Dec 6, 2016

इलाही मेरा जी आये-ये जवानी है दीवानी २०१३

उपमाओं का प्रयोग कभी कभी अनूठा होता है किसी गीत में.
वैसे प्रयोग तो बहुत सालों से होता चला आ रहा है मगर इनके
प्रयोग को चर्चित करने वाले गुलज़ार और उनके फैन ज्यादा हैं.
सफल मार्केटिंग का एक किस्सा हो सकता है ये.

अमिताभ भट्टाचार्य के मन में भी कुछ अलग सा लिखने के
कीटाणु कुलबुलाते हैं. उन्होंने कई गीत उम्दा लिखे भी हैं और
आज की पीढ़ी के एक चहेते गीतकार वे भी हैं. शामें मलंग सी
रातें सुरंग सी. इसके साथ धुन दुरंग सी बनाई है प्रीतम ने.
गीत गाया है अरिजीत सिंह ने.




गीत के बोल:

ऊ आ ऊ आ ऊ आ
शामे मलंग सी रातें सुरंग सी
बागी उड़ान पे ही ना जाने क्यूँ
इलाही मेरा जी आये आये
इलाही मेरा जी आये आये

कल पे सवाल है जीना फिलहाल है
खानाबदोशियों पे ही जाने क्यूँ
इलाही मेरा जी आये आये
इलाही मेरा जी आये आये

मेरा फलसफा कंधे पे मेरा बस्ता
चला मैं जहाँ ले चला मुझे रस्ता
बूंदों पे नहीं गहरे समंदर पे
इलाही मेरा जी आये आये
इलाही मेरा जी आये आये

शामे मलंग सी रातें सुरंग सी
बागी उड़ान पे ही ना जाने क्यूँ
इलाही मेरा जी आये आये
इलाही मेरा जी आये आये
…………………………………………………
Shaamen malang si-Yeh jawani hai deewani 2013

Artists: Ranbir Kapoor, Deepika Padukone

0 comments:

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP