पुकारो मुझे नाम ले कर-भूल ना जाना १९६५
वर्ष: १९६५
गायक: मुकेश
गीतकार: गुलज़ार
संगीतकार: दान सिंह
गीत के बोल:
पुकारो मुझे नाम ले कर पुकारो
मुझे तुमसे अपनी खबर मिल रही है
कई बार यूँ भी हुआ है सफ़र में
अचानक से दो अजनबी मिल गए हों
जिन्हें रूप पहचानती हो नज़र से
भटकते-भटकते वही मिल गए हों
कुँवारे लबों की क़सम तोड़ दो तुम
ज़रा मुस्कुरा कर बहारें सँवारो
पुकारो मुझे नाम ले कर पुकारो
खयालों में तुमने भी देखी तो होंगी
कभी मेरे ख्वाबों की धुँधली लकीरें
तुम्हारी हथेली से मिलती हैं जाकर
मेरे हाथ की ये अधूरी लकीरें
बड़ी सर चढ़ी हैं ये ज़ुल्फ़ें तुम्हारी
ये ज़ुल्फ़ें मेरे बाज़ुओं में उतारो
पुकारो मुझे नाम ले कर पुकारो
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Pukaro mujhe naam lekar-Bhool na jaana 1965