Showing posts with label Alka Yagnik. Show all posts
Showing posts with label Alka Yagnik. Show all posts

May 23, 2021

ये है सनमखाना-धरतीपुत्र १९९३

कुछ शब्द जो प्रकृति से जुड़े हैं, सदा से हमें आकर्षित करते आये हैं.
पक्षियों के नाम वाले गाने हों या नदी झरने के विवरण वाले, स्मृति
पटल पर अपनी छाप अवश्य छोड़ते हैं.

पॉपुलर संगीत अपने चरम पर होता है जब उसमें ऐसे शब्द और
कैची किस्म की धुन का मिश्रण हो.

फ फ़िल्म धरतीपुत्र दक्षिण के स्टार मैमूटी की हिंदी में पहली फिल्म
थ थी. साथ में उनके जया प्रदा बतौर नायिका हैं.

फिल्म धरतीपुत्र के कुछ गीत आप सुन चुके हैं. अब सुनते हैं
कुछ अनयूज़ुअल शब्द वाला गीत. आपने बावर्चीखाना, पा...
ख खाना-खज़ाना जैसे शब्द सुने होंगे, मगर इसमें प्रयोग कुछ
अलग सा है.




गीत के बोल:

हर किसी का यहाँ पे है आना जाना
हर किसी का यहाँ पे है आना जाना
ये है सनमखाना
ये है सनमखाना
......................................................................
Ye hai sanamkhana-Dharti putra 1993

Read more...

Aug 16, 2020

तेरे बिना दिल लगता नहीं-दीवाना मस्ताना १९९७

डेविड धवन का एक लंबा और सफल कैरियर है बॉलीवुड में.
सन १९८९ से फिल्म निर्देशन का सिलसिला लगातार चला
आ रहा है. गोविंदा के साथ उन्होंने सबसे ज्यादा सत्रह फ़िल्में
की.

उनका मूल नाम राजिंदर है जो कि बाद में डेविड हो गया. आज
उनका जन्मदिन है और इस अवसर पर सुनते है १९९७ की
गोविंदा, अनिल कपूर और जूही चावला अभिनीत फिल्म
दीवाना  मस्ताना से एक गाना.

आनंद बक्षी की रचना है और लक्ष्मीकांत प्यारेलाल का संगीत.
इसे अलका याग्निक, विनोद राठौड और उदित नारायण ने
गाया है.




गीत के बोल:

तेरे बिना दिल लगता नहीं
.
.
.
.
........................................................
Tere bina dil lagta nahin-Deewana Mastana 1997

Artists: Anil Kapoor, Juhi Chawla, Govinda

Read more...

Jul 26, 2020

आँखों से दिल में उतर कर-फरेब १९९६

आज बहुत सी बॉलीवुड हस्तियों के जन्मदिन हैं. इनमें
से एक हैं सुमन रंगनाथन. घुंघराले बालों वाली सुमन
अपने समय की अभिनेत्रियों से थोड़ी अलग दिखती थीं.
हालांकि अलग लुक्स का उन्हें ज्यादा फायदा नहीं हुआ
जहाँ तक हिंदी फिल्मों का सवाल है.

२६ जुलाई १९७४ को बैंगलोर में जन्मी सुमन ने कन्नड़
फिल्म सी बी आई शंकर से अपने फ़िल्मी कैरियर की
शुरुआत की थी. ये १९८९ में आई थी.

हिंदी फिल्म जगत में और उन्हें बड़े बैनर की फिल्मों
में प्रमुख नायिका के रोल कम मिले. अधिकतर फिल्मों
में सुमन सहायक भूमिकाओं में नज़र आईं. ये भी हो
सकता है कि दूसरी भारतीय भाषाओँ में फ़िल्में करने की
वजह से उन्हें समय ना मिल पाया हो.

वैसे वजह तो ये भी बतलाई जाती है कि वे फिल्मों के
बजाये इतर कारणों से ज्यादा चर्चा में रहीं जिसमें अफेयर
और असफल से रहे रिश्ते भी शामिल हैं.

आज सुनते हैं नीरज का लिखा हुआ फिल्म फरेब का गीत
जिसकी धुन जतिन ललित ने तैयार की हैं कुमा सानू और
अलका याग्निक ने इसे गाया है. फिल्म के नायक का नाम
फराज़ खान है.

फिल्म फरेब, अनलाफुल एंट्री(१९९२) का देसी संस्करण है.
अनलॉफुल एंट्री में जो रोल रे लियोट्टा ने निभाया था वो
देसी संस्करण में मिलिंद गुनाजी ने निभाया है.




गीत के बोल:

आँखों से दिल में उतर के तू मेरी धडकन में है.
आँखों से दिल में उतर के तू मेरी धडकन में है.
मेरे यार मेरे प्यार तेरी महक मेरे तन-मन में है
आँखों से दिल में उतर के तू मेरी धडकन में है.
आँखों से दिल में उतर के तू मेरी धडकन में है.
मेरे यार मेरे प्यार तेरी महक मेरे तन-मन में है
आँखों से दिल में उतर के तू मेरी धडकन में है.
आँखों से दिल में उतर के तू मेरी धडकन में है.
…………………………………………………..
Aankhon se dil mein utar ke-Fareb 1996

Artists: Suman Ranganathan, Faraaz Khan

Read more...

Jun 28, 2020

कंवारा नहीं मरना-जान १९९६

९० के दशक के सफल निर्देशक राज कँवर का आज जन्मदिन है.
राज कँवर ने फिल्म दीवाना से अपने निर्देशन की शुरुआत की थी.
इसके पहले वे सहायक के तौर पर निर्देशक राजकुमार संतोषी और
शेखर कपूर के साथ काम कर चुके थे.

बॉलीवुड से जुड़े हुए जिन लोगों का आज जन्मदिन है उनमें से एक
हैं राजीव वर्मा, अमिताभ बच्चन के साढू. इसके अलावा मधुबाला एक
इश्क एक जूनून सीरियेल फेम विवियन डिसेना और जी टीवी पर
प्रसारित टशन-ए-इश्क सीरियल की अभिनेत्री जास्मिन भसीन

राज कँवर के बारे में हम पहले  भी चर्चा कर चुके हैं इस ब्लॉग पर.
फिल्मों में सम्पूर्ण मसाले में विश्वास रखने वाले राज कँवर की फिल्मों
का संगीत पक्ष मजबूत रहा और दीवाना, लाडला, जुदाई, फ़र्ज़, अंदाज़
हर दिल जो प्यार करेगा जैसी फिल्मों के गाने बहुत चले पाने समय
में. गीतों की लम्बाई फिल्मांकन में भी काफी उदारता दिखती है. और
फिल्मों के गानों की तुलना में थोड़े बड़े लेकिन चुस्त गाने मिलेंगे
आपको उनकी फिल्मों में.

आज आपको सुनवाते हैं जान फिल्म से एक गाना अलका याग्निक
का गाया हुआ. आनंद बक्षी रचित इस गीत की धुन तैयार की है
आनंद मिलिंद ने.





गीत के बोल:

नैनों में महबूब के देखूंगी मैं डूब के
नैनों में महबूब के देखूंगी मैं डूब के
शादी के बाद मैं मर जाऊं तो ग़म नहीं
कंवारा नहीं मरना कंवारा नहीं मरना

साहिल पे बैठ के दरिया के तूफ़ान का
नज़ारा नहीं करना कंवारा नहीं मरना

ये लाज का घूंघट खोलूंगी ये बात मैं सबसे बोलूंगी
ये लाज का घूंघट खोलूंगी ये बात मैं सबसे बोलूंगी
मेरे घरवालों चुप रहने का तुम मुझे इशारा नहीं करना
कंवारा नहीं मरना

जा चुटकी भर सिंदूर मंगा जल्दी से मेरी मांग सजा
जा चुटकी भर सिंदूर मंगा जल्दी से मेरी मांग सजा
मैं मर गई तो ले के मेरा नाम तू पुकारा नहीं करना
कंवारा नहीं मरना

पानी में आग लगानी है इस दिल पर चोट भी खानी है
पानी में आग लगानी है इस दिल पर चोट भी खानी है
हँसना है रोना है जीना है दिल थाम के गुज़ारा नहीं करना
कंवारा नहीं मरना

ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ
दिल का अरमान निकल जाये फिर चाहे जान निकल जाये
दिल का अरमान निकल जाये फिर चाहे जान निकल जाये
ओ दुनिया वालों तुम दो दिलों को जुदा ख़ुदारा नहीं करना
कंवारा नहीं मरना
कंवारा नहीं मरना
कंवारा नहीं मरना
…………………………………………
Kanwara nahin marna-Jaan 1996

Artists: Twinkle Khanna, Ajay Devgan

Read more...

Jun 22, 2020

माशूका माशूका-आज का अर्जुन १९९०

आज ही के दिन रंगकर्मी, बॉलीवुड के मशहूर खलनायक और
चरित्र अभिनेता अमरीश पुरी का जन्म नवांशहर में हुआ था.
अमरीश पुरी ने हिंदी फिल्मों पर ऐसी गहरी छाप छोड़ी है कि
उसे फिल्म बनाने वाले और देखने वाले समान रूप से याद
रखेंगे बरसों तक.

सन १९७९ में संगीत नाटक अकादमी अवार्ड पाने वाले पुरी
फिल्मों में १९७० से आये. सन १९७५ की फिल्म निशांत में
उनके दमदार अभिनय ने जनता का ध्यान उनकी ओर खींचा.
फिल्म के साथ विजय तेंदुलकर और सत्यदेव दुबे का नाम भी
जुड़ा है. सत्यदेव दुबे के नाटकों में पुरी काम करते रहे थे.

अमरीश पुरी को हमने फिल्म गहराई से पहचाना. फिल्म हम
देखने गए थे श्रीराम लागू और अनंत नाग की वजह से. निशांत
फिल्म हमें उसी साल देखने को मिली बाद में.

चर्चा बाद में और कर लेंगे. एक गाना सुनते हैं आज का अर्जुन
फिल्म से जिसमें अमरीश पुरी की आवाज़ है. अनजान के लिखे
गीत में प्रमुख आवाजें हैं अलका याग्निक और बप्पी लहरी की.
गीत का संगीत बप्पी लहरी ने तैयार किया है.



गीत के बोल:

माशूका माशूका
इसके आगे के बोल समझ नहीं आ रहे हैं.
कल मिलते हैं.
....................................................................
Mashooka mashooka-Aaj ka Arjun 1990

Artists: Jaya Prada, Amrish Puri

Read more...

Jun 1, 2020

दिल मेरा तोड़ दिया-कसूर २००१

सन २००० की फिल्म कसूर से अगला गीत सुनते हैं जिसे
समीर ने लिखा है. इसे अलका याग्निक ने नदीम श्रवण की
धुन पर गाया है.

अफताब शिवदासानी के बारे में हम बात कर रहे थे पिछली
पोस्ट में. मस्त फिल्म में आने के पूर्व वे बाल कलाकार के
रूप में मिस्टर इण्डिया, शहंशाह, चालबाज़, अव्वल नंबर,
सी आई डी और इंसानियत में दिख चुके थे.

फेरेक्स बेबी का खिताब वे १४ महीने की उम्र में ही जीत चुके
थे. ये बच्चों के फ़ूड सप्लीमेंट के तौर पर उपयोग में लाया
जाता है. बच्चे उस जामाने में भी क्यूट थे विज्ञापन वाले और
आज भी क्यूट लगते हैं. अंकल चिप्स के विज्ञापन में में एक
बहुत छोटा बच्चा होता था.

फिल्म की अभिनेत्री लिसा रे मिस इंडिया रह चुकी हैं. तमिल
फिल्म नेताजी से अपने फ़िल्मी कैरियर को शुरू करने वाली
सुंदरी लिसा रे एक फिल्म में और दिखीं २००२ में उसके बाद
वे एक्टिंग सीखने लन्दन पहुँच गयीं और फिल्मों से लंबे समय
दूर रहीं. उसके बाद वो दीपा मेहता की वाटर में दिखलाई दीं.

प्रस्तुत गीत की पहली पंक्ति पद्य कम और गद्य ज़्यादा लगती है.
केवल उसने शब्द आप सबसे पहले ले आइये और ये बन गया
वाक्य. अपने समय का काफी सुना गया गीत है ये. यूँ कहें इस
फिल्म के लगभग सारे गीत ही सुने गए हैं.





गीत के बोल:

दिल मेरा तोड़ दिया उसने बुरा क्यूं मानूं
दिल मेरा तोड़ दिया उसने बुरा क्यूं मानूं
उसको हक़ है वो मुझे प्यार करे या ना करे
दिल मेरा तोड़ दिया उसने बुरा क्यूं मानूं

………………………………………
Dil mera tod diya-Kasoor 2001

Artists: Lisa Ray, Aftab Shivdasani

Read more...

May 28, 2020

कितनी बेचैन हो के-क़सूर २००१

जब भी कहीं किसी ढाबे में या टी वी के विज्ञापन में कसूरी
मेथी का जिक्र आता है तब ये प्रश्न ज़रूर उठता है मन में
कि बेचारी मेथी ने ऐसा क्या कसूर किया कि उसके नाम के
साथ कसूरी जुड़ गया.

कसूरी मेथी अपने स्वाद और खुशबू के लिए जानी जाती है.
इसकी सर्वाधिक पैदावार राजस्थान के नागौर जिले में होती है.
नागौर जिला एक और बात के लिए फेमस है-अच्छी क्वालिटी
के सांड.

आज एक गीत सुनेंगे महेश भट्ट निर्देशित फिल्म कसूर से
जिसमें आफ़ताब शिवदासानी और लिसा रे प्रमुख कलाकार हैं.
लिसा रे की या पदार्पण फिल्म है और आफ़ताब की दूसरी.
आफ़ताब इसके पहले बॉलीवुड की छः फिल्मों में दिख चुके थे
बतौर बाल या युवा कलाकार. मस्त नायक के रूप में उनकी
पहली फिल्म है.

फ़िल्मी क्रिटिक्स कुछ भी कहते रहें सितारों के अभिनय के
बारे में, मेरा ये मानना है समय और अनुभव के हिसाब से
नायक और नायिका ने जो भी किया है वो निर्देशक के निर्देशों
का कम से कम ७० प्रतिशत पालन तो है ही. महेश भट्ट जो
हैं वो चुप खड़ी मूर्ती से भी अच्छा अभिनय करवा लिया करते हैं.

अफताब शिवदासानी ने रामगोपाल वर्मा की फिल्म मस्त में
नायक का रोल किया है. कसूर में वे एंटी-हीरो हैं. ये शब्द शायद
फिल्म बाजीगर के बाद मैंने सुना है. शाहरुख खान नकारात्मक
भूमिकाओं में ज्यादा आये हैं अपनी शुरूआती फिल्मों में.

लिसा रे अपनी पहली फिल्म के हिसाब से बेहतर हैं. उनके लिए
मशहूर अभिनेत्री और इस फिल्म की स्टारकास्ट की सदस्य
दिव्या दत्ता ने डबिंग की है, वजह थी लिसा रे का हिंदी उच्चारण
लिसा रे को उस समय हिंदी नहीं आती थी. आज भी आती है
या नहीं मालूम नहीं.

