गया
हम सोचते ही रह गये और प्यार हो गया
…………………………………………
Jaane kaise kab kahan-Shakti 1982

Artists: Amitabh Bachchan, Smita Patil

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Mar 25, 2020

मांगी थी एक दुआ-शक्ति १९८२

हिंदी सिनेमा वो सब दिखता है जिसकी हम कल्पना
भी नहीं कर सकते. असंभव को संभव कर दिखाना
इसके लिए बाएं हाथ का खेल है. दक्षिण भारत का
सिनेमा तो आज कल हैरत अंगेज स्टंट दिखाता है
जो भौतिकी की किताब को ठेंगा दिखाते नज़र आते
हैं. सुपरमैन के ये दोयम संस्करण २-३ कथानकों
के बीच कूद-फांद करते रहते हैं. बा हीरोईन बदलती
रहती है, कम कोल्ड क्रीम वाली या ज्यादा कोल्ड क्रीम
वाली.

खैर हम ऑफ टॉपिक हो गये थोड़े से. सन १९८२ में
अमिताभ की एक फिल्म आई थी बेमिसाल जिसमें
राखी ने नायिका का रोल किया था. उसी वर्ष शक्ति
फिल्म में उन्हें अमिताभ की माँ का रोल करने का
मौका मिल गया. भेड़ चाल वाली इंडस्ट्री में किसी को
नहीं सूझा कि उनको किसी फिल्म में दादी या नानी
का रोल भी ऑफर कर दे.

सुनते हैं फिल्म शक्ति का गीत महेंद्र कपूर की आवाज़
में जिसे दिलीप कुमार और राखी पर फिल्माया गया है.



गीत के बोल:

मांगी थी एक दुआ जो कबूल हो गई
मांगी थी एक दुआ जो कबूल हो गई
उम्मीद की कली खिल के फूल हो गई
मांगी थी एक दुआ जो कबूल हो गई

हम सोचते थे ये दिल मुफ्त में दिया
हम सोचते थे ये दिल मुफ्त में दिया

कितना हसीन मगर तोहफ़ा हमें मिला
कीमत हमारे प्यार की वसूल हो गई
मांगी थी एक दुआ जो कबूल हो गई
मांगी थी एक दुआ जो कबूल हो गई

अब के बहार में दिल मेरा खिल गया
ओ ओ ओ ओ अब के बहार में दिल मेरा खिल गया
जिसकी थी आरज़ू वो मुझको मिल गया
जन्नत मेरे लिए अब फ़ज़ूल हो गई
मांगी थी एक दुआ जो कबूल हो गई
उम्मीद की कली खिल के फूल हो गई
मांगी थी एक दुआ जो कबूल हो गई

धीमा संस्करण:

ए आसमान बता क्या तुझको है खबर
ए आसमान बता क्या तुझको है खबर
ये मेरे चाँद को किसकी लगी नज़र
मुझसे कहाँ न जाने कोई भूल हो गई
……………………………………………
Mangi thi ek dua-Shakti 1982

Artists: Dilip Kumar, Rakhi

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Mar 16, 2020

मेरी अरज सुनो बनवारी-खलीफा १९७६

फ़िल्मी कथानक भगवान सर्वशक्तिमान के उल्लेख और
वंदना के बिना नहीं बनते हैं. किसी ना किसी रूप में
फिल्म में उल्लेख हो ही जाता है. चाहे वो टाइटल्स के
शुरू में ही क्यूँ ना हो. चलिए मान लिया जाये किसी
नास्तिक ने फिल्म बनाई तो ना मानने में भी तो वो
मान ही रहा है.

सुनते हैं एक फ़िल्मी भजन १९७६ की फिल्म खलीफ़ा
से जिसे मन्ना डे ने गाया है. गुलशन बावरा की रचना
है और पंचम का संगीत.



