मेरी जाँ बल्ले बल्ले-कश्मीर की कली १९६४
का सीज़न आता है तब गेंद और बल्ले की याद आती है और
फिर याद आते हैं बल्ले बल्ले वाले गीत.
फिल्म कश्मीर की कली से इस युगल गीत को रफ़ी और आशा
ने गाया है. एस एच बिहारी के बोल हैं और ओ पी नैयर का
संगीत.
गीत के बोल:
हाए रे हाए
ये मेरे हाथ में तेरा हाथ
नए जज़्बात
मेरी जाँ बल्ले बल्ले
हाए रे हाए
यही जज़्बात रहें दिन रात
तो फिर क्या बात
मेरी जाँ बल्ले बल्ले
जब से दिल में तेरी तस्वीर बनी है
यूँ लगता है जैसे तक़दीर बनी है
जब से तू इस दिल का मेहमान हुआ है
जीवन में ख़ुशियों का सामान हुआ है
जितनी दूर नज़र मैं डालूँ
चारों ओर बहार है
हाए रे हाए
यही जज़्बात रहें दिन रात
तो फिर क्या बात
मेरी जाँ बल्ले बल्ले
तेरे घर शहनाई जिस रात बजेगी
तेरी मेरी जोड़ी क्या ख़ूब सजेगी
पूरे होंगे दिल के अरमान हमारे
आँचल में भर लेंगे हम चाँद सितारे
तेरे आगे चाँद सितारे
ओ गोरी क्या चीज़ है
हाए रे हाए
यही जज़्बात रहें दिन रात
तो फिर क्या बात
मेरी जाँ बल्ले बल्ले
तेरी सूरत प्यारी अरे जो भी देखे
सच कहता हूँ अपना ईमान ही खो दे
तेरी आँखों में भी अरे वो जादू है
जब से आँख मिली है दिल बेक़ाबू है
ख़ुद को खो कर तुझको पाया
क्या मेरी तक़दीर है
हाए रे हाए
यही जज़्बात रहें दिन रात
तो फिर क्या बात
मेरी जाँ बल्ले बल्ले
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Meri jaan balle balle-Kashmir ki kali 1964
Artists: Shammi Kapoor, Sharmila Tagore
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