सन २००१ की फिल्म कसूर हॉलीवुड की १९८५ रिलीज़ फिल्म
जैग्ड एज का देसी संस्करण है सिवाय इसके अंत के जो किसी
और फिल्म के अंत से मिलता जुलता है.

सुनते हैं इस फिल्म का सबसे लोकप्रिय गीत समीर का लिखा
हुआ और नदीम श्रवण द्वारा संगीतबद्ध. इस गीत को गवाया गया
है अलका याग्निक और उदित नारायण से.

नदीम श्रवण ने टी सीरीज़ के साथ काफी लोकप्रिय एल्बम निकाले
उसके बाद टिप्स ब्रांड के अंतर्गत उनकी फिल्मों के एल्बम निकले.
सारेगामा के साथ शायद ये उनका पहला ऐसा एल्बम है जो काफ़ी
लोकप्रिय है और जिसकी बिक्री बेहिसाब हुई.



गीत के बोल:

कितनी बेचैन हो के तुमसे मिली
.
.
.
.
.

…………………………………………………
Kitni bechain ho ke-Kasoor 2001

Artists: Lisa Ray, Aftab Shivdasani

Read more...

May 22, 2020

ऐसा कोई जिंदगी में आये-दोस्ती २००५

बॉलीवुड में एक नाम से कई फ़िल्में मौजूद हैं. हाल में
आई फिल्म बागी जिसके नाम के साथ १-२-३ लगा हुआ
है सीक्वल होने की वजह से, पहले भी बनाई जा चुकी है.
इससे पूर्व सलमान खान वाली फिल्म आई थी. श्वेत श्याम
युग में भी एक बागी फिल्म मौजूद है. गोलमाल नाम से
भी काफी फ़िल्में बन गई हैं. सर्वप्रथम तो अमोल पालेकर
वाली ही है.

कुछ फ़िल्में तो ऐसी भी हैं जिनके नामों पर शायद ही कोई
दूसरी फिल्म बनाने की हिम्मत करे जैसे कि अलबर्ट पिंटो
को गुस्सा क्यूँ आता है, पॉपकॉर्न खाओ मस्त हो जाओ, कभी
हाँ कभी ना, राजा रानी को चाहिए पसीना, एक रुका हुआ
फैसला, प्राण जाये पर वचन न जाये, अँधेरी रात में दिया
तेरे हाथ में इत्यादि.

कोई कहता है छोटे नाम वाली फ़िल्में ज़्यादा पोपुलर होती
हैं. इतिहास गवाह है कि नाम वाम में कुछ नहीं रखा वो
तो कब क्या हिट हो जाये समय की चाल के साथ इसे
अधिकाँश निर्देशक स्वीकार करते हैं, समझ के बाहर वाली
चीज़ है. अगर छोटे नाम वाला फार्मूला चलता तो शोले के
बाद शान फिल्म हिट होना चाहिए थी. रमेश सिप्पी शोले
को ले कर तो ये कह चुके हैं-वो बन गई तो बन गई.
ऐसी फ़िल्में कभी कभार ही बना करती हैं. उन्होंने बतलाया
कैसे फिल्म के कथानक से ले कर स्टारकास्ट और तकनीकी
टीम और गीत संगीत तक सब कुछ उम्दा सा होता चला.

लेख टंडन द्वारा निर्देशित और राजश्री प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित
फिल्म दुल्हन वही जो पिया मन भाये बेहद लोकप्रिय और
सफल फिल्म है अपने समय की. मिर्ज़ा ब्रदर्स की ९० के
दशक की राजू बन गया जेंटलमैन भी अपने समय की एक
सफल और जनता की प्रिय फिल्म है.

ऊपर वर्णित कई नाम तो सफल फिल्मों के हैं. इनके साथ
कुछ ऑफ बीट फिल्मों के नाम भी हमने ले लिए हैं. ये
किसी समय ऑफ बीट लगती थीं मगर आज के कथानकों
से तुलना की जाये तो मुख्य धारा के सिनेमा की फ़िल्में
ही प्रतीत होंगी. ऑफ बीट इसलिए कि उनमें फिल्मों के
रेगुलर मसालों में से अधिकाँश नदारद मिलते हैं.

वैसे बीट शब्द फ़िल्मी जनता को इतना पसंद आया कि
चिड़िया की बीट, कबूतर की बीट भी अब सेल्युलॉइड फोर्मेट
में उपलब्ध है. संगीत वाली जो बीट है उसे डी जे और
रिमिक्स वालों ने हार्ट बीट बढ़ाने का सामान बना दिया है.
बारात निकल रही हो किसी सड़क या गली से और मकानों
की खिड़कियाँ न थर्राएँ तो ये तो बेइज्जती वाली बात हुई
डी जे वालों के लिए.

सन २००५ में एक फिल्म आई दोस्ती. ये शब्द शायद १९६४
के बार सुनाई दिया किसी फिल्म के शीर्षक के तौर पर. इस
फिल्म से एक गीत सुनते हैं समीर का लिखा हुआ और
नदीम श्रवण द्वारा संगीतबद्ध. अभिजीत और अलका याग्निक
ने इसे गाया है.



गीत के बोल:

ऐसा कोई ज़िन्दगी में आये
जो ज़िन्दगी को ज़िन्दगी बनाये
ऐसा कोई ज़िन्दगी में आये
जो ज़िन्दगी को ज़िन्दगी बनाये

थोड़े खुशियाँ हों थोड़े आँसू हों
और ज़रा ज़रा पे मुस्कुराये
ऐसा कोई ज़िन्दगी में आये
जो ज़िन्दगी को ज़िन्दगी बनाये
ऐसा कोई ज़िन्दगी में आये
जो ज़िन्दगी को ज़िन्दगी बनाये
थोड़े खुशियाँ हों थोड़े आँसू हों
और ज़रा ज़रा पे मुस्कुराये

ऐसा कोई ज़िन्दगी में आये
जो ज़िन्दगी को ज़िन्दगी बनाये

दिलों जान से जो मुझपे मरे
सिर्फ मुझसे मोहब्बत करे
मेरे ख्वाबों में खोया रहे
मेरे कांधों पे सोया रहे
मेरे लिए दुनिया भुलाये
मेरे दर्द-ओ-गम भी उठाए

ऐसा कोई ज़िन्दगी में आये
जो ज़िन्दगी को ज़िन्दगी बनाये

लम्हा लम्हा उमर बाँट ले
मेरी तन्हाईयाँ काट ले
हर घड़ी बस मेरा नाम ले
लड़खड़ाऊँ जो मैं थाम ले
मेरे सारे सपने सजाये
मेरी पलकों में घर बनाये

ऐसा कोई ज़िन्दगी में आये
जो ज़िन्दगी को ज़िन्दगी बनाये
थोड़े खुशियाँ हों थोड़े आँसू हों
और ज़रा ज़रा पे मुस्कुराये
………………………………………..
Aisa koi zindagi mein aaye-Dosti 2005

Artists: Akshay Kumar, Kareena Kapoor

Read more...

May 20, 2020

साँसों को साँसों में ढलने दो-हम तुम २००४

सुनते हैं सन २००४ की क्लासिक, क्रिटिकली ऐक्लेडम्ड और
न जाने क्या क्या विशेषणों से सुसज्जित फिल्म हम तुम से
अगला गीत. फिल्म को ढेर सारे पुरस्कार मिल चुके हैं अतः
इसकी शान में ज्यादा कसीदे काढने की ज़रूरत नहीं बची.