गीत के बोल:

हरिओम तत्सत्
हरिओम तत्सत्

जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम

मेरी अरज सुनो बनवारी
मेरी अरज सुनो बनवारी
पूरी कर दो मनोकामना
पूरी कर दो मनोकामना
आये शरण तिहारी
मेरी अरज सुनो बनवारी

हाँ तेरे द्वारे जो भी आये

खाली हाथ ना जाए ना जाए
जितनी जिसकी भक्ति होगी
उतना वो फल पाए
ओ प्रभु जी
सदा रहूँ चरणों में तेरे
बन के तेरा पुजारी

मेरी अरज सुनो बनवारी
अरज सुनो बनवारी

जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम
बनवारी बनवारी
जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम

दाता के तो भरे खजाने
फिर क्यूँ तू घबराये
गणग से एक लोटा भर लो
गंगा का क्या जाये
ओ बंधुआ
पलकें मूँद के मन में प्रभु का
ध्यान धरो नर नारी

मेरी अरज सुनो बनवारी
मेरी अरज सुनो बनवारी
पूरी कर दो मनोकामना
पूरी कर दो मनोकामना
आये शरण तिहारी
मेरी अरज सुनो बनवारी
अरज सुनो बनवारी

जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम
जय जय राम सियाराम
…………………………………………………
Meri araj suno banwari-Khalifa 1976

Artists: Randhir Kapoor

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Mar 10, 2020

दूर से तेरा दीवाना-रातों का राजा १९७०

प्रेरणा कहीं से भी और किसी भी चीज़ से ली जा सकती
है. बानगी देखिये इस गीत की जिसमें आपको भारतीय रेल,
अंग्रेजी नृत्यों की पैरोडी, गधे की दुलत्ती, लंगडी के खेल और
येज्दी मोटरसाइकिल की किक समेत रशियन बेले वगैरह
याद आएगा.

मनोरंजक गीत है और हमें फर्क नहीं पड़ता ये किस पर
फिल्माया गया है. मजरूह सुल्तानपुरी के बोलों से सजे
इस गीत का संगीत तैयार किया है पंचम ने और इसे
गाया है रफ़ी संग आशा भोंसले ने.



गीत के बोल:

दूर से तेरा दीवाना आया है रुक जाना
हो ओ ओ ओ आज सजन मेरी आँखों में तेरा ही अफसाना
ओ ओ ओ ओ दूर से तेरा दीवाना आया है रुक जाना
हो ओ ओ हो हो ओ आज सजन मेरी आँखों में तेरा ही अफसाना

मालूम है कह रहा क्या दिल
ना ना
साजनिया चल कहीं ले चल
अजी कहाँ कहाँ
अरे मालूम है कह रहा क्या दिल
अरे ना ना
साजनिया चल कहीं ले चल
अजी कहाँ कहाँ
प्यार के मस्ताने जब चल पड़े दीवाने
मंजिल कहाँ ये कौन जाने
हो ओ ओ ओ साथ ही रहना सैयां
रस्ता है अनजाना

हू ऊ ऊ दूर से तेरा दीवाना आया है रुक जाना
हो ओ ओ ओ आज सजन मेरी आँखों में तेरा ही अफसाना

जब हमको छू लिया तुमने
ओ हो
अजी सुनते हो क्या किया तुमने
अजी कहो कहो
जब हमको छू लिया तुमने
अरे हो हो
अजी सुनते हो क्या किया तुमने
अजी कहो कहो
यूँ लगे है मिल के तन मन में हलके हलके
जैसे तेरा खुमार छलके
हो ओ ओ हाथ जो लग जायेगा छलकेगा पैमाना


हो ओ ओ ओ आज सजन मेरी आँखों में तेरा ही अफसाना
ओ ओ ओ ओ दूर से तेरा दीवाना आया है रुक जाना

अब तो है हाल ये जानी
हूँ हूँ
बिन तेरे मैं कहीं का नहीं
अब तो है हाल ये जानी
अरे हाँ हाँ
बिन तेरे मैं कहीं का नहीं
अरे नहीं नहीं
इंतज़ार कर के तुमने तो प्यार कर के
मारा है बेकरार कर के
हो ओ ओ मैं तुमको बहलाऊँगी तुम मुझको बहलाना

दूर से तेरा दीवाना आया है रुक जाना
हो ओ ओ ओ आज सजन मेरी आँखों में तेरा ही अफसाना
ओ ओ ओ ओ दूर से तेरा दीवाना आया है रुक जाना
हो ओ ओ हो हो ओ आज सजन मेरी आँखों में तेरा ही अफसाना
………………………………………………………..
Door se tera deewana aaya-Raaton ka raja 1970

