Jul 8, 2016

बाहोश-ओ-हवास मैं दीवाना-नाईट इन लन्दन १९६८

फ़िल्मी गीतों और फिल्मों में कुछ भी संभव है. जो आप
कल्पना कर सकते हैं वो सब आप फिल्मों में ढूंढ सकते
हैं. हाँ, कुछ विशेष किस्म के ख्याल को छोड़ कर. आपकी
इच्छा हो सकती है आसमान में उड़ते प्लेन के ऊपर लोटा
ले के बैठने की, वो वास्तव में संभव हो भी जाए तो उसका
फिल्मों में दिखना अभी संभव नहीं है. ऐसी बहुत सी बातें
और ख्याल हैं जो एक्सेप्शन के तौर पर अलग कर दी जाती हैं
क्यूंकि जनता उनका रिप्ले या फिल्मंकान नहीं देखना चाहती.

वसीयत अमूमन जायदाद की होती है. जायदाद में कुछ भी
हो सकता है-ज़मीन, पैसे, जेवरात, मकान, पक्षी, जानवर
ये कोई इच्छा जिसे किसी रूप में पूरा किया जा सके.

बाहोश-ओ-हवास का विलोम शायद बदहवास होता होगा. आज
जो गीत सुनेंगे उसमें पूरे होश हवास में वसीयत की जा रही
है. विश्वजीत और माला सिन्हा गीत में आपको दिखाई देंगे.
आनंद बक्षी के बोल हैं और लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल का संगीत
है. बृज सदाना निर्देशित इस फिल्म में हेलन और मधुमति
भी मौजूद हैं.




गीत के बोल:

बाहोश-ओ-हवास मैं दीवाना ये आज वसीयत करता हूँ
ये दिल ये जान मिले तुमको मैं तुमसे मोहब्बत करता हूँ

मेरे जीते जी यार तुम्हे मेरी सारी जागीर मिले
वो ख्वाब जो मैंने देखे हैं उन ख्वाबों की ताबीर मिले 
हर एक तमन्ना के बदले मैं आज ये हसरत करता हूँ
ये दिल ये जान मिले तुमको मैं तुमसे मोहब्बत करता हूँ

मेरी आँखों में नींद नहीं मेरे होठों पे प्यास नहीं
हर चीज़ तुम्हारे नाम हुयी अब कुछ भी मेरे पास नहीं
तुमने तो लूट लिया मुझको मैं तुमसे शिकायत करता हूँ
ये दिल ये जान मिले तुमको मैं तुमसे मोहब्बत करता हूँ

बाहोश-ओ-हवास मैं दीवाना ये आज वसीयत करता हूँ
ये दिल ये जान मिले तुमको मैं तुमसे मोहब्बत करता हूँ
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Bahosh-o-hawaas mein deewana-Night in London 1968

Artists: Vishwajeet, Mala Sinha

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