यहाँ कौन है असली-क़ैद १९७५
जाने क्यूँ जनता रोते-झींकते काम करती है. गौर फरमाएं
कपडे धुलाई, बर्तन धुलाई, खाना बनाना, कपडे सीना और
जो कुछ भी मुझे याद नहीं आ रहा है अभी, वो सब फिल्मों
में संगीतमय तरीके से करना बतला दिया गया है. ९० के
दशक में इंडीपॉप वीडियो के ज़रिये इला अरुण ने भी गा के
और झूम झूम के झाड़ू लगाना सिखा दिया जनता को.
ये गाना अपने समय का एक हिट और खूब बजने वाला गीत
रहा है, जो हम आज आपको सुनवा रहे हैं. पहले फरमाईशी
कार्यक्रम काफी आया करते थे जिससे जनता क्या सुनना
चाहती है इसका काफी हद तक सही अनुमान लगता था. अभी
आजकल के अधिकांश कार्यक्रमों में रेडियो जॉकी(जोकर) की
व्यक्तिगत पसंद भी शामिल हो जाती है.
गीत के बोल:
यहाँ कौन है असली कौन है नकली
अपने हैं या बेगाने
ये तो राम जाने ये तो राम जाने
…………………………………………………………..
Yahan kaun hai asli-Qaid 1975
Artist: Leena Chandavarkar
0 comments:
Post a Comment