Artists: Dheeraj Kumar, Vaishali

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Feb 13, 2020

ये फासले ये दूरियां-ज़मीन आसमान १९८४

कुछ चीज़ें जीवन में नहीं मिला करतीं जैसे कि
ज़मीन और आसमान. रेल की पटरियां भी साथ
साथ निश्चित दूरी पर रहती हैं मगर उनका मेल
नहीं होता. तेल और पानी का संगम नहीं होता
मगर इमल्शन बन जाता है जो मलहम की शक्ल
ले लेता है. हो सकता है ज़मीन आसमान भी गर
मिलते तो मरहम का काम करते.

अंधे के हाथ बटेर लगना या किसी फटीचर को
अमीर बाप की लौंडिया मिल जाए तो उसे किस्मत
का चमत्कार या करिश्मा कह लेते हैं. अपवाद
कुछ हो सकते हैं मगर सामान्यतः असम्भव सी
लगने वाली चीज़ें उपलब्ध नहीं होती. फिल्मों में
सब कुछ उल्टा पुल्टा हो जाता है मगर आम
आदमी के जीवन में न्यूटन का सेब उसके बुझे
अरमानों की तरह ज़मीन पर ही गिरता है.

सुनते हैं अनजान की एक रचना लता मंगेशकर
की सुरीली आवाज़ में जिसकी धुन तैयार की है
राहुल देव बर्मन ने. वीडियो गीत में सिर्फ एक
अन्तर है और वो काफी है आपको अभिनेत्री रेखा
के अभिनय कौशल से परिचित करने के लिए.



गीत के बोल:

ये फासले ये दूरियां कैसी हैं ये मजबूरियां
मिल के भी क्यूँ आखिर यहाँ
ज़मीन आसमान नहीं मिलते
ये फासले ये दूरियां कैसी हैं ये मजबूरियां
मिल के भी क्यूँ आखिर यहाँ
ज़मीन आसमान नहीं मिलते

जाने क्या है ये बेबसी
बस ना किसी का चले
हो ओ ओ सदियों से बदले नहीं
कुदरत के फैसले
क्यूँ है जुदा दोनों जहाँ
मिल के भी क्यूँ आखिर यहाँ
ज़मीन आसमान नहीं मिलते

ये फासले ये दूरियां कैसी हैं ये मजबूरियां
मिल के भी क्यूँ आखिर यहाँ
ज़मीन आसमान नहीं मिलते

आँचल में फूल क्या खिले
होंठों की हंसी छीन ले
हो ओ ओ कैसे हो के लौटे जुदा
शमा ये जलती रहे
तनहा नहीं क्यूँ ये जिस्म जान
मिल के भी क्यूँ आखिर यहाँ
ज़मीन आसमान नहीं मिलते

ये फासले ये दूरियां कैसी हैं ये मजबूरियां
मिल के भी क्यूँ आखिर यहाँ
ज़मीन आसमान नहीं मिलते

आहों में अगर हो असर
मुमकिन है फिर क्या नहीं
हो ओ ओ चूमे ज़मीन के कदम
ये आसमान भी कहीं
एक दिन मिले दोनों जहाँ
कैसे कहे कोई यहाँ
ज़मीन आसमान नहीं मिलते

ये फासले ये दूरियां कैसी हैं ये मजबूरियां
मिल के भी क्यूँ आखिर यहाँ
ज़मीन आसमान नहीं मिलते
……………………………………………..
Ye faasle ye dooriyan-Zameen Aasman 1984

Artists: Rekha

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Feb 12, 2020

मैं दीवाना दिल दीवाना-ज़मीन आसमान १९८४

हम गाने क्यूँ देखते हैं और सुनते हैं उसकी मुख्य
वजह मनोरंजन है. कभी कभी गानों से ज्ञानार्जन
भी हो जाता है. दुःख भंजन भी हो जाता है. कितने
काम के हैं ये गाने.

आपने विंटेज कार या तांगा नहीं देखा है तो इस गाने
को एक बार देख लें. नायक नायिका तरह तरह की
सवारी का लुत्फ़ लेते हुए चौपाटी पर पहुँच जाते हैं.