इसे इतनी बार देख लिए फिर भी ना जाने क्यूँ ऐसा लगता है
कुछ समझना बाकी है. दिमाग पर ज्यादा जोर देने में सर में
दर्द होने लगता है और इसे समझने का हमारा प्रयास अधूरा
ही रह जाता है.

दरअसल ये अ९८९ की एक अमरीकी फिल्म व्हेन हैरी मेट सैली
पर आधारित है. हम तुम फिल्म है ज़रूर हिंदी भाषा में मगर
आत्मा अटलांटिक महासागर में डुबकियां लगा के आई है अतः
आम भारतीय दर्शक को कुछ अटपटी लगती है. उसके अलावा
इसका कथानक कहीं कहीं रबड़ माफिक खींचा हुआ लगता है.

फिल्म की रिलीज़ के आस पास हम तुम शीर्षक वाले काफ़ी
सारे कार्टून स्ट्रिप रिलीज़ हुए थे वो इस फिल्म से सम्बंधित
सबसे उल्लेखनीय बात है और कुछ नयापन भी था उस समय
के लिहाज से.

किसी समय हमें लगता था कि समझ में नहीं आने वाले या
देर से समझ आने वाले कथानकों पर सिर्फ देव आनंद फिल्म
बनाया करते हैं. हमारा मुगालता नई पीढ़ी के फिल्मकारों की
फ़िल्में देख के दूर हो गया और ऐसे काफ़ी सारे फिल्मकार हैं
जो अभिव्यक्ति के नाम पर अपने अंदर के व्यक्ति को प्रस्तुत
कर देते हैं स्क्रीन पर बेहिचक और बेझिझक.

गीत लिखा है प्रसून जोशी ने और इसकी धुन तैयार की है
जतिन ललित ने. अलका याग्निक और बाबुल सुप्रियो ने गीत
को स्वर दिए हैं.



गीत के बोल:

हम तुम हम तुम हम तुम
साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा
हूँ हूँ हूँ हूँ ला ला ला ला ला ला
साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा
धीमी सी धड़कन को बढ़ने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है ये पास आ जाये
हम हम तुम तुम हम तुम

आँखों में हमको उतरने दो ज़रा
बाहों में हमको पिघलने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है ये पास आ जाये
हम हम तुम तुम हम तुम
साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा

सलवटें कहीं करवटें कहीं
फैल जाये काजल भी तेरा
नज़रों में हो गुज़रता हुआ
ख़्वाबों का कोई क़ाफ़िला
जिस्मों को रूहों को जलने दो ज़रा
शर्मो हया को मचलने दो ज़रा
हाँ लम्हों की गुज़ारिश है ये पास आ जाये
हम हम तुम तुम हम तुम

साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा

छू लो बदन मगर इस तरह
जैसे सुरीला साज़ हो
अँधेरे छुपे तेरी ज़ुल्फ़ में
खोलो के रात आज़ाद हो
आँचल को सीने से ढलने दो ज़रा
शबनम की बूँदें फिसलने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है ये पास आ जाये
हम हम तुम तुम हम तुम
साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा
बाहों में हमको पिघलने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है ये पास आ जाये
हम हम तुम तुम हम तुम
हम हम तुम तुम हम तुम
………………………………………..
Saanson ko saanson mein-Hum tum 2004

Artists: Saif Ali Khan, Rani Mukherji

Read more...

May 16, 2020

ऐसा ना हो अरमान-छुपा रुस्तम २००१

ओ के टाटा बाय बाय इत्यादि शब्द हम बरसों से ट्रांसपोर्ट की शान
ट्रकों के पीछे लिखे देखते आ रहे हैं. टेक्नोलोजी ज़रूर बदलती जा
रही है मगर ट्रकों की साज सज्जा और रंगाई पुताई वही ट्रेडिशनल
लुक वाली है. उसके पीछे हमें लचर, थकी हुई शायरी से लगा कर
उम्दा शेर भी देखने को मिल जाते हैं. मैं आई तू चल या बुरी नज़र
वाले तेरा ऊंह काला जैसे जुमले भी पढ़ने को मिल जाते हैं.

होर्न ओके प्लीज़ जैसे शब्द जबसे ज्यादा कॉमन हैं. यूज़ डिपर-डीपर
एट नाईट जैसे सन्देश भी दिख जाते हैं.

एक गीत है जिसे सुन के ट्रकों की पिछाडियों की सुनहरी याद आ
जाती है वो है फिल्म छुपा रुस्तम का गीत जिसमें हालांकि आई लव
यू जैसे शब्द भी हैं. गीत मनोरंजक है और ऐसे गीत फिल्मों को
सार्थक बनाते हैं मनोरंजन के मामले में.

फिल्म छुपा रुस्तम के इस गीत में आपको दो सॉफ्ट चेहरे दिखलाई
देंगे-मनीषा कोइराला और संजय कपूर के. इनमें से मेरे ख्याल से
संजय कपूर का चेहरा ज्यादा सॉफ्ट है. फिल्म सौदागर के समय भी
ऐसा ही कुछ था-मनीषा कोइराला से ज्यादा मासूम फिल्म का नायक
विवेक मुश्रान का चेहरा नज़र आता था.

मनीषा कोईराला हिंदी सिनेमा की सबसे सुन्दर अभिनेत्रियों में गिनी
जाती हैं और वे जिन्हें अभिनय भी आता है. कुछ एक फिल्मों में तो
उन्होंने अपनी समकालीन अभिनेत्रियों को पीछे छोड़ दिया है. मासूम
और मोहक मुस्कान की स्वामिनी मनीषा के लाखों फैन्स हैं जिन्हें
आज भी उनकी फिल्मों का बेसब्री से इंतज़ार रहता है.

गीत पारस पत्थर छुआ के गीत लिखने वाले आनंद बक्षी का है और
संगीत आनंद मिलिंद का. इसे ९० के दशक की प्रसिद्ध गायक जोड़ी
-कुमार सानू और अलका याग्निक ने गाया है.




गीत के बोल:

राजा ये क्या करते हो ये कोई शराफ़त है
शराफ़त नहीं निशा ये मोहब्बत है मोहब्बत

ऐसा ना हो अरमान जाग जायें
सोये हुए तूफ़ान जाग जायें
ऐसा ना हो अरमान जाग जायें
सोये हुए तूफ़ान जाग जायें
चलो एक दूसरे से दूर भाग जायें

अच्छा मैं चलता हूँ जाऊं
हाँ जाओ ओ के सी यू बाय बाय

अच्छा हुआ वो चली गई वर्ना क़यामत हो जाती
अच्छा हुआ वो चला गया कोई शरारत हो जाती
मुझे उससे डर लगता था
मेरा दिल धक धक करता था

ओ माय गोड फिर तुम
यस आई लव यू
भूल गया था बात कोई मैं वो कहने आया हूँ
छोड़ के ये दुनिया तेरे दिल में रहने आया हूँ
देखो हम पास जो आयेंगे दूर न फिर जा पायेंगे
ठीक है बाबा जाता हूँ हाँ
ओ के सी यू टाटा बाय बाय

ओ माय गोड फिर तुम
यस आई लव यू निशा
कुदरत की मर्ज़ी है यही मेरा कोई कसूर नहीं
हम तुम दूर रहें ये इस मौसम को मंज़ूर नहीं
कच्चे धागे में बंधे हुए
चले आए हम खिंचे हुए

जागते हैं तो अरमान जाग जायें
जागते हैं तो अरमान जाग जायें
सोये हुए तूफ़ान जाग जायें
चलो इक दूसरे के संग भाग जायें
हाँ चलो इक दूसरे के संग भाग जायें
………………………………………………..
Aisa na ho armaan jag-Chhupa Rustam 2001

Artists: Sanjay Kapoor, Manisha Koirala

Read more...

