फूल खिले हैं गुलशन में-नीली १९५०
आज हमें सुनने को नहीं मिलते ये अलग बात है मगर
उन गीतों की यादें नहीं जाती हैं.
आज आपको एक मस्त गीत सुनवाते हैं सुरैया की आवाज़
में. फिल्म नीली से जो सन १९५० की फिल्म है ये गीत
आपके लिए चुना गया है. सुरजीत सेठी के लिखे गीत को
संगीत से संवारा है एस मोहिंदर ने. सरदार मोहिंदर सिंह
का संगीत जीवंत हुआ करता था ये आपको इस गीत को
सुन कर मालूम पड़ जायेगा.
उस समय के तेज गति वाले गीत अचंभित करते थे. ऐसा
नहीं है कि हर गीत धीमी गति वाला ही बना करता था उस
वक्त, या रोता धोता सा सुनाई देता था, रफ़्तार का खेल है.
जैसे जैसे समय आगे बढ़ता गया चीज़ों की गति भी बढती
गयी. कोयले वाले इंजिन आये, उसके बाद डीज़ल वाले, फिर
आये बिजली से चलने वाले. रफ़्तार बढती चली चाहे दुपहिया
वाहन ले लें या चार पहिया गाडी सब की रफ़्तार बढ़ी है फिर
संगीत क्यूँ पीछे रहे.
उस ज़माने के संगीत में एक कसावट महसूस होती थी और
गायकी भी अपने उच्च स्तर पर थी. कलाकार कई रिहर्सल के
बाद ऐसे गीत गा पाते थे. सधी हुई आवाज़ उस युग का एक
खास पहलू था.
ये गीत एक विनाईल कलेक्शन के शौक़ीन सज्जन के ज़रिये
सुनने का सौभाग्य मिला था, उन्हें धन्यवाद. उन सज्जन की
विशेषता है उनके कान बढ़िया संगीत को पकड़ते हैं और पुराने
ज़माने के संगीत पर वे साधिकार बात करते हैं. इस बात को
ही ८ साल हो चुके हैं. फिल्म नीली में सुरैया के गाये कई
नायाब गीत हैं. इन्हें सुनेंगे धीरे धीरे.
गीत के बोल:
फूल खिले हैं गुलशन में
तू भी देख ले मैं भी देख लूं
फूल खिले हैं गुलशन में
तू भी देख ले मैं भी देख लूं
कौन बसा है धडकन में
तू भी देख ले मैं भी देख लूं
फूल खिले हैं गुलशन में
तू भी देख ले मैं भी देख लूं
दिल ने ली है क्यूँ अंगड़ाई हो हो हो हो
नज़र है क्यूँ शरमाई
किसके मस्त इशारे पा कर
किसके मस्त इशारे पा कर
ऐसी मस्ती छाई
ऐसी मस्ती छाई
अपने दिल के दर्पण में
अपने दिल के दर्पण में
तू भी देख ले मैं भी देख लूं
फूल खिले हैं गुलशन में
तू भी देख ले मैं भी देख लूं
उड़ते बादल करें इशारे हो हो हो हो
आ जा पास हमारे
हम तुम मौज उडाएं जैसे
हम तुम मौज उडाएं जैसे
खेलें चाँद सितारे
खेलें चाँद सितारे
प्यार बसा कर तन मन में
प्यार बसा कर तन मन में
तू भी देख ले मैं भी देख लूं
फूल खिले हैं गुलशन में
तू भी देख ले मैं भी देख लूं
कलियों ने भी नयी अदा से, हो हो हो हो
है मुस्कान सीखा
बुलबुल ने कोई छेड़ के नगमा
बुलबुल ने कोई छेड़ के नगमा
प्यार जताना सीखा
प्यार जताना सीखा
सब हैं अपनी ही धुन में
सब हैं अपनी ही धुन में
तू भी देख ले मैं भी देख लूं
फूल खिले हैं गुलशन में
तू भी देख ले मैं भी देख लूं
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Phool khile hain gulshan mein-Nili 1950
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