Sep 24, 2015

चले थे साथ मिल के-हसीना मान जायेगी १९६८

एक दौर था जब फिल्म हसीना मान जायेगी के गीत काफी
बजा करते थे. इस फिल्म से आपको एक कालजयी युगल
गीत पहले सुनवाया जा चुका है. आज सुनिये रफ़ी का गाया
हुआ एक गीत. ये गीत भी काफी बजा हुआ अर्थात घिसा
हुआ गीत है. इसे रडियो पर ही ना जाने कितनी बार सुन
लिया है.

रफ़ी ने शशि कपूर के लिए भी कई हिट और लोकप्रिय गीत
गाये हैं. रफ़ी का नाम शम्मी के साथ ज्यादा लिया जाता है.
कुछ फिल्मों की बानगी देखिये जिनमें शशि के लिए रफ़ी ने
एक से बढ़ कर एक गीत गाये हैं-कन्यादान, प्यार का मौसम,
जब जब फूल खिले, हसीना मान जायेगी, नींद हमारी ख्वाब
तुम्हारे,  मोहब्बत इसको कहते हैं, राजा साब. ये सब फ़िल्में
६० के दशक के उत्तरार्ध की हैं. ६० के दशक की शुरुआत में
चार दीवारी और मेहँदी लगी मेरे हाथ ऐसी फ़िल्में थीं जिनमें
शःसी के लिए रफ़ी ने गाने गए थे, ये फ़िल्में चली नहीं अतः
जनता का ध्यान ज्यादा गया नहीं कौन सा गाना किस नायक
पर फिल्माया गया है फिल्म में. वैसे भी ये जानकारी फ़िल्मी
कीड़ों को ही हुआ करती थी उस युग में जिसमें फिल्म देखने
के अलावा और कोई सामान उप्लंध नहीं था जानकारी बढ़ाने
के लिए. वीडियो कैसेट के ज़माने से जनता का ज्ञान बढ़ना
शुरू हुआ और इन्टरनेट के पदार्पण के बाद अपने चरम पर
पहुँच गया जिसके बाद हमें संगीत के कई विशेषज्ञ उपलब्ध
हो गए हैं.

१९६३ की फिल्म ‘ये दिल किसको दूं’ से अलबत्ता एक गीत बेहद
लोकप्रिय हुआ-फिर आने लगा याद वही प्यार का आलम. धुन
अच्छी थी तो गाना चल निकला. इस फिल्म में इकबाल कुरैशी
का संगीत है. जब जब फूल खिले से गाडी चल निकली शशि
की और फिल्म हसीना मान जायेगी(१९६८) के बाद सन १९६९ में
आई फिल्म आमने सामने जिसमें भी कल्याणजी आनंदजी का
संगीत है. इस फिल्म का युगल गीत भी बहुत लोकप्रिय हुआ-कभी
रात दिन हम दूर थे. चर्चा जारी रहेगी, पढते रहें ये ब्लॉग.





गीत के बोल:

चले थे साथ मिल के, चलेंगे साथ मिलकर
तुम्हें रुकना पड़ेगा, मेरी आवाज़ सुनकर
चले थे साथ मिल के, चलेंगे साथ मिलकर

हमारी जान लेंगी, तुम्हारी ये अदायें
हमें जीने ना देंगी, तुम्हारी ये निगाहें
समझ लो बात दिल की, तुम्हे देंगे दुआएं
चले थे साथ मिल के, चलेंगे साथ मिलकर

बड़ा प्यासा है ये दिल, इसे मदहोश कर दो
भड़क उठे हैं शोले, इन्हें खामोश कर दो
हमारा होश ले लो, हमें बेहोश कर दो
चले थे साथ मिल के, चलेंगे साथ मिलकर
तुम्हें रुकना पड़ेगा, मेरी आवाज़ सुनकर
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Chale the sath mil ke-Haseena maan jayegi 1968

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