Apr 15, 2020

आ कहीं दूर चले जायें हम-लावारिस १९९९

कुछ गीत सुनने में तो अच्छे लगते ही हैं मगर देखने
में भी आपको लुभाते हैं. एक पर्यावरण प्रेमी गाना सुन
लेते हैं आज. हो सकता है बर्फीली पहाड़ियां देख के
हमारी तबियत बहल जाये और गर्मी का आभास कम
हो.

परदे पर एलेमेंट्स का कितना ध्यान रखा जाता है इस
बात का उदाहरण इस गीत से ही लें. सरसों के खेत में
नायक नायिका कूद रहे है. इसकी गर्मी से दर्शक पिघल
ना जायें तो अगली पंक्ति में बर्फ दिखलाई देने लगती है.
बर्फ से जनता ठिठुर ना जाए इसलिए नायक नायिका ने
लाल रंग के कोट पहन रखे हैं. अब आप ये मत पूछियेगा
कि पतलूनें काली क्यूँ हैं.

गाने में समय कितनी जल्दी गुज़रता है. बर्फ के मैदान
से सीधे खेत खलिहान और ट्रेक्टर की सवारी के बाद किसी
जगह कैंप फायर का आनंद लेते हुए दोनों सफ़ेद फूलों से
लबालब अर्ध-जंगल में दोनों अन्तरा गाने पहुँच जाते हैं.
एक बात गौर करने लायक है गीत की पंक्ति के साथ साथ
दृश्यावली भी बदल रही है. मुखडा वापस आते ही गाना
फिर बर्फ की और.

दूसरे अंतरे में शाम का धुंधलका और झील में चाँद के
अक्स के दर्शन के बाद गाना फिल्म मौसम और १९७०
की रातों का राजा की याद दिलाते हुये समापन की ओर
अग्रसर हो जाता है.

गीत जावेद अख्तर का है और इसमें यमक अलंकार
नदारद है. संगीत राजेश रोशन का है. उदित-अलका
गायक कलाकार हैं.



गीत के बोल:

आ कहीं दूर चले जायें हम
आ कहीं दूर चले जायें हम
दूर इतना कि हमें छू न सके कोई ग़म
आ कहीं दूर चले जायें हम
आ कहीं दूर चले जायें हम
दूर इतना कि हमें छू न सके कोई ग़म

फूलों और कलियों से महके हुए इक जंगल में
इक हसीं झील के साहिल पे हमारा घर हो
ओस में भीगी हुई घास पे हम चलते हों
रंग और नूर में डूबा हुआ हर मंज़र हो
मैं तुझे प्यार करूं मेरे सनम
तू मुझे प्यार करे मेरे सनम

आ कहीं दूर चले जायें हम
दूर इतना कि हमें छू न सके कोई ग़म
आ कहीं दूर चले जायें हम

आ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
शाम का रंग हो गहरा तो सितारे जागें
रात जो आये तो रेशम से अंधेरे लायें
चाँद जब झील के पानी में नहाने उतरे
मेरी बाहों में तुझे देख के शरमा जाये
मैं तुझे प्यार करूं मेरे सनम
तू मुझे प्यार करे मेरे सनम

आ कहीं दूर चले जायें हम
दूर इतना कि हमें छू न सके कोई ग़म
आ कहीं दूर चले जायें हम
…………………………………………..
Aa kahin door chale jayen ham-Lawaris 1999

Artists: Akshay Khanna, Manisha Koirala

Read more...

Apr 14, 2020

प्यार के जादू से था-अलबेला २००१

किसी उछ्लम-कूदम गीत को देखे हमें लंबा समय हो
गया, है ना पाठकों. सन २००१ की फिल्म अलबेला से
एक गाना सुनते हैं जिसे देख के ऐसा लगता है मानो
दक्षिण भारत के देसी माइकल जैक्सन ने कोरियोग्राफी
की हो.

गोविंदा अपनी चपलता के लिए जाने जाते थे. ८० और
नब्बे के दशक में उन्होंने नाच-नाच के धमाल कर दिया.
इस गीत में गोविंदा के मूवमेंट्स से ज्यादा गति नायिका
ऐश्वर्या राय के स्टेप्स में है.

समीर के बोल हैं जिन्हें बेखुदी शब्द से कुछ ज्यादा ही
लगाव है. जतिन ललित की मोहब्बतें फिल्म के बाद
बनी थोड़ी बेहतर धुनों में से है जिसे सुन कर लगता
है वो वापस १९९५ के पहले के समय को छूने की
कोशिश में हैं.





गीत के बोल:

प्यार के जादू से था अब तक अनजाना
मैं अलबेला मैं दीवाना
है बड़ा पागल न तूने इतना जाना
तू अलबेला तू मस्ताना
प्यार के जादू से था अब तक अनजाना
मैं अलबेला मैं दीवाना
है बड़ा पागल न तूने इतना जाना
तू अलबेला तू मस्ताना

पलकों की गली में था तेरा बसेरा
रात भर कल मैने ख्वाब देखा तेरा
कैसे मैं बताऊं कैसी थी बेताबी
एक पल कहीं ना चैन था ज़रा भी
मुझसे कहता है मेरा दिल अब तो
तुझको यार मुश्किल है समझाना
तू अलबेला तू मस्ताना

अरे प्यार के जादू से था अब तक अनजाना
मैं अलबेला मैं दीवाना
है बड़ा पागल न तूने इतना जाना

तूने धड़कनों पे ऐसा जादू डाला
झूमने लगा है मेरा मन मतवाला
देखूं जो तुझे तो बेखुदी सी छाये
नाम लूं जो रब का तेरा नाम आये
मेरी जां पे है तेरा हक़
इन बातों से मैं अभी तक था बेगाना
मैं अलबेला मैं दीवाना

है बड़ा पागल न तूने इतना जाना
तू अलबेला तू मस्ताना

प्यार के जादू से था अब तक अनजाना
मैं अलबेला मैं दीवाना
हाँ तू अलबेला तू मस्ताना
मैं अलबेला मैं दीवाना
………………………………………………
Pyar ke jadoo se tha ab tak-Albela 2001

Artists: Govinda, Aishwarya Rai

Read more...

Apr 2, 2020

सर से सरक गई तेरी चुनरी-अलबेला २००१

सन २००१ की फिल्म अलबेला के इस गाने के साथ
दो बातें हैं एक ये सरसरी तौर पर सुनने में गायक
कुमार सानू का गाया हुआ गाना समझ आता है और
चुनरी शब्द से ये सलमान खान की किसी फिल्म का
गाना.

दरअसल ये है गोविंदा की फिल्म का गाना और इसमें
उनके साथ नाच रही हैं नम्रता शिरोडकर. अपने समय
का खूब बजा हुआ गीत है ये. नम्रता शिरोडकर अपने
समय की नामचीन सुन्दरी रही हैं और उन्हें १९९३ में
मिस इण्डिया का खिताब मिला था.

जतिन ललित के सन २००० में आये मोहब्बतें फिल्म के
एल्बम के बाद ये शायद ऐसा है जिसके १-२ गीत खूब
बजे. हाँ, पूरे गाने हमें सुनाई नहीं दिए इस फिल्म के.

समीर के बोल हैं और बाबुल सुप्रियो के साथ आवाज़ है
अलका याग्निक की.




