बेक़रार है कोई-शमा परवाना १९५४
शमा परवाना से जिसे रफ़ी संग सुरैया ने गाया है. इस गीत
में आलाप का खूब प्रयोग है और ज़रा भी अटपटा नहीं लगता
सुनने में. जब हम इसे अलौकिक कह ही चुके है पहले तो आपको
अटपटा बिलकुल बिलकुल भी नहीं लगना चाहिए किसी भी सूरत
में. ये आलाप ही तो इस गीत की खूबसूरती में इजाफा कर
रहे हैं.
फिल्म के प्रमुख कलाकार हैं शम्मी कपूर और सुरैया. शम्मी के
लिए रफ़ी की आवाज़ का प्रयोग हुआ है और सुरैया ने खुद ही
गाया है ये गीत. काश शम्मी भी गाने वाले कलाकार होते तो ये
१०० परसेंट वास्तविक लगता.
गीत लिखा है कमर जलालाबादी ने और हुस्नलाल भगतराम इसके
संगीतकार हैं.
गीत के बोल:
बेक़रार है कोई आ मेरे दिलदार आ
बेक़रार है कोई आ मेरे दिलदार आ
है किसी की ज़िंदगी आ इश्क़ है गमख़्वार आ
डसती है नागन सी फ़ुरक़त की रातें
डसती है नागन सी फ़ुरक़त की रातें
झूठी हैं बिन तेरे जीने की बातें
जीने की बातें
हाय क्यूँ ये बेबसी आ मैं हूँ तलबगार आ
चुन लूँ ग़म तेरे दुख-दर्द मिटा दूँ
चुन लूँ ग़म तेरे दुख-दर्द मिटा दूँ
होंठों पे नगमों की कलियाँ खिला दूँ
कलियाँ खिला दूँ
रो रही है बेक़सी आ हुस्न है बीमार आ
हँसना है बस में न रोना है बस में
हँसना है बस में न रोना है बस में
महलों में रह कर वो कह देगा कसमें
वो कह देगा कसमें
मंज़िलों में प्यार की आ तोड़ के दीवार आ
बेक़रार है कोई आ मेरे दिलदार आ
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Bekarar hai koi-Shama parwana 1954
Artists: Shammi Kapoor, Suraiya