ऐ मेरी ज़िंदगी-अदले जहाँगीर १९५५
सर्फ़ और रिन की टिकिया ही सारे दाग धब्बे गायब हैं. कुदरत
की लौंड्री में मगर कभी दाग गहरे रह जाते हैं तो कभी वक्त
के साथ धुल जाया करते हैं.
फिल्म: अदले जहाँगीर
वर्ष: १९५५
गीतकार: कमर जलालाबादी
गायिका:लता मंगेशकर
संगीत:हुस्नलाल भगतराम
गीत के बोल:
ऐ मेरी ज़िंदगी तुझे ढूँढूँ कहाँ
न तो मिल के गये न ही छोड़ा निशाँ
ऐ मेरी ज़िंदगी तुझे ढूँढूँ कहाँ
साथ ले जा मुझे वादी-ए-मौत में
ये भी क्या ज़िंदगी तू कहाँ मैं कहाँ
तू कहाँ मैं कहाँ
ऐ मेरी ज़िंदगी तुझे ढूँढूँ कहाँ
न तो मिल के गये न ही छोड़ा निशाँ
ऐ मेरी ज़िंदगी तुझे ढूँढूँ कहाँ
नहीं मेंहदी सनम ये है ख़ून-ए-जिगर
नहीं मेंहदी सनम ये है ख़ून-ए-जिगर
देखी होगी भला ऐसी दुल्हन कहाँ
ऐसी दुल्हन कहाँ
ऐ मेरी ज़िंदगी तुझे ढूँढूँ कहाँ
न तो मिल के गये न ही छोड़ा निशाँ
ऐ मेरी ज़िंदगी तुझे ढूँढूँ कहाँ
सुन रहा है तू क्या ये ख़ुशी की सदा
सुन रहा है तू क्या ये ख़ुशी की सदा
आ रहा है मेरी मौत का करवाँ
मौत का कारवाँ
ऐ मेरी ज़िंदगी तुझे ढूँढूँ कहाँ
न तो मिल के गये न ही छोड़ा निशाँ
ऐ मेरी ज़िंदगी तुझे ढूँढूँ कहाँ
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Ae meri zindagi-Adl-e-Jahangir 1955
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