मोरी मैया की चुनर-माता भजन
स्वरुप कालरात्रि की पूजा की जाती है.
इनकी आराधना शत्रुओं का नाश, बाधाओं को दूर करने के लिए
किया जाता है. हमारे दुगुन भी हमारे शत्रु ही हैं. सच्चे मन से
की गयी इनकी पूजा शुद्धिकरण करती हैं साधक की. सभी पाप
कृत्यों से मुक्ति दिलवाने मेंभी इनकी साधना अत्यंत फलदायी है.
आज इस अवसर पर एक भजन सुनते हैं जिसे सपना अवस्थी
ने गाया है. महिला कोरस के संग ये भजन अत्यंत मधुर बन
पड़ा है.
माता कालरात्रि सभी भक्तों पर असीम कृपा बरसाए इसी कामना
के साथ.
भजन के बोल:
धीरे चलो री पवन फिर धीरे चलो री
धीरे चलो री पुरवैया
धीरे चलो री पवन फिर धीरे चलो री
धीरे चलो री पुरवैया
ओ मोरी मैया की चुनर उड़ी जाए
ओ मोरी मैया की चुनर उड़ी जाए
पवन धीरे धीरे चलो री
मैया की चुनर उड़ी जाए
पवन धीरे धीरे चलो री
धीरे चलो री पवन धीरे चलो री
धीरे चलो री पवन धीरे चलो री
धीरे चलो री पवन धीरे चलो री
मोरी मैया की चुनर उड़ी जाए
पवन धीरे धीरे चलो री
मैया की चुनर उड़ी जाए
पवन धीरे धीरे चलो री
कैसे भवानी तोहे ध्वजा मैं चढाऊँ
कैसे भवानी तोहे ध्वजा मैं चढाऊँ
कैसे भवानी तोहे ध्वजा मैं चढाऊँ
कैसे भवानी तोहे ध्वजा मैं चढाऊँ
कैसे भवानी तोहे ध्वजा मैं चढाऊँ
कैसे भवानी तोहे ध्वजा मैं चढाऊँ
ओ मैया ध्वजा लहरिया खाए
ओ मैया ध्वजा लहरिया खाए
पवन धीरे धीरे चलो री
ध्वजा लहरिया खाए
पवन धीरे धीरे चलो री
मैया की चुनर उड़ी जाए
पवन धीरे धीरे चलो री
कैसे भवानी तोहे फुलवा चढाऊँ
कैसे भवानी तोहे फुलवा चढाऊँ
कैसे भवानी तोहे फुलवा चढाऊँ
कैसे भवानी तोहे फुलवा चढाऊँ
कैसे भवानी तोहे फुलवा चढाऊँ
कैसे भवानी तोहे फुलवा चढाऊँ
ओ मैया फुलवा तो गिर गिर जाए
ओ मैया फुलवा तो गिर गिर जाए
पवन धीरे धीरे चलो री
मैया की चुनर उड़ी जाए
पवन धीरे धीरे चलो री
कैसे भवानी तोरी करूं मैं आरती
कैसे भवानी तोरी करूं मैं आरती
कैसे भवानी तोरी करूं मैं आरती
कैसे भवानी तोरी करूं मैं आरती
कैसे भवानी तोरी करूं मैं आरती
कैसे भवानी तोरी करूं मैं आरती
ओ मैया ज्योत से बुझ बुझ जाए
ओ मैया ज्योत से बुझ बुझ जाए
पवन धीरे धीरे चलो री
मैया की चुनर उड़ी जाए
पवन धीरे धीरे चलो री
धीरे चलो री पवन धीरे चलो री
धीरे चलो री पवन धीरे चलो री
धीरे चलो री पवन धीरे चलो री
मोरी मैया की चुनर उड़ी जाए
पवन धीरे धीरे चलो री
मैया की चुनर उड़ी जाए
पवन धीरे धीरे चलो री
धीरे चलो री पवन फिर धीरे चलो री
धीरे चलो री पुरवैया
धीरे चलो री पवन फिर धीरे चलो री
धीरे चलो री पुरवैया
धीरे चलो री पुरवैया
धीरे चलो री पुरवैया
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Mori maiya ki chunar-Mata bhajan
1 comments:
{जय माता दी}
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