अनजान का गीत है, आर डी बर्मन का संगीत और
इसे किशोर कुमार ने गाया है.



गीत के बोल:

मैं दीवाना दिल दीवाना तू दीवानी या या
मानो मानो या ना मानो मेरी जान
मेरे जैसा दिल जवान होगा कोई ना यहाँ
मानो मानो या ना मानो मेरी जान
मेरे जैसा दिल जवान होगा कोई ना यहाँ

हर मोड पे दिल से दिल कैसे टकरा गया
समझो तो किस्मत का आखिर इशारा है क्या
हर मोड पे दिल से दिल कैसे टकरा गया
समझो तो किस्मत का आखिर इशारा है क्या
दो दिलों की दोस्ती ये
दो दिलों की दोस्ती ये है पुरानी या या
मानो मानो या ना मानो मेरी जान
मेरे जैसा दिल जवान होगा कोई ना यहाँ
मानो मानो या ना मानो मेरी जान
मेरे जैसा दिल जवान होगा कोई ना यहाँ

सूरत ये आँखों से दिल में उतरती गई
बातों ही बातों में ये बात बढती गई
अजी सूरत ये आँखों से दिल में उतरती गई
बातों ही बातों में ये बात बढती गई
बेइरादा बन गई है
बेइरादा बन गई है क्या कहानी या या
मानो मानो या ना मानो मेरी जान
मेरे जैसा दिल जवान होगा कोई ना यहाँ
मानो मानो या ना मानो मेरी जान
मेरे जैसा दिल जवान होगा कोई ना यहाँ

जाने तमन्ना मेरे दिल को पहचान लो
बेंतर यही है के साथी मुझे मान लो
जाने तमन्ना मेरे दिल को पहचान लो
बेंतर यही है के साथी मुझे मान लो
दिल मिलें तो झूम जाये
दिल मिलें तो झूम जाये जिंदगानी या या
हे मानो मानो या ना मानो मेरी जान
मेरे जैसा दिल जवान होगा कोई ना यहाँ
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
………………………………………………………
Main deewana dil deewana-Zameen aasman 1984

Artists: Sanjay Dutt, Anita Raj

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Feb 9, 2020

प्यार नगमा है-ज़मीन आसमान १९८४

प्यार क्या है-ऐसे बोल वाले या जिन गीतों के
मुखड़े में ऐसे शब्द आते हैं हमने आपने खूब सुने
हैं. प्यार की परिभाषा के निर्धारण में ऐसे जुमले
बड़े काम आते हैं.

प्यार एक बुखार है तो कभी ये आम का अचार है.
किसी ने कहा-ये खट्टा-मीठा भी होता है. प्यार न
हुआ पकी हुई केरी या इमली हो गई.

सुनते हैं अनजान का लिखा हुआ गीत सन १९८४ की
फिल्म ज़मीन आसमान से. इसे आशा भोंसले और
स्वयं संगीतकार ने गाया है.

ये है तमाचा सोंग. गीत के अंत में नायक के गालों
पर छपाई हो जाती है. 



गीत के बोल:

हो प्यार नगमा है प्यार सरगम है
प्यार नगमा है प्यार सरगम है
ये तराना सदियों पुराना फिर भी लगे नया
हो प्यार नगमा है प्यार सरगम है
ये तराना सदियों पुराना फिर भी लगे नया
प्यार नगमा है प्यार सरगम है
हो ओ ओ ओ प्यार नगमा है प्यार सरगम है

जब दिल हुए जवां आँखें मिली जहां
आँखों ही आँखों में छलका कोई नशा
हो ओ ओ ओ जब दिल हुए जवां आँखें मिली जहां
आँखों ही आँखों में छलका कोई नशा
प्यार सकी है प्यार पागल है
जिसने है पिया उसको है पता इसमें नशा है क्या
हो ओ ओ ओ प्यार नगमा है प्यार सरगम है

दुनिया लगे हंसी प्यारा लगे समा
बाहों में झूमे जो साथी कोई यहाँ
हो दुनिया लगे हंसी प्यारा लगे समा
बाहों में झूमे जो साथी कोई यहाँ
प्यार जन्नत है प्यार राहत है
जिसको है मिला उसको है पता इसमें मज़ा है क्या
हो प्यार नगमा है प्यार सरगम है

