May 27, 2017

मैंने इक गीत लिखा है-ये नजदीकियां १९८२

एक समय था जब हमें कोई फिल्म समझ नहीं आती
तो हम उसे ऑफ-बीट कह लेते. इसमें कुछ अंग्रेजी की
फ़िल्में भी शामिल होतीं जो सर के ऊपर से जातीं.

समय के साथ साथ हमारे ज्ञान चक्षु खुलते चले और
हम आर्ट फिल्म और ऑफ-बीट इत्यादि फिल्मों में
अंतर कर सकने में सक्षम हो गए.

आज आपको सुनवाते हैं सन १९८२ की चर्चित फिल्म
ये नजदीकियां से एक गीत जो शबाना आज़मी पर
फिल्माया गया है. जे पी दीक्षित नाम के गीतकार ने
इसे लिखा है और रघुनाथ सेठ ने इसे संगीतबद्ध किया
है. गायक स्वर अनुराधा पौडवाल का है.



गीत के बोल:

इक गीत लिखा है  जो तुमको सुनना है
मैंने इक गीत लिखा है  जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीन ख़्वाबों को  साँसों से सजाती हूँ
मैंने इक गीत लिखा है  जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीन ख़्वाबों को  साँसों से सजाती हूँ

हँसते हुए फूलों पे  ठहरी हुई शबनम है
ये कौन सा नग़मा है  ये कौन सी सरगम है
हँसते हुए फूलों पे  ठहरी हुई शबनम है
ये कौन सा नग़मा है  ये कौन सी सरगम है
इक साज़ जो गुमसुम है  मैं उसको जगाती हूँ

मैंने इक गीत लिखा है  जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीन ख़्वाबों को  साँसों से सजाती हूँ
मैंने इक गीत लिखा है

ये धूप खटकती सी  सोये हुए साये हैं
ये धूप खटकती सी  सोये हुए साये हैं
किस देश से चल कर ये  इस देश में आये हैं
मैं इनकी सदा बनकर उस पार से आती हूँ
साँसों में समाती हूँ

मैंने इक गीत लिखा है  जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीन ख़्वाबों को  साँसों से सजाती हूँ
मैंने इक गीत लिखा है

इक प्यार की सिहरन है  मदमस्त फुहारों में
इक शोख शरारत है  रंगीन नज़ारों में
इक प्यार की सिहरन है  मदमस्त फुहारों में
इक शोख शरारत है  रंगीन नज़ारों में
इस प्यार के साग़र में  मौजों को उठाती हूँ

मैंने इक गीत लिखा है  जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीन ख़्वाबों को  साँसों से सजाती हूँ
मैंने इक गीत लिखा है
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Maine ek geet likha hai-Ye nazdeekiyan 1982

Artists: Shabana Azmi, Pomerian Dog, Unknown Face

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