May 25, 2017

इश्क़ दीवाना हुस्न भी घायल-संघर्ष १९६८

दोनों तरफ एक दर्द-ए-जिगर है. मसला ये है दोनों तरफ आग
लगी हुई है. कहने का तरीका बदल जाता है गीतों में. दोनों
तरफ जो भी लगा हुआ है उसकी मात्रा बराबर है. इधर एक
तोला है तो उधर भी एक तोला है.

गीत शकील बदायूनीं का है, इसे गाया है रफ़ी ने और नौशाद ने
धुन तैयार की. दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला पर ये गीत
फिल्माया गया है. जबरिया उछल कूद से ये गीत मुक्त है.


   
गीत के बोल:

इश्क़ दीवाना हुस्न भी घायल
इश्क़ दीवाना हुस्न भी घायल
दोनों तरफ़ इक दर्द-ए-जिगर है
दिल की तड़प का हाल न पूछो
दिल की तड़प का हाल न पूछो
जितनी इधर है उतनी उधर है
इश्क़ दीवाना

अपने फ़साने दिल के तराने
या तुम समझो या हम जानें
तुमको हमारे दिल का पता है
हमको तुम्हारे दिल की ख़बर है
इश्क़ दीवाना हुस्न भी घायल
इश्क़ दीवाना

बिखरी ज़ुल्फ़ें आँचल ढलका
लब पे तबस्सुम हल्का हल्का
प्यार में हम तो खोए हैं लेकिन
आज तुम्हें भी होश किधर है
दिल की तड़प का हाल न पूछो
दिल की तड़प का हाल न पूछो
जितनी इधर है उतनी उधर है
इश्क़ दीवाना

चाँद-सितारे शोख़ नज़ारे
लूट ना लें सब रूप तुम्हारे
हुस्न को रखना सबसे बचा के
देखो तुम्हीं पर सबकी नज़र है

इश्क़ दीवाना हुस्न भी घायल
इश्क़ दीवाना हुस्न भी घायल
दोनों तरफ़ इक दर्द-ए-जिगर है
दिल की तड़प का हाल न पूछो
दिल की तड़प का हाल न पूछो
जितनी इधर है उतनी उधर है
इश्क़ दीवाना
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Ishq deewana husn bhi ghayal-Sangharsh 1968

Artists: Dilip Kumar, Vaijayantimala

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