Jul 7, 2015

मोहब्बत रंग लाएगी जनाब-पूनम १९८१

पंकज उधास की एक गज़ल है-मज़ा लेना है पीने का तो कम कम
धीरे धीरे पी. धीरे धीरे ही हरचीज़ का मज़ा आता है. धीरे धीरे ग्रहण
करने मेंऔर धीरे धीरे ही महसूस करने में. गति हर चीज़ का कबाडा
कर देती है.

ऐसा ही कुछ मसला मोहब्बत के साथ भी है. सन १९८१ में फिल्म
आहिस्ता आहिस्ता के गीत के ज़रिये एक सन्देश दिया गया-मोहब्बत
रंग लाती है मगर, आहिस्ता आहिस्ता. उसी साल फिल्म पूनम के
ज़रिये फिर उस विचार को पुख्ता किया गया-
गीत है-मोहब्बत रंग लाएगी जनाब, आहिस्ता आहिस्ता.

देखिये शब्द थोड़े से बदल गए हैं, जैसे फिल्म आहिस्ता आहिस्ता के
गाने पर अमल करने वालों को धीरज रखने को बोला जा रहा हो.

आहिस्ता आहिस्ता में खय्याम साहब का संगीत है तो पूनम फिल्म
में अन्नू मलिक का. पूनम फिल्म का गीत हसरत जयपुरी ने लिखा
है और ८१ की फिल्म आहिस्ता आहिस्ता का गीत निदा फाज़ली ने.
दोनोंगीत नायाब नमूने हैं शब्दों की कारीगरी के. आज सुनिए फिल्म
पूनम का युगल गीत रफ़ी और कमप्रसिद्ध गायिका चंद्राणी मुखर्जी की
आवाजों में. परदे पर इसे राज बब्बर और पूनम ढिल्लों गाते दिखाई
दे रहे हैं.




गीत के बोल:

मोहब्बत रंग लाएगी जनाब आहिस्ता आहिस्ता
के जैसे रंग लाती है शराब आहिस्ता आहिस्ता
मोहब्बत रंग लाएगी

अभी तो तुम झिझकते हो
अभी तो तुम सिमटते हो
अभी तो तुम झिझकते हो
अभी तो तुम सिमटते हो
के जाते जाते जायेगी हिजाब आहिस्ता आहिस्ता

हिजाब अपनों से होता है नहीं होता है गैरों से
कोई भी बात बनती है जनाब आहिस्ता आहिस्ता
मोहब्बत रंग लाएगी

अभी कमसिन हो क्या जानो
मोहब्बत किसको कहते हैं
अभी कमसिन हो क्या जानो
मोहब्बत किसको कहते हैं
बहारें तुम पे लायेंगी शबाब आहिस्ता आहिस्ता
बहार आ चुकी हम पर
ज़रूरत बा खुदा की है
तुम्हारे सवाल का दूँगी जवाब आहिस्ता आहिस्ता
मोहब्बत रंग लाएगी जनाब आहीस्ता आहिस्ता
के जैसे रंग लाती है शराब आहिस्ता आहिस्ता

मोहब्बत रंग लाएगी जनाब आहिस्ता आहिस्ता
के जैसे रंग लाती है शराब आहिस्ता आहिस्ता
मोहब्बत रंग लाएगी
.................................................................
Mohabbat rang layegi-Poonam 1981

Artists: Poonam Dhillon, Raj Babbar,

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