बदन पे सितारे लपेटे हुए-प्रिंस १९६९
जो शब्द समूह इसके मुखड़े में है, उसने ज़माने के मजनुओं
के बहुत मदद करी. गीत ओर्केस्ट्रा फैवरेट भी रहा. इसको
गाने में हालंकि बहुत ऊर्जा की ज़रूरत पढ़ती है और गाते
गाते गायक का पसीना निकल आता है. रफ़ी ने जिस ऊर्जा
के साथ इसे गाया है वो लाजवाब है.
गीतकार हसरत एक सरल स्वभाव के व्यक्ति थे. रफ़ी खुद भी
नरम मिजाज़ शख्सियत थे. इन दोनों से रोमांटिक गीतों की
कल्पना मुश्किल काम है, मगर हकीकत यही है सबसे ज्यादा
उच्च कोटि के रोमांटिक गीतों में इन दोनों का नाम ज़रूर
आता है. किसी कुदरती करिश्मे से कम नहीं है ये पहलू.
गीत के बोल:
बदन पे सितारे लपेटे हुए
ओ जान-ए-तमन्ना किधर जा रही हो
ज़रा पास आओ तो चैन आ जाए
हमीं जब ना होंगे तो ऐ दिलरुबा
किसे देख कर हाय शरमाओगी
ना देखोगी फिर तुम कभी आइना
हमारे बिना रोज़ घबराओगी
बदन पे सितारे लपेटे हुए
ओ जान-ए-तमन्ना किधर जा रही हो
ज़रा पास आओ तो चैन आ जाए
है बनने संवरने का जब ही मज़ा
कोई देखने वाला आशिक़ तो हो
नहीं तो ये जलवे हैं बुझते दीये
कोई मिटने वाला एक आशिक़ तो हो
बदन पे सितारे लपेटे हुए
ओ जान-ए-तमन्ना किधर जा रही हो
ज़रा पास आओ तो चैन आ जाए
मुहब्बत कि ये इम्तहाँ हो गई
कि मस्ती में तुमको खुदा कह गया
ज़माना ये इंसाफ़ करता रहे
बुरा कह गया या भला कह गया
बदन पे सितारे लपेटे हुए
ओ जान-ए-तमन्ना किधर जा रही हो
ज़रा पास आओ तो चैन आ जाए
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Badan pe sitare lapete hue-Prince 1969
Artists: Shammi Kapoor, Vaijayantimala