प्यार अच्छा है प्यार प्यारा है
अरे प्यार अच्छा है हाँ हाँ ना प्यार प्यारा है
जिसने ना किया उसको क्या पता होता है प्यार क्या
अरे प्यार अच्छा है अरे प्यार प्यारा है

आहें कोई भरे अरे कोई जिए मरे
लोगों पे होता है इसका असर कहाँ
अरे कब तक उठायें गम क्या क्या सहें सितम
दीवाने दिल की कोई कीमत नहीं यहाँ
अरे प्यार अच्छा है प्यार प्यारा है
हाँ हाँ ना प्यार अच्छा है अरे प्यार प्यारा है
जिसने ना किया उसको क्या पता होता है प्यार क्या
हे हे हे हे प्यार अच्छा है अरे प्यार प्यारा है
प्यार अच्छा है
…………………………………………………………
Pyar nagma hai-Zameen Aasman 1984

Artists: Kalpana Iyer, Sanjay Dutt

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Feb 4, 2020

प्यार है इक निशान क़दमों का-मुक्ति १९७७

दर्शन पर कोई गीत सुने काफ़ी दिन हो गए हैं. ऐसे
गीत अवश्य सुनना चाहिए जिससे हीलियम गैस थोड़ी
नियंत्रण में रहे और मन का गुब्बारा ज्यादा ऊपर ना
उड़ के ज़मीन के नज़दीक रहे.

संगीत भक्त इतने सारे gem गिनवा देते हैं कि उसके
बाद तरह तरह के जैम और मुरब्बे याद आने लगते हैं
और मुंह में पानी आने लगता है.

सुनते हैं एक उम्दा बोलों वाला गीत फिल्म मुक्ति से
जिसे आनंद बक्षी ने लिखा है. इसकी धुन आर डी बर्मन
ने बनाई है और इसे रफ़ी ने गाया है. इसे फिल्म के
टाईटल्स पर फिल्माया गया है.



गीत के बोल:

मिल जाती है संसार में संसार से मुक्ति
मिलती नहीं मर के भी मगर प्यार से मुक्ति

प्यार है इक निशान क़दमों का
प्यार है इक निशान क़दमों का
जो मुसाफ़िर के बाद रहता है
प्यार है इक निशान क़दमों का
जो मुसाफ़िर के बाद रहता है
भूल जाते हैं लोग सब लेकिन
कुछ ना कुछ फिर भी याद रहता है
प्यार है इक निशान क़दमों का

रोक लेती हैं राह में यादें
जब भी राहों से हम गुज़रते हैं
रोक लेती हैं राह में यादें
जब भी राहों से हम गुज़रते हैं
खो गये क़हक़हों में जो उनको
आँसुओं में तलाश करते हैं
दिल पे हल्की सी चोट लगती है
दर्द आँखों से टूट बहता है

प्यार है इक निशान क़दमों का

कुछ भी तो कम नहीं हुआ देखो
ज़ख्म हैं फूल हैं बहारें हैं
कुछ भी तो कम नहीं हुआ देखो
ज़ख्म हैं फूल हैं बहारें हैं
तुम नहीं हो मगर तुम ही तुम हो
सब तुम्हारी ही यादगारें हैं
टूट जाने से टूट जाते हैं
दिल के रिश्ते ये कौन कहता है

प्यार है इक निशान क़दमों का

ये ग़लत है के मरने वालों को
ज़िंदगी से निजात मिलती है
ये ग़लत है के मरने वालों को
ज़िंदगी से निजात मिलती है
इस बहाने से ग़म के मारों को
और लम्बी हयात मिलती है
माना ज़ंजीरें टूट जाती हैं
आदमी फिर भी क़ैद रहता है
भूल जाते हैं लोग सब लेकिन
कुछ ना कुछ फिर भी याद रहता है

प्यार है इक निशान क़दमों का
जो मुसाफ़िर के बाद रहता है
…………………………………………………
Pyar hai ek nishan-Mukti 1977

Artists: Pehchano kaun ?

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