गीत के बोल:

सर से सरक गई तेरी चुनरी हो
सर से सरक गई तेरी चुनरी हो
मुझसे लिपट गई तेरी चुनरी हो
चल गया तेरे प्यार का जादू
दिल पे रहा ना मेरा क़ाबू
ओ ओ ओ ओ

सर से सरक गई मेरी चुनरी ओ
तुझसे लिपट गई मेरी चुनरी ओ
चल गया तेरे प्यार का जादू
दिल पे रहा ना मेरा क़ाबू
ओ ओ ओ ओ
सर से हाँ सरक गई तेरी चुनरी हो

न जाने कब तूने करार छीना
मैने कुछ भी न जाना
चुरा के मेरी रातों की नींद तूने
कर दिया है दीवाना
मेरी नज़र ना हटी है इक पल
तुझपे जो ठहरी
देखो न ऐसी दीवानगी से
तुमको कसम है मेरी
हो हो हो हो

सर से सरक गई मेरी चुनरी ओ
तुझसे लिपट गई मेरी चुनरी ओ
हाँ चल गया तेरे प्यार का जादू
दिल पे रहा ना मेरा क़ाबू
ओ ओ ओ ओ
सर से सरक गई तेरी चुनरी हो ओ ओ

किया है तूने ये मेरा हाल कैसा
दर्द जाता नहीं है
छाई है ख्यालों में बेखुदी सी
होश आता नहीं है
छाने लगा है ये रंग कैसा
मुझपे चाहत का
मुझको हुआ है एहसास दिलबर
तेरी मोहब्बत का
ओ ओ ओ ओ

सर से सरक गई तेरी चुनरी हो
मुझसे हाँ लिपट गई तेरी चुनरी हो
चल गया तेरे प्यार का जादू
दिल पे रहा ना मेरा क़ाबू
ओ ओ ओ ओ
सर से
हाँ सर से
सरक गई तेरी चुनरी हो
सर से सरक गई तेरी चुनरी हो
मुझसे लिपट गई तेरी चुनरी हो
.....................................................................
Sar se sarak gayi-Albela 2001

Artists: Govinda, Namrata Shirodkar

Read more...

Apr 1, 2020

राजा चलो अकेले में-राजा जी १९९९

आनंद मिलिंद के संगीत वाले गीत सुन के आपको अभी
तक ये तो समझ आ गया होगा कि उनके कई गीतों में
टूं टां की ध्वनियाँ हैं. किसी किसी गीत में आकर्षक सी
लगती हैं तो किसी गीत में जबरिया ठूंसी हुई.

जो गीत आपको आज सुनवा रहे हैं उसमें भैंस की आवाज़
बोनस स्वरुप उपलब्ध है. भैंसों के तबेले में हनीमून
मनाने का फायदा ये है कि आपको किसी भी प्रकार का
बाहरी शोरगुल होने का अंदेशा नहीं है और दूसरा इत्र
परफ्यूम का खर्चा बचेगा. आप कुछ भी छिड़क लो
गोबर की महक के आगे सब फेल हो जायेगा, खर्चा बचा.
उसके अलावा ब्यूटीफुल बफेलोज़ के आगे आप सारे
फेलोज़ को भूल जायेंगे. दिमाग एकाग्र करने में मदद
भी मिलेगी. जीवन के कटु सत्यों से सामना पहले दिन
से ही शुरू.




गीत के बोल:

आ हा आ हा हईया
आ हा आ हा हईया
राजा चलो अकेले में
बज गया तबला तबेले में
बज गया तबला तबेले में
राजा चलो अकेले में
राजा चलो अकेले में
बज गया तबला तबेले में
फंस गई जान झमेले में
फंस गई जान झमेले में
बज गया तबला तबेले में
अरे बज गया तबला तबेले में

हो ओ ओ ओ ओ ओ
आज सजन मिलने की मस्त घड़ी है
रात बड़ी छोटी है बात बड़ी है
हाँ आज सजन मिलने की मस्त घड़ी है
रात बड़ी छोटी है बात बड़ी है
फूल सभी बिखरे हैं टूटी लड़ी है
हमको जहां मिलना वहां भैंस खड़ी है
हाँ भैंस खड़ी है

ऐ राजा चलो अकेले में
राजा चलो अकेले में
बज गया तबला तबेले में
आ हाँ बज गया तबला तबेले में

आ हा आ हा हईया
आ हा आ हा हईया

झुमरी तलैया नैनीताल चलेंगें
शिमला चलेंगे या भोपाल चलेंगे हाँ
हाँ झुमरी तलैया नैनीताल चलेंगें
शिमला चलेंगे या भोपाल चलेंगे
ऐसे भला बिरहा में काहे जलें हम
आओ कहीं चोरी से भाग चलें हम
आ भाग चलें हम

फंस गई जान झमेले में
फंस गई जान झमेले में
बज गया तबला तबेले में
अरे बज गया तबला तबेले में

अरे राजा चलो अकेले में
राजा चलो अकेले में
बज गया तबला तबेले में
अरे बज गया तबला तबेले में
आ हाँ बज गया तबला तबेले में
हाँ बज गया तबला तबेले में
…………………………………………..
Raja chalo akele mein-Rajaji 1999

Artists: Govinda, Raveena Tandon, Few Buffaloes

Read more...

Mar 17, 2020

तुझसे मुझे प्यार-गीत १९९२

गीत संगीत जीवन का उमंग है उल्लास है. किसी भी
रूप में हो मन को आनंदित करता है. चाहे मुंह से हो
या नाक से हो, हर प्रकार के गायन के अपने मुरीद हैं.

गीत में सेक्सोफोन का सुन्दर प्रयोग हुआ है. शांत सा
गीत है. इन्दीवर के बोल हैं और बप्पी लहरी का संगीत.
इसे अलका याग्निक और कुमार सानू ने गाया है.



गीत के बोल:

तुझसे मुझे प्यार था प्यार है प्यार है
तेरे लिए दिल मेरा कबसे बेकरार है
हाँ तुझसे मुझे प्यार था प्यार है प्यार है
तेरे लिए दिल मेरा कबसे बेकरार है
मैं तेरी तू मेरा
तू मेरी मैं तेरा

प्यार से मुझे देखो ना सनम
मर जायेंगे खा के कसम
हो प्यार से मुझे देखो ना सनम
मर जायेंगे खा के कसम
मरने की बातें ना कर
मिलने के दिन अब तो आये हैं
जिनके लिए दिल मेरा कब से बेक़रार है
मैं तेरी तू मेरा

तुझसे मुझे प्यार था प्यार है प्यार है
तेरे लिए दिल मेरा कब से बेकरार है
तू मेरी मैं तेरा

छोड़ो ये शर्म आँखें न चुरा
बाहों में तो आ गले से लगा
हो छोड़ो ये शर्म आँखें न चुरा
बाहों में तो आ गले से लगा
मिल के ना अब हों जुदा
एक दूजे में यूँ खो जाएँ हम
इसके लिए दिल मेरा कब से बेकरार है
तू मेरी मैं तेरा

तुझसे मुझे प्यार था प्यार है प्यार है
हाँ तेरे लिए दिल मेरा कब से बेकरार है
मैं तेरी तू मेरा
तू मेरी मैं तेरा
………………………………………………
Tujhse mujhe pyar hai-Geet 1992

Artists: Avinash Wadhwan, Divya Bharti

Read more...

Mar 15, 2020

गली गली में फिरता है-त्रिदेव १९८९

आवारा और बंजारा शब्दों को जितना डिक्शनरी ने
पॉपुलर नहीं कराया उससे कहीं ज्यादा फिल्मों ने.
अब कौन कहता है फ़िल्में शिक्षा का माध्यम नहीं.
पब्लिक ने तो अदा से पप्पी झप्पी लेना भी फिल्मों
से सीखा है.

