दुःख से भरा हुआ है दिल-जान पहचान १९५०
मिले गाने के लिए फिल्मों में मगर उनकी आवाज़ में दम
है. खेमचंद प्रकाश, जैसा हम पहले बतला चुके हैं बहुत ही
प्रभावशाली और उच्च कोटि के संगीतकार थे, उस समय की
उपलब्ध प्रतिभाओं का दोहन अच्छी तरह से करना जानते
थे जैसा कि आज के संगीतकार ऐ आर रहमान किया करते
हैं. रहमान का नाम हमने इसलिए लिए क्यूंकि हमारे ब्लॉग
के पाठक काफी सारे नयी पीढ़ी से हैं और उन्हें ये तुलना
ज़ल्दी समझ आएगी. अगर हम खय्याम और एस डी बर्मन
के उदाहरण दें तो समय लगेगा उन्हें समझने में.
जैसे रहमान किसी एक गायक/गायिका पर निर्भर नहीं हैं
वैसे ही समझ लें खेमचंद प्रकाश को शायद ही फर्क पढ़ा
इस बात से कि हो गाने वाला कौन है? लता मंगेशकर ने
सन १९५० तक जितने भी गाने गा लिए हों, उन्हें बेहिसाब
प्रसिद्धि फिल्म महल के गाने-आएगा आने वाला से ही मिली.
गौर फरमाएं प्रस्तुत गीत राज कपूर पर फिल्माया गया है.
वही राज कपूर जिन्होंने मुकेश को अपनी आवाज़ के रूप
में चुना. राज कपूर ने तलत और रफ़ी की आवाजों पर भी
अपने होंठ हिलाए हैं.
गीत के बोल:
दुःख से भरा हुआ है दिल
जीने में कुछ मज़ा नहीं
दुःख से भरा हुआ है दिल
जीने में कुछ मज़ा नहीं
टूट गये सब आसरे
टूट गये सब आसरे
अब कोई आसरा नहीं
दुःख से भरा हुआ है दिल
दर्द से दिल निढाल है
आज ये अपना हाल है
दर्द से दिल निढाल है
आज ये अपना हाल है
रूठी हुई है ज़िंदगी
रूठी हुई है ज़िंदगी
मौत का भी पता नहीं
दुःख से भरा हुआ है दिल
बिगड़े हुए नसीब ने
लूट लिया चमन मेरा चमन मेरा
बिगड़े हुए नसीब ने
लूट लिया चमन मेरा चमन मेरा
हाय ख़िज़ा
हाय ख़िज़ा तू ग़म न कर
हाय ख़िज़ा तू ग़म न कर
तेरी कोई खता नहीं
दुःख से भरा हुआ है दिल
जीने में कुछ मज़ा नहीं
दुःख से भरा हुआ है दिल
............................................................
Dukh se bhara hai dil-jaan Pehchan 1950
Artist-Raj Kapoor
0 comments:
Post a Comment