आटा है चावल है-झूठ बोले कौवा काटे १९९८
है सुन लीजिए. हाथ कंगन को आरसी क्या पढ़े लिखे को फारसी
क्या. हिंदी गीतों का अर्थ ना समझ आये ऐसा हो ही नहीं सकता.
कैसा भी गीत किसी भी गीतकार ने लिखा हो भाव समझ आ ही
जाता है. उसे समझने के लिए सन्दर्भ सहित भावार्थ की कतई
आवश्यकता नहीं है. सरलता इसकी बड़ी स्ट्रेंथ है.
हृषिकेश मुखर्जी ने अपने अंतिम दौर में झूठ बोले कौवा काटे का
निर्देशन किया था. मुखर्जी हलकी फुलकी कॉमेडी फ़िल्में बनाने के
लिए विख्यात थे. ये फिल्म कुछ ज्यादा ही हलकी फुलकी निकली
और वजन कम होने की वजह से सिनेमा घरों से ज़ल्द ही फुर्र
हो चली. फिल्म में अमरीश पुरी और जूही चावला के अभिनय के
अलावा किसी और के अभिनय पर ज्यादा ध्यान देने लायक कुछ
है नहीं.
आनंद बक्षी का लिखा ये गीत समस्यापूर्ति जैसा सुनाई देता है.
विनोद राठौड, उदित नारायण, अलका याग्निक और अभिजीत का
गाया हुआ है जिसकी धुन आनंद मिलिंद ब्रदर्स ने बनाई है.
ढाक-चिक ढाक-चिक थाप वाले गीत में बस एक घोड़े की कमी है.
गीत के बोल:
आटा है चावल है दाल है भूख है
चूल्हा नहीं बड़ी मुश्किल है
आटा है चावल है दाल है भूख है
चूल्हा नहीं बड़ी मुश्किल है
हाँ बादल है बरखा है बिजली है
सावन है झूला नहीं
ओ बड़ी मुश्किल है
हाँ बादल है बरखा है बिजली है
सावन है झूला नहीं
ओ बड़ी मुश्किल है
हम दोनों हैं फरियादी
मिल जाती अगर आजादी
छुप छुप कर हम ना मिलते
कर लेते आज ही शादी
लड़का है लड़की है दूल्हा है
दुल्हन है पंडित नहीं
बड़ी मुश्किल है
हे लड़का है लड़की है दूल्हा है
दुल्हन है पंडित नहीं
बड़ी मुश्किल है
लड़का लड़की ना होते
तुम मुर्गा मुर्गी होते
जब चाहे जहाँ तुम मिलते
जब चाहे जहाँ तुम सोते
हाँ पहरा है पर्दा है
परदे में जलवा है हलवा नहीं
बड़ी मुश्किल है
हाँ पहरा है पर्दा है
परदे में जलवा है हलवा नहीं
बड़ी मुश्किल है
वो देख वो बैंड वो बाजा
जा सेहरा बाँध के आ जा
पर किस पर बैठ के आऊं
मैं तेरा दूल्हा राजा
जंगल है शेर है चीता है
भालू है घोडा नहीं
बड़ी मुश्किल है
जंगल है शेर है चीता है
भालू है घोडा नहीं
बड़ी मुश्किल है
है खूब तुम्हारी जोड़ी
तुम दोनों चाँद चकोरी
कहीं देखि सुनी नहीं
है हमने ऐसी लव स्टोरी
हीरो है हीरोईन है विलन है
शूटिंग है कैमरा नहीं
बड़ी मुश्किल है
हीरो है हीरोईन है विलन है
शूटिंग है कैमरा नहीं
बड़ी मुश्किल है
हय थोड़ी सी पी कर जाऊं
तेरे बाप को मैं समझाऊँ
पर डरता हूँ रस्ते में
कहीं मैं पकड़ा ना जाऊं
व्हिस्की है सोडा है पानी है
प्यास है परमिट नहीं
बड़ी मुश्किल है
व्हिस्की है सोडा है पानी है
प्यास है परमिट नहीं
बड़ी मुश्किल है
हाँ बड़ी मुश्किल है
हाँ बड़ी मुश्किल है
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Aata hai chawal hai-Jhooth bole kauwa kaate 1998
1 comments:
आपको नहीं लगता आनंद मिलिंद ने अधिकतर फिल्मों में कामचलाऊ संगीत
का ज्यादा इस्तेमाल किया है.
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