बहारों फूल बरसाओ-सूरज १९६६
कर एक गीत याद आ जाते हैं. गीत याद आते हैं तो हसरत
का नाम याद आता है. हसरत का नाम याद आता है तो फिर
शंकर जयकिशन याद आते हैं. शंकर जयकिशन याद आते हैं
तो उनके कुछ भक्त याद आ जाते हैं. याहू पर एक ग्रुप था
शंकर जयकिशन नाम से. उसमें काफी ज्ञानी भक्त होते थे.
उनमें से कुछ इतने समर्थ थे कि मूल गाने पर पांच पन्ने का
टीकाकार निबंध लिख डालें.
छोडिये वो सब, गीत सुनते हैं, सूरज फिल्म से जिसे फिल्माया
गया है राजेंद्र कुमार पर.
गीत के बोल:
बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है
मेरा महबूब आया है
हवाओं रागिनी गाओ मेरा महबूब आया है
मेरा महबूब आया है
ओ लाली फूल की मेहंदी लगा इन गोरे हाथों में
उतर आ ऐ घटा काजल लगा इन प्यारी आँखों में
सितारों माँग भर जाओ मेरा महबूब आया है
नज़ारो हर तरफ अब तान दो एक नूर की चादर
बड़ा शर्मिला दिलबर है चला जाए ना शरमा कर
ज़रा तुम दिल को बहलाओ मेरा महबूब आया है
सजाई है जवां कलियों ने अब ये सेज उल्फ़त की
इन्हें मालूम था आएगी इक दिन रुत मोहब्बत की
फिज़ाओं रंग बिखराओ मेरा महबूब आया है
बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है
मेरा महबूब आया है
हवाओं रागिनी गाओ मेरा महबूब आया है
मेरा महबूब आया है
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Baharon phool barsao-Suraj 1966
Artists: Rajendra Kumar
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