Mar 27, 2017

नदी में तलब है-उड़ान २०१०

नयी फिल्मों से कोई गीत हमने नहीं सुना बहुत दिन से. एक
गीत सुनते हैं फिल्म उड़ान से. अमिताभ भट्टाचार्य ने गीत को
लिखा है और इसको सुरों में ढालने वाला काम अमित त्रिवेदी ने
किया है. जॉय बरुआ, अमित त्रिवेदी और न्यूमैन पिंटो ने इसे
गाया है.

फिल्म का निर्माण संजय सिंह, रोनी स्क्रूवाला और अनुराग कश्यप
ने मिल के किया था. कहा जाता है ये फिल्म अनुराग कश्यप के
जीवन पर आधारित है. फिल्म का निर्देशन विक्रमादित्य मोटवानी
ने किया है. रजत बरमेचा, रोनित रॉय, आर्यन बोराडिया और
राम कपूर जैसे कलाकार इसमें हैं जिसमें से हमने पहले दो लोगों
के नाम ही सुने हैं जो टेलीविज़न की दुनिया के सितारे हैं या
रहे हैं. रजत बरमेचा की ये पदार्पण फिल्म है.




गीत के बोल:

नदी में तलब है कहीं जो अगर
समंदर कहाँ दूर हैं
दमकती गरज़ हैं सोने मैं अगर
तो जलना भी मंज़ूर हैं
एक उड़ान कब तलक यूँ कैद रहेगी
रोको ना छोड़ दो इसे
एक उड़ान ही सपनों को जिंदगी देगी
सपनो से जोड़ दो इसे

पुरानी दलीलों रस्मों को सभी
अभी से कहें अलविदा
बदलते दिनों के तरीकों से
सींचे हम नया गुलसिताँ
एक उड़ान कब तलक यूँ कैद रहेगी
रोको ना छोड़ दो इसे
एक उड़ान ही सपनों को जिंदगी देगी
सपनो से जोड़ दो इसे
एक उड़ान कब तलक यूँ कैद रहेगी
रोको ना छोड़ दो इसे
एक उड़ान ही सपनों को जिंदगी देगी
सपनो से जोड़ दो इसे
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Nadi mein talab hai-Udaan 2010

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