लो खा लो मैडम खाना-स्ट्रीट सिंगर १९३८
में खाना खाने या खिलाने का जिक्र हो हमने बहुत कम सुने हैं
अभी तक. एक गीत सुनते हैं फिल्म स्ट्रीट सिंगर से जो कि
सन १९३८ की एक बड़ी हिट फिल्म है. एक हल्का फुल्का हास्य
गीत है ये जो एक सिचुएशनल सॉंग की तरह फिल्म में प्रयोग हुआ
है. धुल, फूल, उल ज़लूल जैसे शब्दों के साथ ये गीत काफी कूल
प्रतीत होता है. वैसे कूल शब्द को सबसे ज्यादा लोकप्रिय किसी
गीत ने कराया है विश्व स्तर पर तो वो है बोनी एम् का डैडी कूल.
फिल्म के संगीतकार तो आर सी बोराल हैं मगर इस गीत को
एक अन्य संगीतकार गा रहे हैं-खेमचंद प्रकाश और उनके साथ
हैं रेखा नामक गायिका. गीत पर नृत्य भी खेमचंद प्रकाश कर
रहे हैं. खेमचंद प्रकाश ने नृत्य की बाकायदा तालीम ली हुई थी
अपने बचपन में. गीत आरजू लखनवी ने लिखा है.
गीत के बोल:
लो खा लो मैडम खाना
लो खा लो मैडम खाना
खा लो मैडम खाना
क्यों इतनी देर लगाई
है जान लबों पर आई
और पेट में उड़ गई धूल
मुये चन्डूल गधे की ज़ूल
और पेट में उड़ गई धूल
मुये चन्डूल गधे की ज़ूल
मैं लेने गया था मिठाई
रस्ते में ठोकर खाई
मैं लेने गया था मिठाई
रस्ते में ठोकर खाई
और चोट देखो आई
और चोट देखो आई
चल झूठे मुये हरज़ाई
ये सब बक बक है फ़िज़ूल
चल झूठे मुये हरज़ाई
ये सब बक बक है फ़िज़ूल
मुये मजूल नामाकूल
क्यों इतनी हो झल्लाती
ये सालन है ये चपाती
क्यों इतनी हो झल्लाती
ये सालन है ये चपाती
मुझको तो नहीं है भाती
हाँ पूरी कचौरी खाती
हाँ पूरी कचौरी खाती
मुझको तो नहीं है भाती
हाँ पूरी कचौरी खाती
हाँ पूरी कचौरी खाती
फिर जाऊँ अभी फिर जाऊँ
तुम ठहरो अभी ले आऊँ
क्या भूख से मैं मर जाऊँ
या कच्चा तुझे चबाऊँ
नामाकूल गधे की ज़ूल
मुये चन्डूल
अब देर ना होगी बख्शो
तुम बख्शो हाँ बख्शो
अब देर ना होगी बख्शो
तुम बख्शो हाँ बख्शो
क्या छोड़ दूँ यूंहीं तुझको
छोड़ दूँ यूंहीं तुझको
क्या छोड़ दूँ यूंहीं तुझको
छोड़ दूँ यूंहीं तुझको
बस तौबा बीबी तौबा
पहले भी की थी तौबा
अरे बस तौबा बीबी तौबा
पहले भी की थी तौबा तौबा
ऊलजलूल बिलाडी फूल
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Lo kha lo madam khana-Street Singer 1938
Artists: Rekha, Khemchand Prakash
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