जीना यहाँ मरना यहाँ-मेरा नाम जोकर १९७०
आज क्लासिक फिल्म कही जाती है. फिल्म चली हो या ना चली
हो इसके गीत खूब चले थे. आज सुनते हैं मुकेश का गाया गीत.
फिल्म का एक गीत है जो आज के समय के लिए एकदम सटीक
है विशेषकर मोबाइल कान पर चिपका के सुध बुध खो के अन्धों
की तरह चलने वालों के लिए. कुछ तो जान बूझ कर ढोंग करते
हैं ताकि उन्हें दूसरे लोग रास्ता दे दें. आपको भी भरी भीड़ में
रास्ता चाहिए हो तो मोबाइल कान में चिपका लें, आसमान में
उड़ते हुए चील कौवों को देखने लगें और चलना शुरू कर दें,
रास्ता अपने आप मिलता जायेगा. हाँ, ये ड्रामा किसी खम्बे या
रोड पर आते हुए भारी वाहन के सामने ना करें. ये गीत है-ऐ
भाई ज़रा देख के चलो जो आप सुन चुके हैं पहले.
गीत शैली शैलेन्द्र का लिखा हुआ है और इसकी तर्ज़ बनाई है
शंकर जयकिशन ने. शैली गीतकार शैलेन्द्र के पुत्र हैं.
गीत के बोल:
जीना यहाँ मरना यहाँ
इसके सिवा जाना कहाँ
जी चाहे जब हमको आवाज़ दो
हम हैं वहीं हम थे जहाँ
जीना यहाँ मरना यहाँ
इसके सिवा जाना कहाँ
कल खेल में हम हों न हों
गर्दिश में तारे रहेंगे सदा
भूलोगे तुम भूलेंगे वो
पर हम तुम्हारे रहेंगे सदा
होंगे यहीं अपने निशाँ
इसके सिवा जाना कहाँ
जीना यहाँ मरना यहाँ
इसके सिवा जाना कहाँ
ये मेरा गीत जीवन संगीत
कल भी कोई दोहरायेगा
जग को हँसाने बहरूपिया
रूप बदल फिर आयेगा
स्वर्ग यहीं नर्क यहाँ
इसके सिवा जाना कहाँ
जीना यहाँ मरना यहाँ
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Jeena yahan marna yahan-Mera naam joker 1970
Artist: Raj Kapoor

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