आज हमारे दिल में-हम आपके हैं कौन १९९४
पूछते हैं, कभी पाठक हमसे, कभी गूगल हमसे, कभी हम गूगल
से तो कभी सब एक दूसरे से, है न मित्रों.
नो बकवास सीरिज़ के तहत आज एक गाना सुनिए. विवरण टैग
में उपलब्ध है सारा.
गीत के बोल:
आज हमारे दिल में अजब ये उलझन है
गाने बैठे गाना सामने समधन है
हम कुछ आज सुनाये ये उनका भी मन है
गाने बैठे गाना सामने समधन है
कानों की बालियाँ चाँद सूरज लगे
ये बनारस की साड़ी खूब सजे
राज़ की बात बताएँ समधी जी घायल हैं
आज भी जब समधन की खनकती पायल है
होठों की ये हंसी आँखों की ये हया
इतनी मासूम तो होती है बस दुआ
राज की बात बताएँ समधी खुश किस्मत हैं
लक्ष्मी हैं समधन जी जिनसे घर जन्नत है
आज हमारे दिल में अजब ये उलझन है
सामने समधी जी गा रही समधन है
हमको जो है निभाना वो नाजुक बंधन है
सामने समधी जी गा रही समधन है
मेरी छाया है जो आपके घर चली
सपना बन के मेरी पलकों में है पली
राज़ की बात बताएँ ये पूंजी जीवन की
शोभा आज से है ये आपके आँगन की
आज हमारे दिल में अजब ये उलझन है
गाने बैठे गाना सामने समधन है
.............................................................
Aaj hamare dil mein-Hum aapke hain kaun 1994
0 comments:
Post a Comment