शब्द तो खैर बहुत कुछ कहते ही हैं मगर मूक कला
माईम भी एक विधा है जिसमें केवल भावों से और
शरीर के अंगों की हलचल से बहुत कुछ कहा जाता
है. इसे समझने के लिए बहुत फरर्टाइल दिमाग की
ज़रूरत होती है. अब कलाकार जलेबी बनाने की
विधि बतला रहा है या कसरत का ज्ञान आम आदमी
कैसे जान सकता है. मॉडर्न आर्ट का भी कुछ वैसा ही
हाल है. बनाने वाले से समझना पढता है वो क्या
कहना चाह रहा है या क्या कह चुका है.

अरे हम तो निबंध की ओर बढ़ने लगे, ना बाबा ना,
गीत की तरफ लौटते हैं. अलका याग्निक और मनहर
के गाये गीत को लिखा है आनंद बक्षी ने और इस गीत
की धुन तैयार की है विजू शाह ने.

टूथपेस्ट के विज्ञापन जैसे दृश्य से शुरू होता ये गीत
फिल्माया गया है जैकी श्रॉफ़ और संगीता बिजलानी
पर. गीत में आपको ढेर सारे कलाकार दिखलाई देंगे.
इनमें से दो ऐसे हैं जिनको लेकर बिछुडे हुए भाइयों
की कोई फिल्म बनाई जा सकती थी-डैन धनोवा और
तेज सप्रू. इसके अलावा उसी फिल्म में जैकी की बड़े
भाई की भूमिका भी हो सकती थी. खैर हो सकता था
वगैरह सब चलता ही रहता है, होता क्या है वो किसी
को मालूम नहीं होता. अब इससे आगे लिखने पर
यही मसाला किसी अंग्रेजी के ब्लॉग पर चटपटे
अनुवाद की शक्ल में दिखने लगेगा, इसलिए इधरिच
फुलस्टॉप. कहते हैं ना इश्क की आग वो आग है जो
बुझाये ना बुझे वैसे ही ब्लोगिंग की खुजली भी कुछ
ऐसी है जो खुजाए न खुजे.



गीत के बोल:

गली गली में फिरता है तू क्यूँ बन के बंजारा
आ मेरे दिल में बस जा मेरे आशिक आवारा
हो गली गली में फिरता है तू क्यूँ बन के बंजारा
आ मेरे दिल में बस जा मेरे आशिक आवारा
आ मेरे दिल में बस जा मेरे आशिक आवारा
हो तेरा प्यार है एक सोने का पिंजरा ओ शहज़ादी
मुझको अपनी जान से प्यारी है अपनी आज़ादी
मुझको अपनी जान से प्यारी है अपनी आज़ादी

मौका है दीवाने दिल का खाली दामन भर ले
इस दुनिया में जीना है तो प्यार किसी से कर ले
तेरे दिल को छेड़ रहा है मेरा प्यार अकेला
मेरे दिल में लगा हुआ है कई ग़मों का मेला

हो गली गली में फिरता है तू क्यूँ बन के बंजारा
आ मेरे दिल में बस जा मेरे आशिक आवारा
हो तेरा प्यार है एक सोने का पिंजरा ओ शहज़ादी
मुझको अपनी जान से प्यारी है अपनी आज़ादी

मेरी तरह नहीं है कोई इस दुनिया में देख यहाँ
राजा बन जा मेरा साथी हाथ पकड़ ले मेरा
मेरा रास्ता रोक रही है तू कैसी दीवानी
एक जगह मैं कैसे ठहरूं मैं दरिया का पानी

हो गली गली में फिरता है तू क्यूँ बन के बंजारा
आ मेरे दिल में बस जा मेरे आशिक आवारा
हो तेरा प्यार है एक सोने का पिंजरा ओ शहज़ादी
मुझको अपनी जान से प्यारी है अपनी आज़ादी

और किसी से मैं ये कहती वो कुछ भी कर जाता
मेरे एक इशारे पे बस वो हंस के मर जाता
ना मैं शायर ना कोई आशिक ना कोई दीवाना
मैं तुझपे नहीं मरने वाला मैं हूँ बड़ा सयाना

हो गली गली में फिरता है तू क्यूँ बन के बंजारा
आ मेरे दिल में बस जा मेरे आशिक आवारा
आ मेरे दिल में बस जा मेरे आशिक आवारा
हो तेरा प्यार है एक सोने का पिंजरा ओ शहज़ादी
मुझको अपनी जान से प्यारी है अपनी आज़ादी
मुझको अपनी जान से प्यारी है अपनी आज़ादी
………………………………………………………
Gali gali mein phirta hai-Tridev 1989

Artists: Jackie Shroff, Sangeet Bijlani

Read more...

Mar 2, 2020

जो दिल से निकले वो है-गीत १९९२

दिल की भाषा अक्सर गीतों की शक्ल में बयां होती
है. इसमें लॉजिक से ज्यादा भावना ऊपर रहती है.

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता, और, एक
अच्छी धुन को बेहतर गायक नहीं मिलता या बेहतर
गायक को अच्छी धुन नहीं मिलती. ये सब मिसमैच
चलता रहेगा और हम सुनते रहेंगे फ़िल्मी गीत. बोलो
बाबाजी के उल्लू की जय.

इन्दीवर के बोल हैं और बप्पी लहरी का संगीत. इसे
अलका याग्निक से गवाया गाया है.





गीत के बोल:

जो दिल से निकले वो है गीत
सुन के दिल पिघले वो है गीत
जो दिल को छू ले वो है गीत
जिसको दिल न भूले वो है गीत
जो दिल से निकले वो है गीत
सुन के दिल पिघले वो है गीत
जो दिल को छू ले वो है गीत
जिसको दिल न भूले वो है गीत

जब स्वर और सुर का हो संगम
छंदों के साथ मिले सरगम
आ आ आ आ आ आ आ आ
जब स्वर और सुर का हो संगम
छंदों के साथ मिले सरगम
पतझड़ में बहारें झूम उठें
वो सावन बरसे बिन मौसम
फूलों में खिले जो वो है गीत
रिमझिम में झरे वो है गीत

जो दिल से निकले वो है गीत
सुन के दिल पिघले वो है गीत
जो दिल को छू ले वो है गीत
जिसको दिल न भूले वो है गीत
जो दिल से निकले वो है गीत
यादों में जो दिन रात पले
जो तन्हाई में साथ चले
आ आ आ आ आ आ आ आ
यादों में जो दिन रात पले
जो तन्हाई में साथ चले
जब दर्द गुजार जाए हद से
होंठों पे तरन्नुम बन के खिले
धड़कन में जो चले वो है गीत
साँसों में पले वो है गीत

जो दिल से निकले वो है गीत
सुन के दिल पिघले वो है गीत
जो दिल को छू ले वो है गीत
जिसको दिल न भूले वो है गीत
जो दिल से निकले वो है गीत
………………………………………..
Jo dil se nikle wo hai-Geet 1992

Artist: Divya Bharti

Read more...

Feb 16, 2020

तेरे सुर में मैं गाऊँ-गीत १९९२

सन १९९२ की फिल्म गीत से अगला गीत सुनते
हैं जिसे अलका याग्निक और देवाशीष दासगुप्ता ने
गाया है. इन्दीवर की रचना है और बप्पी लहरी का
संगीत.

अविनाश वाधवान और दिव्या भारती अभिनीत ये
फिल्म एक सोफ्ट लव स्टोरी है जिसके २-३ गीत
लोकप्रिय हुए थे अपने समय में.



