चलो तुमको ले कर चलें हम-जिस्म २००३
जाता है या उसके लिए जबरिया कसरत करनी पड़ती है? ये शायद
अभिनय करने वाले भी पूरी तरह से नहीं समझ पाते होंगे. अभिनय
मन से भी किया जा सकता है और तन से भी. जब चेहरे पर भाव
नहीं आते हैं तो तन के बाकी हिस्से भावों को उभारने में मदद करते
हैं. बॉडी लेंग्वेज शब्दों को अपने ज़रूर सुना होगा और समझा होगा.
सुनते हैं फिल्म जिस्म से एक मधुर क्रीमी गीत जिसकी धुन तैयार
की है एम एम क्रीम ने. नीलेश मिश्रा का गीत है और श्रेया घोषाल
की आवाज़.
गीत के बोल:
चलो तुमको ले कर चलें हम उन फ़िज़ाओं में
जहाँ मीठा नशा है तारों की छाँवों में
चलो तुमको ले कर चलें हम उन फ़िज़ाओं में
जहाँ मीठा नशा है तारों की छाँवों में
चलो तुमको ले कर चलें हम उन फ़िज़ाओं में
चलो तुमको ले कर चलें हम उन फ़िज़ाओं में
गाती सरसराती इन हवाओं संग आओ पास मेरे आना
सपनों का सफ़र है मेरे दिल का ये भँवर है इसमें डूब जाना
ज़रा सा लम्हा छुपा था अब मिल गया
जहाँ मीठा नशा है तारों की छाँव में
चलो तुमको ले कर चलें हम उन फ़िज़ाओं में
मद्धम रोशनी है और चँचल चाँदनी है चले आओ ना
शबनम सी चुभन है और महका सा मिलन है दूर जाओ ना
सुहाना सपना तुम्हारा सच हो गया
जहाँ मीठा नशा है तारों की छाँवों में
चलो तुमको ले कर चलें हम उन फ़िज़ाओं में
जहाँ मीठा नशा है तारों की छाँवों में
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Chalo tumko le kar-Jism 2003
Artists: John Abraham, Bipasha Basu
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