हो मोरा नादान बालमा-उजाला १९५९
मोहल्ले में खुली जगह ये गीत गाया जा रहा है. कुमकुम
के चपल नृत्य के साथ एक मोहक धुन है लता की आवाज़
में.
हसरत जयपुरी ने गीत लिखा है और इसकी धुन बनाई है
शंकर जयकिशन ने. गीत में धुमाल भी ‘शेक ए लेग’ करते
दिखलाई दे जायेंगे आपको.
गीत के बोल:
हो मोरा नादान बालमा ना जाने दिल की बात
हो मोरा नादान बालमा ना जाने दिल की बात
न जाने दिल की बात हो ना माने दिल की बात
हो मोरा नादान बालमा ना जाने दिल की बात
न जाने दिल की बात हो ना माने दिल की बात
हो मोरा नादान बालमा ना जाने दिल की बात
झुकती रही जैसे चम्पा की डाली
फिर भी न समझा बगिया का माली
फिर भी न समझा बगिया का माली
रोगी बना दी ये छोटी सी जान
तौबा तौबा बुरी है ये मर्दों की चाल
हो मोरा नादान बालमा ना जाने दिल की बात
हो मोरा नादान बालमा ना जाने दिल की बात
न जाने दिल की बात हो ना माने दिल की बात
हमने बांधा प्रीत का धागा
हमने बांधा प्रीत का धागा
लेकिन दिल का भाग न जागा
लेकिन दिल का भाग न जागा
उल्फत का अब तक मिला न जवाब
हमने समझा था आएगा ले कर बारात
हो मोरा नादान बालमा ना जाने दिल की बात
हो मोरा नादान बालमा ना जाने दिल की बात
न जाने दिल की बात हो ना माने दिल की बात
हो मोरा नादान बालमा ना जाने दिल की बात
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Ho mora nadaan balma-Ujala 1959
Artists: Kumkum, Raj Kumar, Dhumal