गीत के बोल:

तेरे सुर में मैं गाऊँ
तेरी धुन में मैं नाचूं
आ ज़रा नये तू ले कर गीत
प्यार की हो गयी जीत
ओ मेरे मन के मीत
प्यार की हो गयी जीत

तेरे सुर में मैं गाऊँ
तेरी धुन में मैं नाचूं
आ गया नये दो ले कर गीत
प्यार की हो गयी जीत
ओ मेरे मन के मीत
प्यार की हो गयी जीत

तेरे सुर में मैं गाऊँ
तेरी धुन में मैं नाचूं

मिली दिल को नई धडकन
मिला मुझको नया जीवन
नाचे धरती नाचे अम्बर
नाचे आँगन नाचे तन मन
मिली दिल को नई धडकन
मिला मुझको नया जीवन
नाचे धरती नाचे अम्बर
नाचे आँगन नाचे तन मन
आ गया नये दो ले कर गीत
प्यार की हो गयी जीत
ओ मेरे मन के मीत
प्यार की हो गयी जीत

तेरे सुर में मैं गाऊँ
तेरी धुन में मैं नाचूं

………………………………………………
Tere sur mein main gaoon-Geet 1992

Artists: Avinash Wadhwan, Divya Bharti

Read more...

Feb 3, 2020

सीने में सुलगता है दिल-लावारिस १९९९

फ्यूज़न और कंफ्यूज़न केवल संगीत में नहीं बल्कि
फिल्मों के दृश्यों में भी मिल जाते हैं. ऑडियो में
फ्यूज़न के बाद फ़िल्मी पब्लिक ने सोचा वीडियो
में भी कंफ्यूज़न.. मेरा मतलब फ्यूज़न पैदा किया
जाये. फिल्मकारों के दिमाग में ये वाली लालटेन
गैर फ़िल्मी म्यूज़िक वीडियो की सफलता के बाद
भकाभक जलने लगी.

सुनते हैं एक प्रयोगधर्मी गीत सन १९९९ की फिल्म
लावारिस से. जावेद अख्तर की रचना है और इसका
संगीत राजेश रोशन ने तैयार किया है. इसे गाया है
रूप कुमार राठौड ने. अक्षय खन्ना पर इसे फिल्माया
गया है. मनीषा कोईराला के अलावा आपको कोई और
बाला पहचान में आये तो नाम बतलायें. गीत एक
युगल गीत है और इसमें अलका याग्निक की आवाज़
भी है.




गीत के बोल:

सीने में सुलगता है दिल ग़म से पिघलता है दिल
जितने भी आँसू हैं बहे उतना ही जलता है दिल
कैसी है ये अगन कैसी है ये जलन
कैसी बारिश हुई जल गया है चमन

कैसा ये सितम हो गया पाया जिसे था वो खो गया
लगता है नसीब मेरा हमेशा के लिए सो गया
कैसी है ये अगन कैसी है ये जलन
कैसी बारिश हुई जल गया है चमन

मैं हूँ और यादों की हैं परछाईयां
ठोकरें हैं और हैं रुसवाईयां
दूर तक कुछ भी नज़र आता नहीं
हर तरफ़ फैली हैं बस तन्हाईयां
जलते थे जो मेरे लिए बुझ गए वो सारे दिये
तू ही ये बता दे ज़िंदगी कब तक कोई जिये
कैसी है ये अगन कैसी है ये जलन
कैसी बारिश हुई जल गया है चमन

छा गईं ग़म की घटायें क्या करूं
रो रहीं हैं ये हवायें क्या करूं
घोलती थीं रस जो कानों में कभी
खो गई हैं वो सदायें क्या करूं
जाने अब जाना है कहां
आँखों में है जैसे धुआं
मिलते नहीं हैं रास्ते मिट गये सारे निशां
कैसी है ये अगन कैसी है ये जलन
कैसी बारिश हुई जल गया है चमन
…………………………………………………….
Seene mein sulagta hai dil-Lawaris 1999

Artists: Akshya Khanna, Manisha Koirala

Read more...

Dec 18, 2019

दिल परदेसी हो गया-शीर्षक गीत २००३

पूरी फिल्म में कोलगेट स्माइल बरकरार रखना आसान
काम नहीं है. अगर पहले दृश्य में १०० ग्राम की मुस्कान
थी तो १०० ग्राम ही पूरी फिल्म में सभी जगह रख पाना
कोई हंसी खेल नहीं है.

सुनते हैं २००३ की फिल्म दिल परदेसी हो गया से इसका
टाइटल गीत. सोनू निगम और अलका याग्निक ने इसे
गाया है, सावन कुमार के बोलों और उषा खन्ना की धुन
पर. कलाकार हैं कपिल झावेरी और सलोनी असवानी. इस
गीत में आपको मुश्ताक खान भी दिखाई दे जायेंगे.

मुस्कुराने के मामले में गुज़रे ज़माने की नायिका श्यामा
को महारत हासिल थी. जहां थोड़े की ज़रूरत रहती वहाँ
वो ज्यादा मात्रा में मुस्कुराया करती थीं.




गीत के बोल:

एक पाकिस्तानी चेहरा उसपे जुल्फों का पहरा
जैसे कोई पहना गया
जैसे कोई पहना गया दुल्हन को फूलों का सेहरा
मेरी नज़रों ने तेरे लबों को चूमा
मेरी नज़रों ने तेरे लबों को चूमा
दिल दिल दिल दिल
दिल परदेसी हो गया
दिल परदेसी हो गया

इस दिल को ये कैसा एहसास है
लगता है क्यूँ ऐसा तू कहीं पास है
तेरी खुशबू हवाओं में बिखरी हुई
लगती है ये शाम कुछ ख़ास है
झुकी झुकी नज़रों से चोरी चोरी देखा
झुकी झुकी नज़रों से चोरी चोरी देखा
दिल दिल दिल दिल
दिल परदेसी हो गया
दिल परदेसी हो गया

आँचल तेरा ख्यालों पे यूँ छा गया
रात में ही सवेरा नज़र आ गया
तेरी झांझर की गूंजी ये सदायें सनम
प्यार चुपके से सावन बरसा गया
चेहरे से जुल्फें हटा के जो देखा
चेहरे से जुल्फें हटा के जो देखा
दिल दिल दिल दिल
दिल परदेसी हो गया
दिल पारदेसी हो गया
आ आ आ आ आ

मोहब्बत है मेरा नाम नाम नाम
इश्क़ है मेरा काम काम काम
मेरी अदा क़ुर्बानी पर लोग करें बदनाम
बदनाम हूँ हूँ
दम है तो दामन उठा
दम है तो दामन उठा
वर्ना मैं चली सलाम सलाम सालम
हाय धीरे धीरे आँचल शान से ढलका
धीरे धीरे आँचल शान से ढलका
दिल दिल दिल दिल
दिल परदेसी हो गया
दिल परदेसी हो गया

एक पाकिस्तानी चेहरा उसपे जुल्फों का पहरा
जैसे कोई पहना गया
जैसे कोई पहना गया दुल्हन को फूलों का सेहरा
मेरी नज़रों ने तेरे लबों को चूमा
मेरी नज़रों ने तेरे लबों को चूमा
दिल दिल दिल दिल
दिल परदेसी हो गया
दिल परदेसी हो गया
दिल परदेसी हो गया
दिल परदेसी हो गया
…………………………………………….
Dil pardesi ho gaya-Titlesong 2003

Artists: Kapil Jhaveri, Saloni Aswani

Read more...
© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP